अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भारत की भूमिका - letest education

अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भारत की भूमिका

भारत एक विशाल लोकतंत्र, उभरती हुई अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक विविधता वाला देश है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भूमिका तेजी से बढ़ रही है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से, भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी पहचान को लगातार मजबूत किया है। यह देश ना केवल अपनी विदेश नीति के माध्यम से विश्व शांति, विकास और सहयोग को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि विभिन्न वैश्विक चुनौतियों जैसे जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, और गरीबी उन्मूलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत की विदेश नीति का उद्देश्य है कि वह एक सशक्त, स्वावलंबी और संतुलित वैश्विक व्यवस्था में योगदान दे, जहां सभी देशों का सम्मान और अधिकार समान रूप से सुरक्षित हों। 

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भारत की विदेश नीति का विकास

भारत की विदेश नीति के निर्माण में कई महान नेताओं की भूमिका रही है। जवाहरलाल नेहरू ने इस नीति की नींव रखी, जिसमें गुटनिरपेक्ष आंदोलन की पहल मुख्य रही। इसके तहत भारत ने शीत युद्ध के दौरान किसी भी गुट का पक्ष नहीं लिया और स्वयं को एक स्वतंत्र शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया। इसके अलावा, भारत ने हमेशा शांति और सहयोग पर जोर दिया, चाहे वह क्षेत्रीय विवाद हों या अंतरराष्ट्रीय मसले।

समय के साथ, भारत की विदेश नीति में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव आए। आर्थिक उदारीकरण के बाद, 1991 के बाद से, भारत ने अपनी विदेश नीति को एक आर्थिक दृष्टिकोण से जोड़ना शुरू किया, जिससे वह विभिन्न देशों के साथ व्यापारिक संबंध बढ़ा सके। आज, भारत एक वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है, और उसकी विदेश नीति इसी दिशा में काम कर रही है।


भारत के विदेश संबंध

भारत के विदेश संबंध चार प्रमुख स्तंभों पर आधारित हैं: सुरक्षा, आर्थिक विकास, वैश्विक पर्यावरण और सांस्कृतिक समृद्धि।

(1) सुरक्षा संबंध

भारत की सुरक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य है देश की सीमाओं की रक्षा करना और आतंकवाद जैसी आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से निपटना। पाकिस्तान और चीन के साथ सीमावर्ती विवादों के बावजूद, भारत ने अपने पड़ोसी देशों के साथ मजबूत कूटनीतिक संबंध बनाए रखने का प्रयास किया है। इसके साथ ही, भारत ने अमेरिका, रूस, फ्रांस और अन्य प्रमुख देशों के साथ रक्षा समझौतों को भी सुदृढ़ किया है।

(2) आर्थिक संबंध

वैश्वीकरण के इस युग में, भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को विश्व बाजार के साथ जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। भारत-अमेरिका, भारत-यूरोपीय संघ, भारत-आसियान जैसे विभिन्न द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के माध्यम से व्यापार और निवेश को बढ़ावा दिया गया है। इसके अलावा, भारत ने ब्रिक्स, सार्क, और जी-20 जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भी प्रमुख भूमिका निभाई है, जो वैश्विक आर्थिक नीति निर्माण में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।

(3) वैश्विक पर्यावरण

भारत ने जलवायु परिवर्तन और सतत विकास को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी भूमिका को तेजी से बढ़ाया है। पेरिस जलवायु समझौते में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण रही है, और देश ने नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा, के क्षेत्र में बड़ी प्रगति की है।

(4) सांस्कृतिक समृद्धि

भारत की सांस्कृतिक विविधता और समृद्ध विरासत उसे एक विशिष्ट स्थान दिलाती है। भारतीय संस्कृति, योग, आयुर्वेद और बॉलीवुड जैसी भारतीय सॉफ्ट पावर ने वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को और मजबूत किया है। विदेशों में रहने वाले भारतीय प्रवासियों की संख्या भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो भारत के सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को बढ़ाने में सहायक होते हैं।


भारत का वैश्विक मंच पर बढ़ता प्रभाव

आज, भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की मांग कर रहा है और इसे वैश्विक शक्तियों का समर्थन भी प्राप्त है। भारत का निरंतर प्रयास रहा है कि वह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करे। इसके अलावा, भारत अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका जैसे विकासशील देशों के साथ तकनीकी सहयोग और आर्थिक सहायता के माध्यम से भी गहरे संबंध बना रहा है।

भारत की “एक्ट ईस्ट” और “नेबरहुड फर्स्ट” जैसी नीतियों का उद्देश्य आस-पास के देशों के साथ मजबूत संबंध बनाना है। इसके साथ ही, भारत ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाई है, जहां वह समुद्री सुरक्षा और व्यापार मार्गों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।

निष्कर्ष

भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंध आज विकास की नई ऊंचाइयों पर हैं। एक समृद्ध, शक्तिशाली और लोकतांत्रिक देश के रूप में, भारत ने दुनिया में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। जहां एक ओर भारत अपनी सुरक्षा और आर्थिक विकास पर ध्यान दे रहा है, वहीं दूसरी ओर वह वैश्विक मुद्दों जैसे पर्यावरण, आतंकवाद और मानवाधिकारों में भी सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। आने वाले समय में, भारत की भूमिका वैश्विक मंच पर और अधिक महत्वपूर्ण होती जाएगी, और यह देश शांति, विकास और स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना रहेगा।

Note 

यह लेख भारत की अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भूमिका को एक विस्तृत दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है, जिसमें विदेश नीति के प्रमुख स्तंभ और वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती उपस्थिति को ध्यान में रखा गया है। 


Important short questions and answers 


भारत की विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य क्या है?

भारत की विदेश नीति का मुख्य उद्देश्य विश्व शांति, विकास और सहयोग को बढ़ावा देना है। इसका उद्देश्य एक सशक्त, स्वावलंबी, और संतुलित वैश्विक व्यवस्था में योगदान देना है, जहां सभी देशों के अधिकार और सम्मान समान रूप से सुरक्षित हों।

गुटनिरपेक्ष आंदोलन में भारत की क्या भूमिका थी?

गुटनिरपेक्ष आंदोलन के तहत भारत ने शीत युद्ध के दौरान किसी भी गुट का पक्ष नहीं लिया। जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित इस नीति के तहत भारत ने स्वयं को एक स्वतंत्र शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया, जो न तो पश्चिमी और न ही सोवियत गुट के पक्ष में था।

भारत की सुरक्षा नीति का क्या उद्देश्य है?

भारत की सुरक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य देश की सीमाओं की रक्षा करना और आंतरिक एवं बाहरी चुनौतियों जैसे आतंकवाद से निपटना है। इसके साथ ही, भारत ने अपने पड़ोसी देशों के साथ मजबूत कूटनीतिक संबंध बनाए रखने का प्रयास किया है और अमेरिका, रूस, फ्रांस आदि देशों के साथ रक्षा समझौतों को भी मजबूत किया है।

वैश्विक पर्यावरण में भारत की क्या भूमिका है?

भारत ने जलवायु परिवर्तन और सतत विकास के मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पेरिस जलवायु समझौते में भारत की भूमिका अहम रही है, और देश ने नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से सौर ऊर्जा, के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।

भारत की "एक्ट ईस्ट" और "नेबरहुड फर्स्ट" नीतियां क्या हैं?

“एक्ट ईस्ट” और "नेबरहुड फर्स्ट" नीतियों का उद्देश्य आस-पास के देशों के साथ मजबूत कूटनीतिक और आर्थिक संबंध बनाना है। इसके साथ ही, इन नीतियों के तहत भारत इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और व्यापार मार्गों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।

भारत की सांस्कृतिक समृद्धि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में कैसे मदद करती है?

भारत की सांस्कृतिक विविधता, योग, आयुर्वेद, और बॉलीवुड जैसी सॉफ्ट पावर ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी छवि को मजबूत किया है। इसके अलावा, विदेशों में रहने वाले भारतीय प्रवासी भी भारत के सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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