जनसंचार के माध्यम किसे कहते हैं? तथा इनकी विशेषताएं

 जनसंचार के माध्यम 

जनसंचार के माध्यम को हम उस साधन के रूप में जानते हैं जिसके माध्यम से लोग अपने विचार, जानकारी, और विचारों को दूसरों के साथ साझा करते हैं। यह माध्यम बहुत सारे रूपों में हो सकता है, जैसे कि संदेशों के माध्यम से लिखित, उच्चारित, या दृश्य रूप से संचार, सामाजिक मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, टेलीफोन, टेलीविजन, और रेडियो आदि। इन माध्यमों के माध्यम से जनसंचार होता है जो व्यक्तियों को अपने संदेशों को दूसरों के साथ साझा करने की संभावना प्रदान करता है। इसका उद्देश्य संचार की प्रभावी और सहज तरीके से प्रदान करना होता है ताकि लोग एक-दूसरे के साथ संपर्क में रह सकें और जानकारी को आसानी से साझा कर सकें।

जनसंचार के माध्यमों की विशेषताएं

(1) उच्च तकनीक पर आधारित

जनसंचार के माध्यमों में उच्च स्तरीय तकनीक का प्रयोग होता है। इनमें प्रयुक्त होने वाले यंत्र उन्नत और जटिल प्रणाली वाले होते हैं। उनका निर्माण, संचालन एवं रखरखाव तीनों ही विशिष्ट योग्यता की मांग करते हैं। इसीलिए वैज्ञानिक एवं तकनीकी शिक्षण एवं प्रशिक्षण के साधनों और सुविधा के अभाव में जनसंचार के माध्यमों का पूर्ण उपयोग कर पाना संभव नहीं है।

(2) समकालिकता

इन माध्यमों की दूसरी विशेषता यह है कि यह एक ही समय बिंदु पर व्यापक क्षेत्र में पहले श्रोताओं में संचार करने में सक्षम है।

(3) श्रोताओं की विभिन्नता

जनसंचार के माध्यमों में पाठक, दर्शन या श्रोता, जिन्हें सामूहिक रूप से श्रोता ही कहा जाता है, विविधता से परिपूर्ण होते हैं। आयु, लिंग, जाति, शैक्षिक स्तर, पारिवारिक पृष्ठभूमि आरती की दृष्टि से श्रोता जनसमूह भिन्नता लिए हुए होते हैं।

(4) संचार एक वृत्ति के रूप में

जनसंचार के क्षेत्र में संचार करता विशिष्ट प्रशिक्षण प्राप्त किए हुए होते हैं। जनसंचार विशिष्ट व्यवसाय का क्षेत्र बनता जा रहा है। उदाहरणार्थ, समाचार पत्रों के लिए संवाददाता, स्वतंत्र पत्रकार, लेखक, आलोचक, विशिष्ट कॉलम लेखक, प्रेस फोटोग्राफर आदि प्रशिक्षित व्यक्ति होते हैं। यही बात अन्य जनसंचार माध्यमों पर भी लागू होती है।

(5) अनाम या गुमनाम प्रचार

जनसंचार इस अर्थ में एनम प्रक्रिया है कि संचार कर्ता श्रोता समूह के समझ नहीं होता और ना वह यह जानता है कि कितने और कौन से श्रोता उसका संदेश ग्रहण कर रहे हैं। श्वेता समूह की प्रतिक्रिया तो बाद में पता चलती है। यह प्रतिक्रिया भी, जैसे संपादन के नाम पत्रों द्वारा, एक अनाम संचार कर्ता को ही संबोधित करती हैं।

(6) व्यापक क्षेत्र

जनसंचार के माध्यमों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह बहुत बड़े क्षेत्र में श्रोता समूह तक पहुंच सकते हैं। यहां तक कि उनका संचार क्षेत्र विश्वव्यापी भी हो सकता है।

(7) संगठित संचार

जनसंचार के माध्यम संगठित क्षेत्र से संबंधित है। बड़े-बड़े औपचारिक संगठन इनके द्वारा संचार की प्रक्रिया में लगे होते हैं।

(8) विविध प्रकार्य

जनसंचार माध्यम अनेक प्रकार्य करने में सक्षम है। मैक्ब्राइड नई जनसंचार माध्यमों के आठ प्रकार्य बताए हैं—सूचना प्रसार, समाजीकरण, प्रेरणा, वाद विवाद एवं विचार विमर्श, शिक्षा, सांस्कृतिक उन्नयन, मनोरंजन तथा एकीकरण। प्रत्येक समाज की संचार नीति इन प्रकारों के मध्य वरीयता का निर्धारण करती है।

(9) सकारात्मक एवं नकारात्मक परिणाम सम्भव 

जनसंचार माध्यमों का प्रभाव जहां एक और विकास की दृष्टि से अथवा शिक्षा की दृष्टि से अथवा संसाधनों को दिशा प्रदान करने की दृष्टि से सहायक हो सकता है वहीं जरा सी भी असावधानी कुप्रभाव छोड़ सकती है। जैसे चलचित्रों पर प्रायः यह आरोप लगाया जाता है कि उन्होंने अपराध, रोमांस और हिंसा को बढ़ावा दिया है या टेलीविजन से बच्चों की पढ़ाई में बाधा पड़ रही है। इसलिए इन माध्यमों का प्रयोग सुनियोजित ढंग से और सावधानी पूर्वक किया जाना चाहिए।

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