वैश्वीकरण का अर्थ एवं परिभाषा
वैश्वीकरण का अर्थ ; किसी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था का विश्व की अर्थव्यवस्था के साथ समन्वय ही वैश्वीकरण कहलाता है। एक प्रक्रिया के रूप में वैश्वीकरण को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में विश्व अर्थव्यवस्था से अंतर्ग्रंथन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। इस भूमंडलीकरण या विश्वव्यापीकरण भी कहा जाता है। यह द्विपक्षीय या बहुपक्षीय व्यापार एवं वित्तीय समझौते से भिन्न वह प्रक्रिया है, जिसमें राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के द्वारा विश्व स्तर पर उपलब्ध आर्थिक अवसरों से लाभान्वित होने का विचार अंतर निहित है। द्विपक्षीय या बहुपक्षीय समझौते या अंतरराष्ट्रीय व्यापार का विचार इसलिए एक सीमित अवधारणा है क्योंकि इसके अंतर्गत दो या दो से अधिक राष्ट्र किसी निश्चित अवधि का उद्देश्य के लिए परस्पर सहयोग करते हैं।
वैश्वीकरण की परिभाषा
वैश्वीकरण की परिभाषा ; वैश्वीकरण एक व्यापक अवधारणा है, जिसका मौलिक मंतव्य यह है कि प्रत्येक व्यक्ति को विश्व स्तर पर उपलब्ध अवसर, संसाधन, ज्ञान एवं तकनीकी सुगमता से उपलब्ध होने चाहिए। इसमें एक अन्य आधारभूत मान्यता यह भी है कि विश्व स्तर पर उपलब्ध सुविधाओं तक प्रत्येक राष्ट्र की पहुंचे तभी संभव है, जबकि विभिन्न राष्ट्रों के मध्य पूंजी, तकनीक, मानव संसाधनों, कच्चे माल तथा निर्मित वस्तुओं का आवागमन निर्बाध रूप से हो। अन्य शब्दों में यह कहा जा सकता है कि विश्व स्तर पर बाजार शक्तियों की क्रियाशीलता में कोई अवरोध नहीं होना।
वैश्वीकरण के कारण
(1) देशों के बीच व्यापार में वृद्धि के कारण
भूमंडलीकरण का मतलब है एक विशेष क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए उपयुक्त बनाना, जिसमें विभिन्न देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा दिया जाता है। इसी कारण से वैश्वीकरण की शुरुआत और अधिक तेजी से होने लगी। इस प्रकार का भूमंडलीकरण व्यापार में वृद्धि को बढ़ावा देता है क्योंकि यह व्यापारिक संबंधों को सुगम और आसान बनाता है। यह विभिन्न देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने में मदद करता है, जिससे व्यापारिक कार्यों की बढ़ती मांग और सम्भावनाओं का निर्माण होता है। इसके फलस्वरूप, देशों के बीच विपणन, निवेश और व्यापार में वृद्धि होती है।
(2) ज्ञान का प्रसार के कारण
भूमंडलीकरण की शुरुआत मुख्य रूप से व्यापार, यातायात, और संचार के विकास के साथ हुई। ऐतिहासिक रूप से, यह शुरूआत मध्य युग के आदि में व्यापारिक गतिविधियों और सामरिक अभियानों के साथ जुड़ी थी, जैसे कि स्पाइस और सिल्क रूट के लिए अधिग्रहण। यह व्यापारिक गतिविधियों के माध्यम से भूमंडलीकरण की प्रेरणा हुई, जिससे लोगों के बीच विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सांस्कृतिक और धार्मिक विनिमय हो सका। इससे विभिन्न समाजों के बीच ज्ञान का प्रसार हुआ और उन्हें एक-दूसरे के साथ संवाद करने का अवसर मिला। भूमंडलीकरण ने विश्व को एक साथ जोड़कर एक सामान्य और एकीकृत विश्व सामाजिक स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान किया।
(2) पूंजी और निवेश आंदोलनों के कारण
पूंजी और निवेश आंदोलन ने वैश्वीकरण की शुरुआत की कई ताकतों को प्रेरित किया। जैसे, निवेश के विकास पूंजी— और निवेश आंदोलन ने अंतरराष्ट्रीय निवेश के क्षेत्र में वृद्धि को बढ़ावा दिया। यह निवेशकों को विश्वास दिलाने में मदद किया कि वे अलग-अलग देशों में पूंजी निवेश कर सकते हैं। जिस कारण इन पूंजी और निवेश आंदोलन से भी वैश्वीकरण की शुरुआत हुई।
(3) व्यापार और लेनदेन के कारणों से
व्यापार और लेनदेन के कारण भी वैश्वीकरण की शुरुआत हुई है क्योंकि व्यापार और लेनदेन के माध्यम से वस्तुओं, सेवाओं, और पूंजी का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आदान-प्रदान होता है। यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार और लेनदेन की प्रक्रिया से विभिन्न देशों के बीच संचार और सहयोग का माध्यम बनता है, जिससे विभिन्न अंग और क्षेत्रों के बीच विश्व स्तर पर विकास की गति बढ़ती है। इसके अलावा, व्यापार और लेनदेन से व्यापारिक संबंधों को सुदृढ़ और स्थिर बनाने में मदद मिलती है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों का विस्तार होता है और साथ ही आर्थिक संबंधों में विश्वास और समझ मजबूत होती है। इस प्रकार, व्यापार और लेनदेन के माध्यम से वैश्वीकरण की प्रक्रिया सकारात्मक रूप से संचालित होती है।
(4) लोगों का प्रवास और आंदोलन के कारण
लोगों का प्रवास और आंदोलन भी वैश्वीकरण की शुरुआत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ऐतिहासिक रूप से, लोगों के प्रवास और आंदोलनों ने विभिन्न संस्कृतियों, विचार धाराओं, और धर्मों के बीच विश्व स्तर पर संचार को बढ़ावा दिया है। इसके परिणामस्वरूप, विभिन्न भाषाओं, धर्मों और संस्कृतियों के बीच विचारों और विचारों का विनिमय हुआ और संचार माध्यम तथा प्रवास के कारण विश्वव्यापी रूप से अधिक उपलब्ध हुआ।
(5) नवीनतम तकनीकी और वैज्ञानिक विकास
विभिन्न क्षेत्रों में नवीनतम तकनीकी और वैज्ञानिक विकास ने वैश्वीकरण की शुरुआत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। तकनीकी और वैज्ञानिक अद्यतन ने संचार, परिवहन, ऊर्जा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में नए संभावनाओं को साधन किया है जिससे विश्वव्यापी संचार और यातायात की सुविधा में वृद्धि हुई है। इससे व्यापार, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उत्पादन में गहरे संबंध बने हैं, जो संसार भर में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं।
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