Pulwama Attack: 14 फरवरी भारत के लिए काला दिवस | निबंध | पुर्ण जानकारी?

Pulwama Attack: 14 फरवरी भारत के लिए काला दिवस | निबंध | पुर्ण जानकारी?

पुलवामा हमला (जानकारी और निबंध) 

pulwama hamla ; पुलवामा हमला, जो कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू और कश्मीर के पुलवामा जिले में हुआ, एक अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। इस हमले में कई जवान शहीद हो गए और बहुत से घायल हो गए। यह घटना भारतीय सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी क्षति थी और देश को आंतरिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

पुलवामा हमले कब और कैसे हुआ?

14फरवरी, 2019 को पुलवामा में हुए आतंकी हमले की 4 साल पूरी हो गई हैं। इस दिन, जैश-ए-मोहम्मद (JEM) आतंकवादी ने एक विस्फोटक लेकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले को निशाना बनाया था, जिसके कारण करीब 40 CRPF जवानों की शहादत हो गई थी। इस हमले के बाद, भारत ने मात्र 12 दिनों में 'नापाक' पाकिस्तान से बदला लिया था। भारतीय सुरक्षा बलों ने 26 फरवरी 2019 को बालाकोट एयरस्ट्राइक किया था, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया गया था।

या 14 फरवरी 2019 को, जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवंतीपोरा में गोरीपोरा के पास, सीआरपीएफ का काफिला पहुंचा। तभी वहाँ जैश-ए-मोहम्मद आतंकियों ने विस्फोटक से भरी कार को सीआरपीएफ जवानों की बस से भिड़ाकर हमला किया। इस धमाके में 40 जवान शहीद हो गए थे।

पुलवामा हमले के पीछे किस (कौन) संगठन का हाथ था?

पुलवामा हमले के पीछे का कारण था जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकी संगठन का हमला, जो एक स्थानीय कंट्रैक्टर की बस पर आतंकवादी हमला करके भारतीय सीआरपीएफ फोर्स के काफिले को निशाना बनाया था। इस हमले में कई जवानों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

भारत सरकार ने पुलवामा हमले को अत्यंत निंदनीय मानते हुए इस पर प्रतिक्रिया दिखाई। उसने इसे पूरी तरह से लड़ने का आलम दिखाया और आतंकवादियों को बदला लेने का वायदा किया।

पुलवामा हमला एक बड़ी और चुनौतीपूर्ण स्थिति बनाया, जो न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी एक बड़ी चिंता का विषय बन गया। यह घटना ने भारतीय सुरक्षा के तंत्र को मजबूत करने की जरूरत को और भी महसूस कराया।

इस प्रकार, पुलवामा हमला भारतीय इतिहास में एक अविस्मरणीय और दुखद घटना बन गया है, जो हमें यह याद दिलाता है कि आतंकवाद को पूरी तरह से उन्मूलन करने के लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा।

पुलवामा हमला को ब्लैक डे क्यों कहा जाता है ?
या 14 फरवरी को ब्लैक डे क्यों कहते हैं?

पुलवामा हमला को “ब्लैक डे” कहा जाता है क्योंकि इस दिन भारतीय सुरक्षा बलों के लिए एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद घटना हुई थी। इस हमले में कई जवानों की मौत हो गई और बहुत से अन्य जख्मी हो गए। यह घटना न केवल उन जवानों के परिवारों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए भी एक अधिकतम दुख का कारण बनी। इसलिए, इस दिन को "ब्लैक डे" के रूप में समझा जाता है।

इस खौफनाक हमले ने पूरे देश को चौंका दिया और उसे आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत को और भी महसूस कराया। यह घटना भारतीय इतिहास में एक अधिकतम दुखद दिन के रूप में दर्ज हो गई है, जिसे हमेशा याद किया जाएगा। 


महत्वपूर्ण जानकारी

पुलवामा अटैक किसने करवाया था?

पुलवामा अटैक जैश-ए-मोहम्मद करवाया था।

पुलवामा हमला कब हुआ था?

पुलवामा हमला 14 फरवरी, 2019 में हुआ था।

पुलवामा हमला कब और कहां हुआ था?

पुलवामा हमला 14 फरवरी 2019 ‌को और श्रीनगर जम्मू हाईवे (पुलवामा) हुआ था।

पुलवामा हमले में किस फोर्स के सैनिकों पर हमला हुआ था?

पुलवामा हमले में सेंट्रल रिजर्व, पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) फोर्स के सैनिकों पर हमला हुआ था।

पुलवामा हमले में कितने लोग शहीद हुए थे?

पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे।

पुलवामा हमले का जवाब भारत ने कब दिया?

पुलवामा हमले का जवाब भारत ने 26 फरवरी को ही दिया।

पुलवामा में क्या हुआ है?

पुलवामा में एक अटैक अथवा हमला हुआ था, जो कि 14 फरवरी, 2019 को हुआ था जिसमें भारतीय सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे।

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