लोक प्रशासन और व्यक्तिगत (निजी) प्रशासन
lok prashasan tatha niji prashasan mein antar ; लोक प्रशासन एक विभाग है जो शासनिक गतिविधियों से संबंधित है और सरकारी कार्यों का प्रबंधन करता है। इसका उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक और सांविदानिक प्रदर्शन को सुनिश्चित करना है। यह शासन की नीतियों और कार्रवाईयों को लागू करने में सक्षम है और विभिन्न सेवाएं प्रदान करता है। लोक प्रशासन व्यक्तिगत प्रशासन के विपरीत होता है, क्योंकि यह शासकीय क्षेत्रों का प्रबंधन करता है और सामाजिक हित में सक्रिय भूमिका निभाता है।
लोक प्रशासन और व्यक्तिगत प्रशासन में अंतर
(1) प्रतिनिधित्व
लोक प्रशासन जनता की सेवा भाव से किया जाता है। इसीलिए लोक प्रशासन के पीछे राज्य की बाध्यकारी शक्ति होती है। व्यक्तिगत प्रशासन निजी लाभ के लिए किया जाता है तथा इसके पीछे कोई बाध्यकारी शक्ति नहीं होती।
(2) व्यवहारिक अंतर
समान व्यवहार लोक प्रशासन की प्रमुख विशेषता मानी जाती है। इसके विपरीत व्यक्तिगत प्रशासन में व्यावहारिक समानता अनिवार्य ना होने के कारण यह बहुत कम दिखाई देती है। लोक प्रशासन, यह सामाजिक संगठनों, सरकारी विभागों, और सार्वजनिक सेवा प्रदाताओं में सामाजिक न्याय और सामाजिक सेवाओं को प्रबंधित करने में संलग्न है। व्यक्तिगत प्रशासन, यह व्यक्तियों, कंपनियों, निजी संस्थानों, और व्यक्तिगत सेवा प्रदाताओं के व्यवहार को प्रबंधित करने में संलग्न है।
(3) वित्त व्यवस्था में अंतर
लोक प्रशासन में धन व्यवस्थापिका की स्वीकृति से कार्यपालिका व्यय करती है। निजी प्रशासन में ऐसा नहीं होता।
और लोक प्रशासन, लोक प्रशासन में वित्तीय प्रबंधन सरकारी योजनाओं और सेवाओं के प्रबंधन को संचालित करने पर केंद्रित होता है। व्यक्तिगत प्रशासन, व्यक्तिगत प्रशासन में वित्तीय प्रबंधन व्यक्तिगत आर्थिक लक्ष्यों और योजनाओं को प्रबंधित करने पर केंद्रित होता है।
(4) उद्देश्य में असमानता
लोक प्रशासन का उद्देश्य सार्वजनिक लाभ पहुंचाना होता है, वही व्यक्तिगत प्रशासन का उद्देश्य निजी लाभ प्राप्त करना है। और लोक प्रशासन का मुख्य उद्देश्य समाज में सामाजिक समानता, सामाजिक कल्याण और सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करना है। व्यक्तिगत प्रशासन का मुख्य उद्देश्य व्यक्तिगत स्वतंत्रता, सफलता और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
(5) सेवा की भावना
लोक प्रशासन का लक्ष्य उन सेवाओं का प्रबंध है जो की जनता की सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं सुविधा के लिए अत्यंत आवश्यक है। निजी प्रशासन में ऐसा नहीं होता है।
(6) सार्वजनिक उत्तरदायित्व
व्यक्तिगत प्रशासन केवल व्यक्तिगत लाभ हेतु किया जाता है। वह जनता के प्रति उत्तरदाई नहीं होता है। वही लोक प्रशासन को प्रशासनिक कार्य करते समय जनता की इच्छा एवं उसके परिणामों का ध्यान रखना पड़ता है।
(7) कानूनों एवं नियमों की प्रभावशीलता
लोक प्रशासन के कार्य कानूनों एवं नियमों के अंतर्गत रहकर किए जाते हैं। इसके विपरीत व्यक्तिगत प्रशासन कानून और नियमों में बंधा हुआ नहीं होता है। वह अपना कार्य सुविधा अनुसार करता है।
(8) स्वरूप में अंतर
लोक प्रशासन राजनीतिक स्वरूप का होता है। व्यक्तिगत प्रशासन राजनीतिक स्वरूप का नहीं होता है।
(9) धन का अर्जन
लोक प्रशासन जनता पर कर लगाती है। इसी से उसकी आय होती है तथा लोक प्रशासन में आय की अपेक्षा व्यय अधिक होता है। व्यक्तिगत प्रशासन में आय अधिक भाव कम होता है क्योंकि उनका लक्ष्य लाभ प्राप्ति होता है।
(10) एकाधिकार की असमानता
लोक प्रशासन के कार्य एकाधिकार प्रकृति के होते हैं। उन्हें किसी अन्य समुदाय पर प्रयोग या लागू नहीं किया जा सकता है। इसके विपरीत निजी प्रशासन में एकाधिकार नहीं होता है।
(11) कार्य प्रणाली
लोक प्रशासन की कार्यप्रणाली व्यक्तिगत प्रशासन से भिन्न होती है। लोक प्रशासन जन सेवा व व्यक्तिगत प्रशासन निजी लाभ के लिए कार्य करता है।
(12) क्षेत्र में अंतर
लोक प्रशासन का क्षेत्र व्यक्तिगत प्रशासन की अपेक्षा अधिक विस्तृत होता है।
(13) सुरक्षित सेवाएं
लोक प्रशासनिक कर्मचारी अपने को सुरक्षित अनुभव करते हैं। व्यक्तिगत प्रशासनिक कर्मचारियों की सेवाएं अपने मालिक पर निर्भर होती है।
(14) कार्य की कुशलता
लोक प्रशासन की अपेक्षा व्यक्तिगत प्रशासन में कर्मचारी अधिक कुशलता एवं परिश्रम से काम करते हैं क्योंकि उनकी सेवाएं मालिक पर निर्भर करती हैं।
(15) अधिकारों एवं कर्तव्यों की निश्चितता
लोक प्रशासन के कर्मचारियों के अधिकार एवं कर्तव्य निश्चित होते हैं। कोई भी प्रशासनिक अधिकारी इन सीमाओं तथा नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके इस कार्य की जांच न्यायालय द्वारा की जाती है परंतु इसके विपरीत व्यक्तिगत प्रशासन में इतनी व्यापकता तथा कठोरता से कर्मचारियों के अधिकार निश्चित नहीं होते हैं।
(16) सहयोग की भावना
प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों में पारस्परिक सहयोग की भावना होती है। इसके विपरीत व्यक्तिगत प्रशासन में एक क्षेत्र में कार्य करने वालों में प्रतिस्पर्धा का भाव रहता है तथा एक दूसरे से अधिक के लाभ प्राप्ति के लिए प्रतियोगिता होती है।
निष्कर्ष
उपर्युक्त विवरण से स्पष्ट होता है कि लोक प्रशासन तथा निजी प्रशासन के बीच कोई एकदम स्पष्ट विभाजन रेखा खींचना कठिन है। प्रयोग देखा जाता है कि अधिकांश क्रियाएं दोनों प्रशासनों में की जाती है। सच तो यह है कि दोनों के बीच अंतर केवल मात्रा का रह गया है ,संगठन का नहीं।
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