जनसंख्या विस्फोट (वृद्धि) क्या है? अर्थ तथा कारण

जनसंख्या विस्फोट (अति जनसंख्या वृद्धि) 

जनसंख्या विस्फोट अथवा अति जनसंख्या का अर्थ ; जब किसी देश की जनसंख्या वहां पर उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों की तुलना में बहुत अधिक बढ़ जाती है, और वहां जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम सामने आने लगते हैं, तब उसे स्थिति को ‘जनसंख्या विस्फोट’ अथवा ‘जाति जनसंख्या’ की संख्या दी जाती है। इस स्थिति में जन्म दर, मृत्यु दर की तुलना में पर्याप्त अधिक होती है। भारत में जिस दर से प्रतिवर्ष जनसंख्या में वृद्धि हो रही है यदि यह स्थिति रही तो देश में इस दशक के समाप्त होने तक जनसंख्या विस्फोट की स्थिति अत्यंत गंभीर हो जाएगी, जो समाज के लिए पर्याप्त घातक सिद्ध होगी। 

भारत में जनसंख्या विस्फोट या वृद्धि के कारण

भारत की जनसंख्या निरंतर बढ़ रही है। जनसंख्या की योग वृद्धि हमारे लिए सर्वाधिक गंभीर समस्या है। जनसंख्या की तीव्र (जिसे अधिकतर लोग जनसंख्या विस्फोट की स्थिति भी कहते हैं) के कारण हमारी प्रगति की सभी योजनाएं असफल हो रही हैं। भारत में जनसंख्या की वृद्धि की मुख्य कारण कुछ इस प्रकार है— 

(1) विवाह के अनिवार्यता तथा कम उम्र में विवाह 

भारतीय धार्मिक विश्वासों तथा संस्कारो के कारण सभी स्त्री पुरुषों के लिए विवाह अनिवार्य माना जाता है। इसी विश्वास एवं प्रचलन के कारण सभी स्त्री पुरुष विवाह करके बच्चों को जन्म देते हैं। इसी से जनसंख्या में नियंत्रण वृद्धि होती रहती है। यहां यह स्पष्ट कर देना अनिवार्य है कि अनेक पाश्चात्य देशों में अनेक स्त्री पुरुष आजीवन अविवाहित रहते हैं। इस प्रचलन के कारण उन देशों में जन्म दर नियंत्रित रहती है तथा जनसंख्या में वृद्धि अधिक नहीं होती।

(2) संयुक्त परिवार प्रणाली का प्रभाव 

 संयुक्त परिवार प्रणाली भारतीय समाज की एक प्रमुख विशेषता है। इस प्रकार की पारिवारिक व्यवस्था में प्रत्येक सदस्य का समान दायित्व नहीं होता। परिवार का आकार बढ़ता चला जाता है तथा उसका व्यय अथवा खर्च संयुक्त कोष से होता है। इस स्थिति में बच्चों का स्पष्ट धातु ना होने के कारण अधिक संख्या में बच्चों को जन्म दिया जाता है तथा परिणाम स्वरुप जनसंख्या में वृद्धि हो जाती है।

(3) प्रचलित धार्मिक विश्वास

भारतीय समाज में, विशेष रूप से हिंदू समाज में यह एक धार्मिक विश्वास प्रचलित है कि मोक्ष प्राप्ति के लिए पुत्र का होना अनिवार्य है। इस विश्वास के कारण बहुत से दंपति पुत्र की लालसा में अनेक बच्चों को जन्म दे देते हैं। इस प्रकार 56 पुत्री के उत्पन्न हो जाने पर भी पुत्र की कामना बनी रहती है। यह प्रवृत्ति जन्म दर एवं जनसंख्या की वृद्धि का एक उल्लेखनीय कारण बन जाती है।

(4) गर्म जलवायु

भारत में सामान्य रूप से गर्म जलवायु पाई जाती है। यह एक जैविकिया तथ्य है कि गर्म जलवायु में रहने वालों की प्रजनन क्षमता अधिक होती है। प्रजनन क्षमता अधिक होने के कारण जन्म दर अधिक होती है। पहले मृत्यु दर भी भारत में अधिक थी जिससे जनसंख्या में इतनी तेजी से वृद्धि नहीं होती थी, परंतु अब स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि के कारण जन स्वास्थ्य स्तर बड़ा है तथा मृत्यु दर कम हुई है जिसके परिणाम स्वरुप जनसंख्या में निरंतर वृद्धि होती रहती है।

(5) मनोरंजन के अन्य साधनों की कमी

भारतीय समाज में, विशेष रूप से ग्रामीण तथा समाज के गरीब लोगों के पास स्वस्थ मनोरंजन के साधनों का प्रायः अभाव ही रहा है। इस स्थिति में यह लोग यौन सुख को ही मनोरंजन का एकमात्र साधन मानकर यौन संबंधों में अधिक लिप्त रहते हैं। इस प्रवृत्ति के परिणाम स्वरुप बच्चों की जन्म दर में वृद्धि होती है तथा जनसंख्या बढ़ जाती है।

(6) गर्भनिरोधक सुविधाओं की कमी

अधिकांश भारतीय क्षेत्र में अभी भी गर्भनिरोधक सुविधाओं के व्यापक प्रचार प्रसार का अभाव है अतः असम के पति पत्नी गर्भनिरोधक सुविधाओं एवं साधनों के ज्ञान से प्राय: वंचित रहते हैं। अशिक्षा एवं अज्ञानता के कारण भी, गर्भनिरोध के अनेक नवीन एवं अचूक उपायों का इन्हें ज्ञान ही नहीं है। इस कारणवश, चाहते हुए भी दंपति अपने परिवार को सीमित नहीं रख सकते तथा जनसंख्या में निरंतर वृद्धि होती रहती है।

(7) पारिवारिक मान्यता

भारतीय समाज में आज भी यह मान्यता पाई जाती है कि बड़ा परिवार सम्मान का प्रतीक है। लोग बड़े परिवार को गौरव का विषय मानते हैं। इस कारण से भी अनेक व्यक्ति परिवार के बड़े आकार को महत्व देते हैं, जिससे जनसंख्या बढ़ जाती है।

(8) मृत्यु दर का घट जाना

आधुनिक युग में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विज्ञान ने अपने-अपने क्षेत्र में पर्याप्त प्रगति की है। इसके परिणाम स्वरुप अनेक भयंकर रोगों का उपचार संभव हो सका है। इसके अतिरिक्त अनेक संक्रामक रोगों एवं महामारियों पर पर्याप्त सीमा तक नियंत्रण पा लिया गया है। यही नहीं, आज अधिकांश व्यक्ति संतुलित भोजन एवं स्वास्थ्य के नियमों से परिचित हो रहे हैं। इस ज्ञान से भी व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य में सुधार हुआ है तथा मृत्यु दर में कमी आने के परिणाम स्वरुप औसत आयु में वृद्धि हुई है। इससे भी जनसंख्या में वृद्धि होना स्वाभाविक ही है।

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