अर्थव्यवस्था का अर्थ क्या है? तथा 10 मुख्य लक्षण

अर्थव्यवस्था का अर्थ

अर्थव्यवस्था का अर्थ (तात्पर्य) ;  अर्थव्यवस्था एक ऐसा तंत्र है, जिसके माध्यम से लोगों का जीवन निर्वाह होता है। यह संस्थाओं का एक ढांचा है, जिसके द्वारा समाज की संपूर्ण आर्थिक क्रियाओं का संचालन किया जाता है। आर्थिक क्रियाएं वे मानवीय अनुक्रियाएं हैं, जिनके द्वारा मनुष्य धन अर्जित करने के उद्देश्य उत्पादन करता है अथवा निजी सेवाएं प्रदान करता है। अर्थव्यवस्था आर्थिक क्रियाओं को संपन्न करने का मार्ग निर्धारित करती है। दूसरे शब्दों में कहें तो, अर्थव्यवस्था यह हो गई निर्धारित करती है कि राष्ट्र में किन वस्तुओं का उत्पादन किया जाएगा और विभिन्न साधनों के मध्य इनका वितरण किस प्रकार किया जाएगा; उत्पादित वस्तुओं का कितना भाग वर्तमान में उपयोग किया जाएगा और कितना भाग भविष्य के लिए संचित करके रखा जाएगा; आदि-आदि।

   इस प्रकार “एक अर्थव्यवस्था इन विभिन्न आकार की आर्थिक क्रियाओं का योग है।” अर्थव्यवस्था एक ओर आर्थिक क्रियाओं का योग है, तो दूसरी ओर उत्पादकों के पारस्परिक सहयोग की प्रणाली भी है। वास्तव में, विभिन्न उत्पादन क्रियाएं परस्पर संबंध होती है और एक साधन की क्रिया दूसरे साधन की क्रिया पर निर्भर करती हैं। अतः इनमें परस्पर संबंध में एवं सहयोग होना आवश्यक है। उत्पादकों के परस्पर सहयोग की इस प्रणाली को ही ‘अर्थव्यवस्था’ कहते हैं। 

अर्थव्यवस्था के प्रमुख लक्षण (विशेषता) 

(1) अर्थव्यवस्था व्यक्तित्व का समूह है, जो अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए उत्पाद प्रक्रिया को संचालित करते हैं।

(2) वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन निरंतर जारी रहता है।

(3) आवश्यकताओं के परिवर्तन के अनुरूप  अर्व्यवस्था के स्वरूप में भी परिवर्तन होता रहता है। 

(4) अर्थव्यवस्था में विभिन्न उत्पादकों के मध्य परस्पर समन्वय एवं सहयोग होता है।

(5) उत्पादित वस्तुओं को विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा उपभोक्ता तक पहुंचाया जाता है।

(6) यद्यपि मौद्रिक अर्थव्यवस्थाओं में विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार की नीतियों का सहारा लिया जाता है, तथापि ‘विवेक’ सभी प्रकार की अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है।

(7) उत्पादन, अर्थव्यवस्था में उत्पादन एक महत्वपूर्ण लक्षण है, जो उत्पादों और सेवाओं की उत्पत्ति को संदर्भित करता है।

(8) विनियामक तंत्र, अर्थव्यवस्था में विनियामक तंत्र की मौजूदगी, जैसे कि कानून, नियम, निर्देशिका आदि न्याय और क्रमबद्धता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण होता है।

(9) विकास, अर्थव्यवस्था में सामाजिक और आर्थिक विकास का आधार रहता है, जो जनसंख्या, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि में सुधार के माध्यम से साधा जाता है। 

(10) उत्पादन और वित्तीय गतिविधियों का प्रबंधन, यह लक्षण उत्पादन, वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन और आर्थिक गतिविधियों के व्यवस्थापन के संबंध में होता है। 


महत्वपूर्ण अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर 

अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं?

एक अर्थव्यवस्था इन विभिन्न आकार की आर्थिक क्रियाओं का योग है।

अर्थव्यवस्था कितने प्रकार के होते हैं?

अर्थव्यवस्था मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं। (1) पूंजीवाद, (2) समाजवादी तथा (3) मिश्रित अर्थव्यवस्था।

भारत की अर्थव्यवस्था किस प्रकार की है?

भारत की अर्थव्यवस्था एक निश्चित अर्थव्यवस्था है।

अर्थव्यवस्था के प्रमुख लक्षण क्या है?

अर्थव्यवस्था के प्रमुख लक्षण — (1) अर्थव्यवस्था व्यक्तित्व का समूह है, जो अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए उत्पाद प्रक्रिया को संचालित करते हैं। (2) वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन निरंतर जारी रहता है। (3) आवश्यकताओं के परिवर्तन के अनुरूप अर्व्यवस्था के स्वरूप में भी परिवर्तन होता रहता है।

भारतीय अर्थव्यवस्था की शुरुआत कब हुई?

भारतीय अर्थव्यवस्था की शुरुआत सिंधु घाटी सभ्यता से मानी जाती है।

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