भारत में कृषि एवं पशुपालन संबंधी क्रांतियां (Full information)

भारत में कृषि एवं पशुपालन संबंधी क्रांतियां

(1) श्वेत क्रांति (White Revolution)

1964-65 में देश में सदन पशु विकास कार्यक्रम (IEDP) क्या अंतर्गत देश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि का प्रथम प्रयास किया गया। इसके सकारात्मक परिणाम के बाद 1970 में डॉक्टर वर्गीज कुरियन के निर्देशन में ऑपरेशन फ्लड नामक अभियान तीन चरणों 1970-78, 1978-1985 तथा 1985-95 में चलाया गया। श्वेत क्रांति के फल स्वरुप ही आज भारत दुग्ध उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान पर है। भारत में प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता 232 ग्राम प्रतिदिन है जो मानक 220 ग्राम प्रतिदिन/प्रति व्यक्ति से अधिक है।

(2) पीली क्रांति (Yellow Revolution) 

तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दृष्टि से उत्पादन प्रसंकरण और प्रबंधन प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग करने के उद्देश्य से “तिलहन प्रौद्योगिकी” 1986 में प्रारंभ किया गया। इसमें 23 राज्यों के 337 जिले शामिल हैं। पीली क्रांति के फल स्वरुप भारत खाद्य तेलों और तिलहन उत्पादन में महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त कर सका है। फिर भी भारत में खाद्य तेलों की प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष उपलब्धता मात्रा 7.02 किलोग्राम है जो मानक 10.95 किलोग्राम से काफी कम है।

(3) गोल क्रांति (Round Revolution)

भारत में आलू के उत्पादन को बढ़ाने में शिमला स्थित केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान का विशेष योगदान है। इसी संस्थान द्वारा विकसित आलू की नई प्रजातियां यथा- कुफरी बादशाह, कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी चिप्सोना-1 व 2,  कुफरी स्वर्ण, कुफरी लालिमा के कारण भारत के आलू उत्पादन बढ़कर 19.02 टन प्रति हेक्टेयर हो गया। जबकि विश्व स्तर पर यह 15.69 टन प्रति हेक्टेयर है। अधिक उत्पादन वाली इन प्रजातियों के कारण देश में गोल क्रांति संभव हुई है। स्वतंत्रता के बल से अब तक देश में आलू उत्पादन में 13.5 गुण तथा आलू बुवाई के क्षेत्रफल में 5.1 गुना की वृद्धि हुई है। 

(4) नीली क्रांति (Blue Revolution)

देश में मत्स्य उत्पादन में तीव्र विधि को प्राप्त करने के लिए नीली क्रांति नामक योजना चलाई गई थी। आज भारत मत्स्य उत्पादन में तीसरा सबसे बड़ा राष्ट्र हो गया है। तथा ताजे पानी के मच उत्पादन में भारत का स्थान दूसरा है। देश में समग्र मछली उत्पादन में प्रथम स्थान पश्चिम बंगाल का है। जबकि विश्व में प्रथम स्थान चीन का है। सागरीय मछली उत्पादन में चार राज्य क्रमशः गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, तथा तमिलनाडु है जबकि आंतरिक क्षेत्र में मध्य उत्पादन में पश्चिम बंगाल के बाद आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु क्रमशः अग्रणी राज्य हैं। 

(5) गुलाबी क्रांति (Pink Revolution)

गुलाबी क्रांति का संबंध झींगा मछली के उत्पादन से है। झींगा मछली के उत्पादन में वृद्धि के लिए शुरू की गई विशेष योजना को गुलाबी क्रांति की संज्ञा दी गई है जिसकी बदौलत आज भारत विश्व का सबसे बड़ा झींगा निर्यातक देश है।

(6) रजत क्रांति (Silver Revolution)

इसका संबंध मुर्गी पालन एवं अंडा उत्पादन से है। इस क्रांति के अंतर्गत केंद्रीय कुक्कुट विकास संगठन द्वारा किए गए विशेष प्रयासों के कारण आज भारत मुर्गी मानसिक उत्पादन में विश्व में पांचवा तथा अंडा उत्पादन में छठे स्थान पर है। आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र अंडा उत्पादन में देश में शीघ्रस्थ राज्य हैं।

(7) भूरी क्रांति (Grey Revolution)

भूरी क्रांति, इसे धूसर क्रांति भी कहा जाता है। इसका संबंध उर्वरक के उत्पादन एवं उपयोग विस्तार से है। इस क्रांति के कारण आज भारत में उर्वरकों की खपत 104.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है जबकि 1991 में यह एक किलोग्राम प्रति हेक्टेयर था। उर्वरक खपत में, प्रथम पंजाब (1992 10.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर) तथा द्वितीय स्थान हरियाणा का है।

(8) सुनहरी क्रांति (Golden Revolution)

सुनहरी क्रांति का संबंध फलों के उत्पादन विशेष कर सेब के उत्पादन में तीव्र विधि से है। इसमें सब्जियां भी शामिल है। भारत सब्जियों और फलों का विश्व में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राष्ट्र है। फल तथा सब्जियों के उत्पादन में वृद्धि के लिए वर्ष 2004-05 में राष्ट्रीय बागवानी मिशन की शुरुआत की गई है।

(9) कृष्ण क्रांति (Black Revolution)

कृष्ण क्रांति का संबंध पेट्रोलियम एवं खनिज तेल के उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने से है। इसका लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पेट्रोलियम विकल्पों की तलाश तथा एथेनॉल तथा बायोडीजल का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है।

(10) लाल क्रांति (Red Revolution)

इसका संबंध मांस एवं टमाटर उत्पादन से है। 

(11) इंद्रधनुषी क्रांति (Rainbow Revolution)

इसे सप्तरंगी क्रांति भी कहा जाता है। जुलाई 2000 में घोषित राष्ट्रीय कृषि नीति में देश में संपूर्ण कृषि उत्पादन को अगले 10 वर्षों में दो गुना किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें सभी प्रत्याशी या परोक्ष रूप से देश में आई कृषि क्रांतियां को समन्वित कर कृषि उत्पादन में वृद्धि हेतु रणनीति बनाने का आग्रह किया गया है।

(12) बादामी क्रांति (Brown Revolution)

बादामी क्रांति का संबंध गैर परंपरागत तथा नवीनीकरण ऊर्जा स्रोतों के विकास से है।


important short questions and answers 


कृषि क्रांति क्या है?

कृषि क्रांति एक शब्द है जिसका अर्थ होता है "कृषि में क्रांति" या "कृषि क्षेत्र में परिवर्तन". यह एक ऐसी समय-समय पर होने वाली घटना है जब विभिन्न उपायों का अधिक प्रयोग करके कृषि क्षेत्र में तकनीकी, आर्थिक, और सामाजिक परिवर्तन होता है।

भूरी क्रांति किससे संबंधित है?

भूरी क्रांति, इसे धूसर क्रांति भी कहा जाता है। इसका संबंध उर्वरक के उत्पादन एवं उपयोग विस्तार से है।

रजत क्रांति किससे संबंधित है?

इसका संबंध मुर्गी पालन एवं अंडा उत्पादन से है। इस क्रांति के अंतर्गत केंद्रीय कुक्कुट विकास संगठन द्वारा किए गए विशेष प्रयासों के कारण आज भारत मुर्गी मानसिक उत्पादन में विश्व में पांचवा तथा अंडा उत्पादन में छठे स्थान पर है।

बादामी क्रांति किससे संबंधित है?

बादामी क्रांति गैर परंपरागत तथा नवीनीकरण ऊर्जा से संबंधित है।

गुलाबी क्रांति किससे संबंधित है?

गुलाबी क्रांति का संबंध झींगा मछली के उत्पादन से है।

लाल क्रांति किससे संबंधित है?

लाल क्रांति टमाटर उत्पादन से संबंधित है।

पीली क्रांति किससे संबंधित है?

पीली क्रांति तिलहन उत्पादन से संबंधित है।

कृष्ण क्रांति के जनक कौन है?

कृष्ण क्रांति के जनक डॉक्टर वर्गीज कुरियन है।

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