शक्ति का अर्थ, परिभाषा एवं प्रकार - meaning of power

 शक्ति

शक्ति का अर्थ ; राजनीति हमारे जीवन का ऐसा क्षेत्र है जहां सबके लिए नियम बनाए गए हैं, सबके लिए निर्णय किए जाते हैं। सबके अधिकार, कर्तव्य और दायित्व निर्धारित किए जाते हैं। इन सब निर्णय को कार्य रूप देने के लिए शक्ति की जरूरत होती है, अन्यथा यह निर्णय केवल किताबों में लिखो रह जाएंगे। शक्ति के बिना राजनीति अधूरी है, शक्ति के बिना समाज में शांति, व्यवस्था, न्याय, सुरक्षा और खुशहाली कुछ भी स्थापित नहीं किया जा सकता है। इसलिए शक्ति को राजनीति की दूरी कहा जाता है।

शक्ति: कार्य तथा परिभाषा 

शक्ति के संबंध में यह आम धारणा है कि और सहमति को सहमति में बदलना ही शक्ति है राजनीति विज्ञान शक्ति से राजनीतिक निर्णय लिए जाते हैं और जो व्यक्ति अपने नेता की बातों की अवहेलना करता है, उसे शक्ति से दंडित भी किया जाता है। शक्ति मानवीय मस्तिष्क पर सीधा प्रभाव डालने का कार्य करती है। शक्ति से विभिन्न प्रकार की स्थिति उत्पन्न होती हैं, जिसमें एक ‘नियंत्रण’ प्रमुख है।

(1) मैकाइवर के अनुसार, “शक्ति व्यक्तियों के व्यवहार को नियंत्रित करने, विनियमित करने तथा निर्देशित करने की क्षमता है।”

(2) रॉबर्ट बहल के अनुसार, “शक्ति लोगों के पारस्परिक संबंधों की एक ऐसी विशेष स्थिति का नाम है, जिसके अंतर्गत एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष को प्रभावित कर उसे कुछ ऐसे कार्य कराए जा सकते हैं, जो उसके द्वारा अन्यथा न किए जाते हैं।” 

(3) मार्गेन्थाऊ के अनुसार, “शक्ति को कार्यालय विद करने वाले तथा उनके बीच जिन पर उन्हें कार्यान्वित किया जा रहा है, मनोवैज्ञानिक संबंध है। शक्ति में वह प्रत्येक वस्तु सम्मिलित है, जिसके माध्यम से व्यक्तियों पर नियंत्रण स्थापित किया जाता तथा उसे बनाए रखा जाता है।”

निष्कर्ष 

शक्ति की परिभाषाओं के आधार पर यह कहा जा सकता है की शक्ति के लिए दो पक्षों की आवश्यकता होती है— एक पक्ष शक्ति का प्रयोग करने वाला और दूसरा पक्ष जिस पर शक्ति का प्रयोग किया जाता है।

शक्ति के प्रकार

शक्ति के प्रकार ; और अब अगर बात करें की शक्ति के प्रकार को लेकर दो विभिन्न राजनीतिक विचारों में मतान्तर पाया जाता है। यही कारण है कि विभिन्न विचारकों ने शक्ति के विभिन्न प्रकार बताए हैं जो कुछ इस प्रकार हैं—

(1) गोल्ड हेयर एंड एड वर्ल्ड सेल्स के अनुसार, “शक्ति से तात्पर्य व्यवहार में परिवर्तन की शक्ति से है। इस रूप में शक्ति के तीन प्रकार होते हैं और वे — बल, प्रभुत्व तथा चातुर्य।

1- बल

 बल से तात्पर्य शक्ति से है जिसके द्वारा शक्ति धारक अधिनिष्ठ शक्तियों को भौतिक शक्ति के माध्यम से प्रभावित करता है।

2- प्रभुत्व 

 प्रभुत्व से तात्पर्य शक्ति के उसे रूप से है जिसमें शक्ति धारक अपनी इच्छा को प्रकट कर दूसरों के व्यवहार को प्रभावित करता है।

3- चातुर्य

 चातुर्य से तात्पर्य शक्ति के उसे रूप से है जिसमें प्रभावित होने वाले शक्तियों को स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया जाता कि शक्तिमान व्यक्ति आखिर उनसे क्या चाहता है, अर्थात शक्ति धारक बिना उद्देश्य स्पष्ट किया चतुराई से दूसरों को अपने अनुकूल बनता है।

(2) बायर्सटेड हिंदी शक्ति के विभिन्न स्वरूपों को वर्गीकरण कुछ इस प्रकार किया है— 

1- दृश्यता के आधार पर 

यदि शक्ति अज्ञात या अदृश्य हो तो उसे प्रच्छत्र शक्ति कहते हैं और जो सत्ता के बल के रूप में दिखाई देती है, उसे अप्रच्छत्र शक्ति कहते हैं और जो सत्ता के बल के रूप में दिखाई देता है उसे अप्रच्छत्र शक्ति कहते हैं।

2- दमन की दृष्टि के आधार पर 

जिस शक्ति के द्वारा दूसरों की इच्छाओं का दमन किया जाता है उसे दमनात्मक शक्ति कहते हैं और जी शक्ति के द्वारा दूसरों की सहमति प्राप्त की जाती है, उसे अदमनात्मक शक्ति कहते हैं। 

3- औपचारिकता के आधार पर 

औपचारिक शक्ति कानूनी संविधान के आधार पर अधिकारियों के पास होती है तथा अनौपचारिक शक्ति वास्तविक होती है जो विभिन्न शक्तियों या समूह में होती है।

4- शक्ति प्रयोग के आधार पर

 जिस शक्ति का प्रयोग शक्ति धारक स्वयं करता है उसे प्रत्यक्ष और की शक्ति का प्रयोग दूसरों की माध्यम से किया जाता है, उसे अप्रत्यक्ष शक्ति कहा।

(3) मैक्स वेबर ने सत्ता के रूप में शक्ति के तीन प्रकार बताए हैं— वैधानिक या कानूनी, परंपरागत और करिश्माई शक्ति।

1- वैधानिक शक्ति 

विधि के द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार जब शक्ति प्राप्त की जाती है तो उसे वैधानिक या कानूनी शक्ति कहते हैं।

2- परंपरागत शक्ति 

 जब शक्ति धारक के आदेशों को परंपरा के आधार पर पवित्र माना जाता है अर्थात् जब व्यक्ति समाज द्वारा विकसित परंपरा के आधार पर शक्ति प्राप्त करता है तो उसकी शक्ति को परंपरागत शक्ति कहते हैं।

3- करिश्माई शक्ति

जब कोई व्यक्ति अपनी व्यक्तित्व के आधार पर जनमत को प्रभावित करके शक्ति प्राप्त करता है तो उसे करिश्माई शक्ति कहते हैं।

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