राष्ट्रीय एकता से आप क्या समझते हैं? अर्थ, आवश्यक तथा सहायक तत्व

राष्ट्रीय एकता 

राष्ट्रीय एकता का अर्थ

राष्ट्रीय एकता एक नैतिक और मनोवैज्ञानिक अवधारणा है। यह एक राष्ट्र संबंधी मानसिकता एवं एक राष्ट्र हितकारी भावना है। वास्तव में राष्ट्रीय एकता राष्ट्र का एकीकरण करने वाली एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो एक राष्ट्र के सभी निवासियों में पारस्परिक बंधुत्व और राष्ट्र के प्रति देशभक्ति का भाव भरकर राष्ट्र को संगठित और सशक्त बनाती है। राष्ट्रीय एकता के लिए भाषा, धर्म जाति और संस्कृति की एकता आवश्यक नहीं होती है और किसी भी प्रकार की विविधता इसमें बाधक नहीं होती है। राष्ट्रीय एकता दो विविधता के बीच ही अंकुरित, पुष्पित एवं पल्लवित होती है। हमारा देश भारत ऐसा ही देश है जहां विविधता के मध्य एकता के दर्शन होते हैं।

भारत में राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता

भारत में राष्ट्रीय एकता इन निम्नलिखित कारणों से आवश्यक है—

(1) राष्ट्रीयता राष्ट्र का प्राण है। जब तक राष्ट्रीय एकता है, तब तक राष्ट्र है और जब राष्ट्रीय एकता टूटती है, तब राष्ट्र भी टूट जाता है। इस दृष्टि से भारत जैसे विकासशील देश के लिए इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

(2) राष्ट्रीय एकता के आधार पर ही हम देश की सुरक्षा कर सकते हैं।

(3) राष्ट्रीय एकता के बिना देश आर्थिक उन्नति नहीं कर सकता और न ही निर्धनता से छुटकारा पाया जा सकता है।

(4) राष्ट्रीय एकता की भावना के अभाव में विज्ञान तथा तकनीकी विकास संभव नहीं है।

(5) राष्ट्रीय एकता के द्वारा हम भाषावाद, क्षेत्रीयता, सांप्रदायिक संघर्ष तथा अंतर्जातीय तनाव आदि संकीर्ण भावनाओं को समाप्त कर सकते हैं। भले ही हम प्रांत की दृष्टि से किसी भी प्रति के निवासी हो, हमारी भाषा कोई भी हो; हमारा रहन-सहन भले ही वैवध्यपूर्ण हो लेकिन हम सब अपने आप को तभी अस्तित्व युक्त अनुभव कर सकते हैं जब हमारे मानस में यह भावना कूट-कूट कर भारी हो कि “हम अखंड भारत के नागरिक हैं।” 

राष्ट्रीय एकता में सहायता तत्व

राष्ट्रीय एकता में सहायक तत्व ; देश की राजनीतिक स्थिरता, सामाजिक उन्नति को आर्थिक समृद्धि के लिए राष्ट्रीय एकता एक अनिवार्य तत्व है। ऑथर राष्ट्रिय एकता को प्रोत्साहन देने के लिए औपचारिक एवं अनौपचारिक रूप से निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है—

(1) संविधान द्वारा भाषाओं को मान्यता 

भाषावाद की समस्या का समाधान करने के उद्देश्य से संविधान के आठवीं अनुसूची में विभिन्न भाषाओं को मान्यता प्रदान की गई है। आरंभ में इस सूची में सम्मिलित भाषाओं की संख्या 14 थी। संविधान संशोधन 21 एवं संविधान संशोधन 71 के पश्चात इसमें सिंधी, नेपाली, कोंकणी और मणिपुरी भाषा के जुड़ जाने से अब इस सूची में सम्मिलित भाषाओं की संख्या 18 हो गई है। इस प्रकार अब आठवीं अनुसूची में कुल 18 भाषण हो गई है।

(2) नागरिकता 

भारतीय संविधान में समझते भारतवासियों को एक हरी नागरिकता प्रदान करके क्षेत्रवाद जैसी संकीर्ण भावनाओं को दूर करने का प्रयास किया है।

(3) सामाजिक समानता 

देश में सामाजिक समानता स्थापित करने के लिए और अस्पृश्यता समाप्ति की दिशा में विशेष प्रयास किए गए हैं। इसके अतिरिक्त अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछली वर्गों को संविधान द्वारा विशेष सुविधाएं भी प्रदान की गई है।

(4) राष्ट्रभाषा 

 संविधान ने हिंदी को राष्ट्रभाषा का गौरव प्रदान किया और संविधान में यह व्यवस्था की गई कि वर्ष 1965 ई० तक अंग्रेजी को सहभाषा की स्थिति प्राप्त रहेगी। परंतु भाषा की राजनीति के कारण सरकार ने अनिश्चित काल तक अंग्रेजी को सहभाषा के रूप में बने रहने की स्थिति प्रदान कर दी है। वस्तुतः एक राष्ट्रभाषा ने संपूर्ण राष्ट्र में एक मानसिक एकता विकसित होती है। भाषायी विवादों से बचने के लिए किसी भी राज्य के ऊपर हिंदी को थोपा नहीं गया है।

(5) धर्मनिरपेक्ष स्वरूप 

 सांप्रदायिक सद्भाव को बनाए रखने के लिए भारत गणराज्य का धर्मनिरपेक्ष स्वरूप स्वीकार किया गया है। जहां प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान किया गया है। धर्मनिरपेक्ष शब्द को संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया है।

(6) राष्ट्रीय चिन्ह 

 राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहन देने के लिए सारनाथ की अशोक की लाट के ऊपर मुख्य भाग को देश का राष्ट्रीय चिन्ह घोषित किया गया है।

(7) समाजवाद की स्थापना 

भारतीय संविधान में समाजवाद की स्थापना पर बोल दिया है जिससे समाज में व्याप्त आर्थिक क्षमता को समाप्त किया जा सके जो कि समाज में क्रांति का संघर्ष का कारण है।

(8) राष्ट्रीय त्योहार 

15 अगस्त, 26 जनवरी और 2 अक्टूबर (क्रमशः स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती) को राष्ट्रीय त्योहार माना गया है और संपूर्ण देश में इन्हें बड़ी धूमधाम उसके साथ मनाया जाता है।


महत्वपूर्ण अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर 

राष्ट्रीय एकता का क्या अर्थ है?

राष्ट्र के निवासियों को एकता के सूत्र में बांधने वाली भावना राष्ट्रीय एकता है।

भारत में राष्ट्रीय एकता के विकास के दो तत्व बताइए?

(1) रियासतों का एकीकरण तथा (2) संविधान का निर्माण।

राष्ट्रीय एकता को विघटित करने वाले दो तत्वों का उल्लेख कीजिए?

सांप्रदायिकता तथा क्षेत्रवाद।

राष्ट्रीय एकता में सहायक दो तत्वों का उल्लेख कीजिए?

इकहरी नागरिकता तथा राष्ट्रीय प्रतीक।

भारत के राष्ट्रभाषा का नाम लिखिए?

भारतीय राष्ट्रीय भाषा हिंदी है।

राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने वाले दो तत्वों का उल्लेख कीजिए?

(1) संविधान के प्रति निष्ठा रखने तथा (2) अखंड भारत में विश्वास रखना।

राष्ट्रीय एकता को सबसे बड़ा खतरा किससे है?

आतंकवादी गतिविधियों से।

राष्ट्रीय एकता को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

राष्ट्रीय एकता को अंग्रेजी में ‘National unity’ कहते हैं।

राष्ट्रीय एकता का अर्थ बताइए?

राष्ट्रीय एकता एक नैतिक और मनोवैज्ञानिक अवधारणा है। यह एक राष्ट्र संबंधी मानसिकता एवं एक राष्ट्र हितकारी भावना है। वास्तव में राष्ट्रीय एकता राष्ट्र का एकीकरण करने वाली एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो एक राष्ट्र के सभी निवासियों में पारस्परिक बंधुत्व और राष्ट्र के प्रति देशभक्ति का भाव भरकर राष्ट्र को संगठित और सशक्त बनाती है।

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