स्टाफ तथा सूत्र अभिकरणों के मध्य विरोध के कारण

स्टाफ तथा सूत्र अभिकरणों के मध्य विरोध के कारण

staff tatha Sutra ke Madhya virodh ke Karan; स्टाफ का सूत्र के मध्य विरोध के कर्म को जानने से पहले हम आपको थोड़ी बहुत जानकारी देते हैं कि स्टाफ का सूत्र है क्या? —: “लाइन (सूत्र)” और “स्टाफ” दोनों ही संगठन में विभिन्न कार्यों को संपन्न करने में सहायक होने वाले अभिकरण हैं— 

लाइन (सूत्र)

निर्णय को लागू करना: लाइन अभिकरण संगठन के निर्णयों को लागू करने और उन्हें समय-समय पर पुनरावलोकन करने में सहायक होता है।

नीतियों का निर्धारण करना; इसे संगठन की नीतियों और उद्देश्यों को तय करने में सहायक होता है और विभिन्न विभागों के बीच संवाद बनाए रखने में भी मदद करता है।

स्टाफ

निर्णय लेने में सहायता करना; स्टाफ अभिकरण संगठन के नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णयों को समर्थन प्रदान करता है और उन्हें लागू करने में मदद करता है।

नीतियों का अनुसरण करना: स्टाफ संगठन की नीतियों और उद्देश्यों का अनुसरण करके संगठन के लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद करता है और नेतृत्व को इन नीतियों को सफलतापूर्वक लागू करने में साहयक होता है।

इन दोनों अभिकरणों का सहयोग आवश्यक है ताकि संगठन में सही निर्णय और नीतियों का अनुसरण किया जा सके और संगठन का सुचारू संचालन हो सके।

स्टाफ तथा सूत्र अभिकरणों के मध्य विरोध के कारण

स्टाफ तथा सूत्र के मध्य विरोध के कारण ; स्टाफ तथा सूत्र अभिकरण के सदस्यों के मध्य विरोध की प्रमुख कारण निम्नलिखित है

(1) एक दूसरे से ऊंचा समझना 

प्राय हो यह देखा जाता है कि स्टाफ के व्यक्ति विषयक होने के कारण अपने आप को सूत्र के व्यक्तियों से ऊंचा समझते हैं। दूसरी तरफ सूत्र संगठन के व्यक्ति सत्ता संपन्न होने के कारण अपने अधिकार के मद में रहते हैं। और वह स्टाफ की अपेक्षा करते हैं।

(2) स्टाफ अधिकारियों का व्यवहार 

सूत्र तथा स्टाफ अधिकारियों में विरोध का प्रमुख कारण यह है कि स्टाफ के अधिकारी संगठन का एक भंग बनाकर कार्य नहीं करते तथा संगठन के लक्षण की प्राप्ति में सूत्र अधिकारियों के साथ नहीं चलते हैं। ये अधिकारी अपने आप को मुख्य कार्यकारी प्रतिनिधि मानने लगते हैं। ये इसे अपना एक कर्तव्य मानते हैं कि वे अपने विचारों और सूर्य द्वारा प्रबंध कार्य में कुछ योगदान दें। वे अपनी उच्च शिक्षा तकनीकी ज्ञान आदि कारण अपने को उच्च प्रबंधन का परामर्शदाता एवं विशेषज्ञ मानते हैं। उनके इस प्रकार की दृष्टिकोण के कारण ही सूत्र अधिकारियों के साथ उनका विवाद शुरू हो जाता है। कई बार सूत्र संगठन के निम्न अधिकारी स्टाफ संगठन के उन अधिकारियों से मिल जाते हैं जो स्टाफ अधिकारियों से संतुष्ट नहीं होते। ये अधिकारी भी इन विवादों को बढ़ावा देते हैं।

(3) मनोवैज्ञानिक कारण 

जब सूत्र अधिकारी अपने कार्य को अधिक महत्व देते हैं और स्टाफ अधिकारी के कार्यों को गौण समझते हैं तो उनके आपसी संबंधों में कटुता आ जाती हैं। इसी तरह स्टाफ अधिकारी कई बार मुख्य कार्यकारी की नाक का बाल बन जाते हैं। स्टाफ के अधिकारी अपनी स्थिति को मजबूत बनाने के लिए उग्र रीति से कार्य करना आरंभ करते हैं, तो स्टाफ तथा सूत्र के संबंध में कटुता आ जाती है। 

(4) विभिन्न सामाजिक स्तर समूह 

स्टाफ तथा सूत्र में विरोध का एक महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि दोनों का सामाजिक स्तर भिन्न-भिन्न होता है। स्टाफ अधिकारी अधिक शिक्षित, योग्य व विशेषज्ञ के रूप में होते हैं अतः वे अपने रहन-सहन वह वेशभूषा पर अधिक ध्यान देते हैं, वे सूत्र अधिकारियों से अपना सामाजिक स्तर ऊंचा मानते हैं। दूसरी तरफ सूत्र अधिकारी अपने लंबे अनुभव के कारण अपने को स्टाफ के अधिकारियों से ऊंचा मानते हैं। अतः दोनों प्रकार के अधिकारियों में पाई जाने वाली यह भावना उनमें आपस में विरोध को जन्म देती है।

(5) संगठन में स्तरो का पदसोपान 

संगठन के औपचारिक ढांचे के कारण सूत्र संगठन में स्टारों का पद सोपान 5 से 10 तक होता है, जबकि स्टाफ संगठन में तीन या चार स्तरों के ही पद सोपान होता है। ऐसी स्थिति में स्टाफ के महत्वाकांक्षी अधिकारियों को निराशा ही हाथ लगती है और उनका रुझान सूत्र अभिकरण की तरफ बढ़ने लगता है। अतः सूत्र वह स्टाफ में विरोध बढ़ने का यह प्रमुख कारण है।

(6) उम्र में अंतर 

सूत्र तथा स्टाफ अधिकारियों के मध्य शंकर जी के कर्म में एक प्रमुख कारण जो भी है कि इन अधिकारियों की उम्र में अंतर होता है।‌‌‌‌ई० एन० रास ने इस संबंध में लिखा है कि, उम्र में अंतर होने के कारण सूत्र तथा स्टाफ के बीच संघर्ष में अधिक वृद्धि हो जाती है। स्टाफ के अधिकारी कम उम्र के होते हैं, अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं, इनका कार्य परामर्शात्मक होता है, जबकि सूत्र अधिकारियों की उम्र अधिक होती है, यह अनुभवी होते हैं, अतः ये युवा स्टाफ अधिकारियों के परामर्श से वह निर्देशों को आसानी से ग्रहण नहीं करते।‌ जब कभी सूत्र तथा स्टाफ अधिकारियों की सामूहिक बैठक होती है, तब स्टाफ अधिकारियों द्वारा किए गए विचारों की सूत्र अधिकारी द्वारा उपेक्षा की जाती है। इससे स्टाफ अधिकारियों में असंतोष उत्पन्न होने लगता है और विरोध उत्पन्न हो जाता है।

(7) पदोन्नति 

कई बार उत्तराधिकारी स्टाफ अधिकारियों को अपनी पदोन्नति में रुकावट का कारण मानते हैं। उनके मन में यह भावना उत्पन्न हो जाती है कि स्टाफ अधिकारी क्योंकि उच्च प्रबंधन से प्रत्यक्ष रूप से संबंधित हैं, अतः यह उनकी पदोन्नति में बाधा डालते हैं।

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