भारत-मालदीव विवाद: कारण, संबंध और बहिष्कार

भारत-मालदीव विवाद: कारण, संबंध और बहिष्कार

भारत मालदीव विवाद

(india maldives dispute)

india maldives controversy ;  लगातार पिछले कुछ समय से भारत और मालदीप के बीच आपको विवाद की स्थिति देखने को मिल रही है हालांकि यह घटना क्रम देखने को मिला जब भारतीय प्रधानमंत्री की ओर से लक्षद्वीप की कुछ तस्वीरें social media प्लेटफार्म पर डाली गई, जिसके जवाब में मालदीव के जो प्रधानमंत्रीय अन्य मंत्री  थे उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री को के लिए कुछ अप शब्दों का इस्तेमाल किया इसके बाद जो विवाद था वह बहुत ज्यादा बढ़ गया है तो आज इस सत्र में हम इसी विषय पर इसी पूरे टॉपिक पर विस्तार से बात करेंगे।

यह विवाद क्या है?
अथवा भारत मालदीव विवाद के कारण 

भारतीय प्रधानमंत्री की ओर से लक्ष्यद्वीप की कुछ तस्वीरें जो है वह अपने सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से जिसको आप ट्विटर के नाम से भी जानते थे पहले आप जिसको एक्स (X) के नाम से जाना जाता है वहां पर शेर की गई थी, और उन्होंने अपनी पर्सनल कैपेसिटी में भारतीय प्रधानमंत्री के तौर पर लक्षद्वीप में टूरिज्म को बढ़ावा देने की कोशिश की थी। अब इसके जवाब में मालदीव्स के कुछ मंत्री थे कुछ (Bureaucrats) नौकरशाहों या अफसर थे, और कुछ (Politicians) राजनेता  थे, जिन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री को लेकर कुछ अप शब्दों का इस्तेमाल किया था। वहां पर हमें उनके ट्वीट्स में (Racism) जातिवाद देखने को मिला था। अब इसके बाद भारत और मालदीप के बीच विवाद शुरू होता है जो भारत के तमाम लोग थे जो भारतीय नागरिक थे जो कि सोशल मीडिया यूजर थे उन्होंने तो मालदीप नहीं जाने का समर्थन किया और मालदीप का (boycott) बहिष्कार करने की। और यहीं से शुरू होता है भारत बनाम मालदीप विवाद।

भारत मालदीव संबंध

india maldives relations)

india maldives relations ; अब बात करते हैं कि भारत और मालदीव के मध्य संबंध कैसे थे। हालांकि पूर्व में भारत और मालदीव के संबंध काफी अच्छे रहे हुए हैं। फिर धीरे-धीरे भारत और मालदीव के मध्य संबंध में कुछ गिरावट देखने को मिली है और इससे पहले भारत और मालदीव ने साथ मिलकर बहुत सारे कार्य किए हैं। फिर उसके बाद मालदीव्स और चीन का संबंध अच्छा होने लगा जिस कारण भारत का मालदीप के साथ संबंध बिखरता गया। यहां कुछ पूर्व संबंध दिखा रहे हैं मालदीव और भारत के मध्य जो कुछ इस प्रकार है— 

रक्षा साझेदारी में संबंध 

★ बहुत सारे युद्ध अभ्यास साझेदारी होते हैं इसमें से कुछ नाम अगर आप देखे तो एक्वेरियम एक नाम है, दोस्ती है, एक कथा है, ऑपरेशन शील्ड है। ऑपरेशन शील्ड की शुरुआत 2021 में हुई थी। तो यह युद्ध अभ्यास आयोजित होते हैं।

★ भारत की ओर से जो मालदीप के राष्ट्रीय सुरक्षा बल है, नवोदय नेशनल जूस भारत है उसको भी प्रशिक्षण दिया जाता है भारत की ओर से और मालदीव्स नेशनल फोर्स है उसको उसके प्रशिक्षण में तकरीबन 70% जो भूमिका रहती है वह भारत की रहती है।

 भारत और मालदीव में आर्थिक संबंध

★ और अगर आर्थिक संबंधों की बात करें तो हम जानते हैं कि जो पर्यटन है वह मालदीप की इकोनॉमी के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहती है। तो पर्यटन जो है वह बहुत महत्वपूर्ण है। और भारतीय है कुछ लोगों की इकोनॉमी है उसमें भारतीय पर्यटकों की भूमिका है वह बहुत इंपॉर्टेंट रहती है इसके अलावा कई भारतीय मालदीव्स में रोजगार की तलाश में भी जाते हैं भारत के लिए महत्वपूर्ण है।

★ इसके अलावा भारत जो है वह मालदीप का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है 2021 के आंकड़े बताते हैं। इसके अलावा भारत में वहां पर रिहैबिलिटेशन सेंटर्स (पुनरसुधार केंद्र) की भी शुरुआत की है। जैसे कि आपका अड्डू मालदीप का शहर है इसके अलावा अड्डू एक आइलैंड भी है वहां पर भारत की सहायता से एक नशा पुनर्वास केंद्र नशा मुक्ति केंद्र की शुरुआत की गई है।

भारत और मालदीव के मध्य हुऐ विकास कार्य

इसके अलावा अगर आप डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स की बात करें तो बहुत सारे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट भारत की सहायता से विकसित किए गए हैं जैसे — 

(1) इंदिरा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल, जो कि भारत की सहायता से निर्मित है और इसका उद्घाटन 2019 में किया गया था। 

(2) इसके अलावा इसमें मालदीप तकनीकी शिक्षा संस्थान जिसको मालदीप पॉलिटेक्निक के नाम से जाना जाता है इसके शुरुआत है वह सितंबर 1996 में हुई थी।  

(3) इसके अलावा भारत मालदीव्स हॉस्पिटल हॉस्पिटैलिटी और पर्यटन अध्ययन फैकल्टी की स्थापना की गई थी इसके लिए शुरुआत हुई थी वह फरवरी 2014 में हुई थी। 

(4) इसके अलावा नेशनल पुलिस और एवं कानून प्रवर्तन कॉलेज यह भी भारत की सहायता से विकसित किया गया और उसकी शुरुआत 2022 में इसका उद्घाटन हुआ था।

  भारत मालदीव संबंधों में चीन का मुद्दा क्या है?

  ये महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि मालदीव्स जो है वह पूरा इंडियन ओसियन रीजन है और जो कि आसपास का क्षेत्र है वहां पर चीन सबसे प्रमुख निवेश कर्ताओं में से एक मुख्य निवेश करता है, निर्वाचन रीजन में उसने जो अधिकांश निवेश है वह मालदीव्स में देखने को मिलेगा मालदीप जो है वह आपका (बी० आर० आई०) का हिस्सा है (बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव) (Belt and Road Initiative)  का हिस्सा है यह इनीशिएटिव आपका चीन की ओर से शुरू किया गया था ताकि एक नया सिल्क रोड बनाया जा सके यानी की दुनिया की जो प्रमुख इक्नॉमीज है उनको चीन से जोड़ा जा सके इसका अंतर्दशा जो फायदा है वह चीन को ही होगा और इसीलिए चीन निवेश भी कर रहा है तो चीन ने पूरे प्रोजेक्ट के तहत मालदीव्स में बहुत सारे बंदरगाह बनाए हैं हवाई अड्डे बनाए हैं पुल बनाए गए हैं और दूसरे जो इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स है उन प्रोजेक्ट्स की शुरुआत की गई है। इसी कारण चीन बहुत ज्यादा निवेश आपका मालदीव्स में कर रहा है और इसकी निवेश की वजह से मालदीप की जो ट्रेडिशनल फॉरेन पॉलिसी है जिसमें भारत की ओर आपको ज्यादा एलाइनमेंट (झुकाव)  देखने को मिलता है फॉरेन पॉलिसी में बदलाव देखने को मिला है और यह बदलाव जाहिर तौर पर भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है‌ भारत के लिए चिंता का कारण हो सकता है तो यह हमने पूरी टोटल इक्वेशन पर बात की हमने भारत मालदीव्स संबंधों को भी समझ लिया है।


Important FAQ. 

मालदीव किस देश में है?

मालदीव दक्षिण एशिया के एक समृद्ध द्वीप समूह में स्थित हैं और इनका स्थान भारतीय महासागर में है। मालदीव एक सांघिक देश है जिसमें कई छोटे और सुंदर कोरल द्वीप हैं। इसकी राजधानी माले है और मालदीव के आपाध द्वीपों में प्रमुख शहर है।

भारत मालदीव विवाद क्या है?

इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब मालदीप के कुछ अप मंत्रियों ने भारतीय प्रधानमंत्री जी के लिए कुछ उप शब्दों (गलत शब्द) का प्रयोग किया।

मालदीव किस देश की राजधानी है?

मालदीव माले देश की राजधानी है।

मालदीव की जनसंख्या कितनी है?

मालदीप की जनसंख्या 2021 के अनुसार 520000 के आसपास है।

भारत से मालदीव की दूरी कितनी है?

भारत से मालदीप की दूरी 2000 किलोमीटर के आसपास है।

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