आज बात करेंगे 5th schedule के बारे में, और 5th schedule से संबंधित जिन टॉपिकों पर चर्चा करेंगे वह कुछ इस प्रकार होंगे—
(1) 5th schedule क्या है?
(2) 5th schedule के लाभ
(3) 5th schedule के अधिकार
(4) 5 वी अनुसूची (5th schedule) में शामिल राज्य
(5) क्या उत्तराखंड में 5th schedule लागू होना चाहिए?
5वीं अनुसूची (5th schedule)
5th schedule एक भारतीय संविधान का एक अंश है जो राज्य (स्टेट) और ट्राइबल एरिया (आदिवासी क्षेत्र) के बीच राजनीतिक और आर्थिक एकता की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। यह एक ऐसा उपाय है जिससे आदिवासी क्षेत्र अथवा पर्वतीय राज्यों में अनुसूचित जातियों के लोगों को उनके स्वार्थों और समृद्धि की दिशा में सहायता की जा सकती है।
5th schedule के तहत, भारतीय राज्यों में विशेष आदिवासी क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है और इन क्षेत्रों में राज्य सरकारों को आदिवासी समुदायों की सुरक्षा और उनके विकास के लिए विशेष जिम्मेदारीयां दी गई हैं। इसके तहत, निम्नलिखित विषयों पर राज्य सरकारों को नियंत्रण और जिम्मेदारियां का स्थापना करने का अधिकार है।
5th schedule के अधिकार
- (1) भूमि के संरक्षण और प्रबंधन,
- (2) अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रबंधन पर सहायिका (सहायता करनेवाली),
- (3) समुदायों के साथ संवैधानिक संबंध,
- (4) आदिवासी समुदायों की स्थानीय निकायों में साझेदारी,
- (5) सामुदायिक और सांस्कृतिक अधिकारों का समर्थन।
5 वी अनुसूची (5th schedule) में शामिल राज्य
5 वीं अनुसूची में शामिल राज्य ; इस अनुसूची में शामिल राज्यों की सूची समय-समय पर बदल सकती है, और विशेष उपायों के तहत उन राज्यों को विभिन्न प्रबंधन विधियों का पालन करना पड़ता है। वर्तमान में कुछ निम्नलिखित राज्यों को 5th schedule में शामिल किया गया है—
(1) आंध्र प्रदेश (2) छत्तीसगढ़ (3) उड़ीसा (4) महाराष्ट्र (5) मध्य प्रदेश (6) हिमाचल प्रदेश (7) राजस्थान (8) त्रिपुरा (9) झारखंड तथा (10) तेलंगाना
5th schedule (5 वीं अनुसूची) के लाभ
(1) जमीन का संरक्षण और विकास
आदिवासी क्षेत्र में जमीन की सुरक्षित रखने और उसके विकास के लिए 5th schedule विभिन्न प्रबंधन उपायों को समर्थन प्रदान करती है। यह उन्हें अपनी परंपरा का जीवन शैली के अनुसार जीवन का उपयोग करने में मदद करती है। आदिवासी समुदायों को उनकी जमीन और संसाधनों कि रक्षा के लिए विशेष प्रावधान है। इससे जमीन का अनैतिक अपहरण रोका जाता है।
(2) भू-कानून में मदद (पहाड़ी राज्य)
5th schedule लागू होने का सबसे बड़ा लाभ तो यह है कि इसके लागू होते ही भू कानून रुक जाएगा अर्थात बाहर वाले व्यक्ति कोई भी किसी भी क्षेत्र में जमीन नहीं खरीद सकता।
(3) आदिवासी समुदायों को सुरक्षित रखना
5th schedule आदिवासी समुदायों को उनकी सांस्कृतिक सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए विशेष उपाय प्रदान करती है। इससे उन्हें अपनी जमीन और संसाधनों का संरक्षण और समृद्धि का अधिकार होता है।
(4) अनुच्छेद 244 (1) के अधीन नगरी सशक्तिकरण
अनुच्छेद 244 (1) उपाधि राज्यों को प्रदान करता है, जो 5th schedule में शामिल है कि वह अपने क्षेत्र में नगरी शक्ति करण के प्रक्रिया में सहायता करें। इससे आदिवासी समुदायों को अपने विकास के लिए स्वतंत्रता मिलती है और वह स्वयं निर्मित नगरी संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं।
(5) शिक्षा में सुधार
आदिवासी बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने से उनकी शिक्षा में सुधार हो सकता है, और वह अपनी भाषा को सही से सीख सकते हैं।
(6) सामाजिक न्याय और समावेश
यह हो धारा सामाजिक न्याय और समाज में सभी क्षेत्र के समावेश की सुनिश्चित के लिए उपाय करती है। यह धारा सामाजिक समावेश और समर सत्ता की सुरक्षा करने के लिए एक माध्यम प्रदान करती है जिससे सभी समुदायों को समान अधिकार और विकास का अवसर मिलता है।
5th schedule क्या है?
भारतीय संविधान की 5वीं अनुसूची दस भारतीय राज्यों में अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र कहे जाने वाले कुछ क्षेत्रों के प्रशासन और नियंत्रण से संबंधित है, जो 5वीं अनुसूची वाले राज्यों की श्रेणी में आते हैं। इस सूची में शामिल दस राज्य हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, तेलंगाना, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र हैं।
मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा और असम में अनुसूचित क्षेत्रों को भारतीय संविधान की 5th schedule से बाहर रखा गया है। और लेकिन 6th schedule में इन्हें रखा गया है।
क्या उत्तराखंड में 5th schedule लागू होना चाहिए?
हां, उत्तराखंड में 5th schedule लागू होना चाहिए क्योंकि इस धारा के चलते भू-कानून लागू होगा जिससे बाहरी व्यक्ति उत्तराखंड में जमीन नहीं खरीद पाएंगे और जैसे से भूमि का संरक्षण होगा। और उत्तराखंड के नवयुवकों को रोजगार प्राप्त होगा। और इसी धारा के तहत उत्तराखंड की भाषा पर भी अच्छा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि हर विद्यालय में उत्तराखंड की मातृभाषा का भी विषय (पहाड़ी भाषा) लागू कर दिया जाएगा।
और इस धारा के लागू होने से न्याय व्यवस्था में भी सुधार होगा क्योंकि अगर किसी लड़की के साथ कोई दूर व्यवहार करता है तो इस धारा के तहत ऐसी (SC) एसडी (SD) के अंतर्गत आ जाएगा और अपराधियों को दंड मिलेगा।
उत्तराखंड के लिए 5th schedule के लाभ
आदिवासी पांचवी अनुसूची क्या है?
5th schedule के तहत आदिवासी संस्कृति, जीवन शैली, भाषा और अधिकारों को राज्यपाल की निगरानी में संवैधानिक संरक्षण प्रदान किया गया है।
पांचवी अनुसूची में कौन कौन क्षेत्र शामिल हैं?
इस सूची में शामिल दस राज्य हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, तेलंगाना, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र हैं।
पांचवी अनुसूची में कौन कौन क्षेत्र शामिल नहीं हैं?
पांचवी अनुसूची में असम, त्रिपुरा, मेघालय और मिजोरम क्षेत्र शामिल नहीं हैं।
5th schedule कब लागू हुआ?
5th schedule 1996 में लागू हुआ।
5th schedule (5 वीं अनुसूची) के लाभ क्या हैं?
5th schedule के लाभ - (1) जमीन का संरक्षण और विकास (2) भू-कानून में मदद (पहाड़ी राज्य) (3) आदिवासी समुदायों को सुरक्षित रखना (4) अनुच्छेद 244 (1) के अधीन नगरी सशक्तिकरण (5) शिक्षा में सुधार (6) सामाजिक न्याय और समावेश।
क्या उत्तराखंड में 5th schedule लागू होना चाहिए?
हां, क्योंकि इस उत्तराखंड में हो रहे भूमि कब्जों पर रोक लगेगी।
पांचवी अनुसूची में क्या लिखा है?
5th shedule (5 वीं अनुसूची) भारतीय संविधान की एक ही धारा है जो निशस्त्रीय इलाकों के संरक्षण और विकास के लिए विशेष उपाय प्रदान करती है। यह धारा विभिन्न राज्यों और क्षेत्र को संदर्भित कर सकती है जिनमें निशस्त्रीय क्षेत्र शामिल है।
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