तैमूर का भारत पर आक्रमण, उद्देश्य, प्रभाव | तैमूर का परिचय

 तैमूर का परिचय

तैमूर का परिचय ; तैमूर का जन्म 1336 ई० में ट्रांस आंक्सियाना प्रदेश के केस नामक स्थान पर हुआ था। तैमूर के पिता का नाम आमिर तुर्गू था जो वरलास शाखा का प्रमुख था। 1369 ई० में तैमूर ने समरकंद कि शासन पर अधिकार कर लिया। सिंहासन पर अधिकार करने के उपरांत तैमूर ईरान, अफगानिस्तान, इराक, ख्वारिज्म आदि देशों को जीत लिया। इसके बाद तैमूर ने भारत पर आक्रमण करने की योजना बनाई। 

तैमूर का भारत पर आक्रमण, उद्देश्य, प्रभाव | तैमूर का परिचय

तैमूर के भारत पर आक्रमण के उद्देश्य

तैमूर के भारत पर आक्रमण करने के उद्देश्य कुछ इस प्रकार थे— 

(1) अपनी ख्याति अर्जित करना 

तैमूर अत्यधिक महत्वकांक्षी था। वह भारत पर विजय प्राप्त करके ख्याति प्राप्त करना चाहता था। तैमूर ने भारत पर आक्रमण करने के उद्देश्य में अपनी ख्याति और यश को बढ़ाने का उद्देश्य रखा था। उन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों पर आक्रमण के द्वारा अपने समृद्धि और सामर्थ्य को प्रमाणित करने का प्रयास भी किया। तैमूर ने विभिन्न युद्धों और लड़ाईयों में भाग लिया और विभिन्न राज्यों को जीतने के लिए अपने योजनाओं को कारगर बनाया। तैमूर के भारत प्रवास के बारे में विभिन्न इतिहासकारों और ऐतिहासिक लेखकों ने विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया है और उनके आक्रमणों के परिणाम स्वरुप भारतीय इतिहास में उनकी विशेष भूमिका का मान किया।

(2) भारत से धन लूटने 

तैमूर भारत की धन संपदा की ओर भी आकर्षित हुआ था। अतः धन लूटने की लालसा से प्रेरित होकर भी उसने भारत का आक्रमण किया था। तैमूर के आक्रमणकारी अभियान के दौरान, वे भारतीय राज्यों के सम्राटों और अमीरों की विरुद्ध लड़ाई और उनकी सामर्थ्य को अपने अधीन किया। उनका यह हो विजय उन्हें भारत में विभिन्न धर्म संस्कृत और राजनीतिक प्रथाओं के साथ परिचित कराया और उन्हें विभिन्न धार्मिक समुदायों और संस्कृत संस्कृतियों से विविधता का अध्ययन करने का अवसर प्रदान किया। तैमूर ने भारतीय राज्यों पर आक्रमण किया और वहां से अमीरी, स्त्री धन, और अन्य धन का अधिकांश भाग लूटा।

(3) इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार 

तैमूर ने स्वयं ही यह घोषित किया था कि भारत पर आक्रमण करने का उसका उद्देश्य इस्लाम धर्म का प्रचार करना है। तैमूर का भारत पर आक्रमण करने का एक उद्देश्य अभी था कि उसको इस्लाम धर्म का प्रचार प्रसार करना था। तैमूर एक मुस्लिम धर्म के अनुयाई था और उन्होंने अपने आक्रमणकारी अभियानों के दौरान धार्मिक उद्देश्यों को भी पूरी तरह निभाया। तैमूर ने भारत के हिंदू राजा और उनके समर्थकों के बारे में विभिन्न धार्मिक ग्रंथो और इतिहासों में विस्तारित वर्णन किया है। 

तैमूर का भारत पर आक्रमण

सन् 1398 ई० में तैमूर ने 92000 सैनिकों सहित भारत पर आक्रमण किया। उसे समय दिल्ली का सुल्तान मोहम्मद तुगलक था। उसने तैमूर का सामना किया, परंतु बहुत तैमूर से परास्त होकर गुजरात की ओर भाग गया। तैमूर ने इस युद्ध से पूर्व एक लाख युद्ध बंधिया का कत्ल करवा दिया था। तैमूर 15 दिन तक दिल्ली में रहा और वहां उसने खूब लूट मार मचायी। 

तैमूर फिरोजाबाद, मेरठ, हरिद्वार होते हुए और कांगड़ा तथा जम्मू को लौटता हुआ समरकंद लौट गया। इस मध्य उसने हजारों व्यक्तियों को अपना दास बना लिया। वह अनेक कलाकारों को भी पकड़ कर अपने साथ समरकंद ले गया था। उसने खिज्र खाँ को मुल्तान, लाहौर तथा देपालपुर का शासक नियुक्त किया। 

तैमूर के आक्रमण का प्रभाव

(1) तुगलक वंश का अंत

तैमूर की भारतीय आक्रमण का सबसे घातक प्रभाव तुगलक वंश पर पड़ा। उसकी शक्ति और प्रतिष्ठा धूल में मिल गई और 1414 ई० में मोहम्मद तुगलक की मृत्यु के पश्चात तुगलक वंश का अंत हो गया।

(2) आर्थिक प्रभाव

तैमूर के आक्रमण से उत्तरी भारत की आर्थिक व्यवस्था छिन्न्-भिन्न हो गई, तैमूर अपने साथ भारत का बहुत साधन भी लूट कर ले गया था। तैमूर के आक्रमण से कृषि की अर्थव्यवस्था भी बिगड़ गई थी।

(3) दिल्ली सल्तनत का विघटन

तैमूर का आक्रमण दिल्ली सल्तनत के लिए पक्षाघात का रोग सिद्ध हुआ। दिल्ली सल्तनत को ऐसा धक्का लगा कि इसके बाद उसकी स्थिति में सुधार न हो पाया था। जौनपुर, मालवा, गुजरात और अन्य प्रांत स्वतंत्र हो गए। संपूर्ण भारत छोटे-छोटे राज्यों में विभक्त हो गया। केंद्रीय शक्ति पूर्णतः नष्ट हो गई तथा सर्वत्र अर्थव्यवस्था फैल गई।

(4) काल तथा रोगों का प्रकोप

तैमूर ने कई नगरों तथा गांव को लौटा तथा उन्हें उसने उजाड़ दिया। उसने हजारों लोगों को मार डाला जिससे चारों ओर काल तथा रोगों का प्रकोप छा गया।

(5) कला का प्रभाव

तैमूर के आक्रमण से भारतीय कला और साहित्य की प्रगति अवरुद्ध हो गई। तैमूर अनेक बहुमूल्य कलाकृतियां और शिल्पियों को अपने साथ समरकंद ले गया था, किंतु भले ही इससे भारतीय कला और शैली का विस्तार और अधिक मध्य एशिया तक अवश्य फैला लेकिन इससे भारतीय कला पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा।


महत्वपूर्ण अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर 

तैमूर कौन था?

तैमूर का जन्म 1336 ई० में ट्रांस आंक्सियाना प्रदेश के केस नामक स्थान पर हुआ था। 1369 ई० में तैमूर ने समरकंद कि शासन पर अधिकार कर लिया। सिंहासन पर अधिकार करने के उपरांत तैमूर ईरान, अफगानिस्तान, इराक, ख्वारिज्म आदि देशों को जीत लिया।

तैमूर का जन्म कब हुआ था?

तैमूर का जन्म 9 अप्रैल 1936 ई० में हुआ था।

तैमूर का भारत पर आक्रमण कब हुआ?

तैमूर का भारत पर आक्रमण 1398 ई० में हुआ था।

तैमूर के भारत पर आक्रमण के क्या उद्देश्य थे?

तैमूर के भारत पर आक्रमण के उद्देश्य - (1) अपनी ख्याति अर्जित करना (2) भारत से धन लूटने (3) इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार।

तैमूर के भारत पर आक्रमण के प्रभाव क्या थे?

तैमूर के आक्रमण के प्रभाव - (1) तुगलक वंश का अंत (2) आर्थिक प्रभाव (3) दिल्ली सल्तनत का विघटन (4) काल तथा रोगों का प्रकोप (5) कला का प्रभाव।

तैमूर का भारत पर आक्रमण के बारे में बताइए?

सन् 1398 ई० में तैमूर ने 92000 सैनिकों सहित भारत पर आक्रमण किया। उसे समय दिल्ली का सुल्तान मोहम्मद तुगलक था। उसने तैमूर का सामना किया, परंतु बहुत तैमूर से परास्त होकर गुजरात की ओर भाग गया। तैमूर ने इस युद्ध से पूर्व एक लाख युद्ध बंधिया का कत्ल करवा दिया था। तैमूर 15 दिन तक दिल्ली में रहा और वहां उसने खूब लूट मार मचायी।

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