राजनीतिक दल क्या है? अर्थ, परिभाषा तथा 10 मुख्य कार्य

राजनीतिक दल (political party)

राजनीतिक दल का अर्थ ; जब कुछ व्यक्तियों का समूह राजनीतिक उद्देश्य की प्राप्ति के लिए संगठित होता है और शासन की सत्ता को अपने हाथों में लेने का प्रयास करता है तो वह उसे व्यक्ति समूह को हम राजनीतिक दल कहते हैं। इस प्रकार राजनीतिक दल व्यक्तियों का वह संगठित समूह है, जो राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति करने के लिए सरकार पर नियंत्रण रखना, सरकार के निर्माण करने तथा वर्तमान सरकार को अब्दस्त करने का प्रयत्न करता है। 

राजनीतिक दल क्या है? अर्थ, परिभाषा तथा 10 मुख्य कार्य

राजनीतिक दल की परिभाषा 

(1) गैटिल के अनुसार — “राजनीतिक दल नागरिकों का वह समूह है, जो राजनीतिक इकाई के रूप में कार्य करता है और अपने मतदान की शक्ति का प्रयोग करके सरकार को नियंत्रित करना चाहता है।” 

(2) गिलक्राइस्ट के अनुसार— “एक राजनीतिक दल उन नागरिकों का संगठित समूह है जिनके राजनीतिक विचार एक से होते हैं तथा जो एक राजनीतिक इकाई की तरह कार्य करके सरकार को नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं।” 

(3) मैकाइवर के अनुसार — “राजनीतिक दल एक ऐसा समुदाय है जो किसी ऐसे सिद्धांत अथवा ऐसी नीति के समर्थन के लिए संगठित हुआ हो, जिसे वह वैधानिक साधनों से सरकार का आधार बनाना चाहता हूं।” 

(4) बर्क के अनुसार — “राजनीतिक दल किन्हीं विशेष सिद्धांतों के अनुसार सम्मिलित पर्यटनों द्वारा सार्वजनिक हितों की अभिवृद्धि करने के उद्देश्य से संगठित हुए नागरिकों का समुदाय है।”

परिभाषाओं का सार 

इन सभी परिभाषाओं से यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक दल उन व्यक्तियों का संगठन होता है, जो सामान राजनीतिक सिद्धांतों और नीतियों में विश्वास करते हैं तथा शांतिपूर्ण और वैधानिक साधनों में आस्था रखते हैं। वही अनुशासनबद्ध रहकर अपने उद्देश्यों को प्राप्त करना चाहते हैं। वे केवल संवैधानिक साधनों के द्वारा ही शासन की शक्ति पर नियंत्रण स्थापित करना चाहते हैं। इनका उद्देश्य राष्ट्रीय हित होता है।

राजनीतिक दलों के कार्य

राजनीतिक दल का कार्य

(1) समस्याओं की व्याख्या करना 

लोकतंत्रात्मक शासन प्रणाली में जनता के हितों का विशेष ध्यान रखा जाता है। लोक कल्याण के कार्यो से संबंधित अनेक समस्या में उत्पन्न होती है। राजनीतिक दल इन समस्याओं की व्याख्या ऐसी सरल भाषा में करते हैं कि सर्वसाधारण भी उन समस्याओं से परिचित हो जाता है और नागरिक उन समस्याओं का समाधान करने में प्रशासन की सहायता करते हैं।

(2) सरकार का संगठन 

 निर्वाचन में जो दल बहुमत प्राप्त करता है वह ‘सत्तारूढ़ दल’ कहलाता है और अन्य दल विरोधी दल कहलाते हैं। ये विरोधी दल सरकार के अनुच्छेद नीतियों की आलोचना करके सरकार को लोकहित का कार्य करने के लिए भी विवश करते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा के लिए राजनीतिक दलों का संगठित होना आवश्यक है। सांसद आत्मक शासन व्यवस्था के लिए तो राजनीतिक दलों का संगठित होना आवश्यक है क्योंकि संसदीय शासन प्रणाली में राजनीतिक दलों के अभाव में सरकार का गठन असंभव हो जाता है।

(3) निर्वाचन संबंधी शिक्षा 

 राजनीतिक दल निर्वाचन में अपने प्रतिनिधियों को इसी उद्देश्य से खड़ा करते हैं कि वह निर्वाचन में विजयी होकर अपने दल की सरकार का निर्माण कर सके। और इसीलिए वे निर्वाचन में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। निर्वाचन से पूर्व राजनीतिक दल जनता को निर्वाचन संबंधी शिक्षा प्रदान करते हैं।

(4) जनमत का निर्माण करना 

लोकतंत्रात्मक शासन प्रणाली में जनता द्वारा अपनी प्रतिनिधियों का निर्वाचन किया जाता है। राजनीतिक दल इन प्रतिनिधियों के व्यक्तिगत गुना का प्रचार व प्रसार करके अपने पक्ष में प्रभावी एवं स्वस्थ जनमत का निर्माण करते हैं। ऐसा करके राजनीतिक दल निर्वाचकों का पद-प्रदर्शन करते हैं। इसी दिशा में ब्राइस के शब्दों में— “लोकमत अथवा जनमत को प्रशिक्षित करने तथा उसके निर्माण और अभिव्यक्ति में राजनीतिक दलों के द्वारा अत्यधिक महत्वपूर्ण कार्य किया जाता है।” 

(5) जनता और प्रतिनिधियों के मध्य सीधे संपर्क करना

राजनीतिक दल अपने-अपने प्रतिनिधियों को निर्वाचन में प्रत्याशी बनाते हैं। साथ ही साथ हुए इन प्रतिनिधियों का मतदाताओं से परिचित भी करते हैं। इस प्रकार राजनीतिक दल प्रतिनिधियों और निर्वाचकों के बीच सीधा संपर्क स्थापित करके दोनों के संबंधों में घनिष्ठ उत्पन्न करते हैं तथा समय पड़ने पर निर्वाचन गण अपने प्रतिनिधियों से मिलकर सरकार से अपनी समस्याओं का समाधान करते हैं।

(6) प्रतिनिधियों की कर्तव्य परायणता 

लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में राजनीतिक दल निर्वाचकों के द्वारा प्रतिनिधियों को निर्वाचित कराकर विधान मंडलों में भेजते हैं। साथ ही साथ ये राजनीतिक दल निर्वाचकों के ऐसे प्रतिनिधियों के संबंध में भी जानकारी प्रदान करते हैं जो अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का पालन नहीं करते हैं। कुछ देशों में राजनीतिक दलों से प्रेरणा लेकर निर्वाचक मंडल अपने प्रतिनिधियों को वापस बुला सकता है। इस प्रकार राजनीतिक दल प्रतिनिधियों को कर्तव्य परायण बनाते हैं।

(7) शासन के विभिन्न अंगों में समन्वय करना 

सरकार के तीन अंग होते हैं, जिसे व्यवस्थापिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका कहते हैं। इन तीनों अंगों में पारस्परिक मतभेद होने से सरकार का कार्य अवरुद्ध हो जाता है तथा प्रशासनिक कार्य में गतिरोध की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। राजनीतिक दल सरकार के इन तीनों अंगों में समन्वय स्थापित करके गतिरोध का समाधान करते हैं।

(8) राष्ट्रीय नीति का निर्माण करना 

प्रत्येक राजनीतिक दल अपनी कोई विशिष्ट राष्ट्रीय नीति का प्रतिपादन करता है। निर्वाचन में अपने प्रतिनिधियों को विजयी बनाकर विजयु राजनीतिक दल राष्ट्रीय नीति का निर्माण करते हैं तथा उसे नीति को क्रियान्वित भी करते हैं।

(9) स्थानीय संस्थाओं को प्रोत्साहन करना 

राजनीतिक दल स्थानीय संस्थाओं की विशेषताओं और महत्व को स्पष्ट करके नागरिकों को ऐसी स्थानीय संस्थाओं का निर्माण करने की प्रेरणा देता है, जो उन समस्याओं का समाधान करने में योगदान दे सकें। निगम,‌ नगर पालिका परिषद्, ग्राम पंचायत, जिला पंचायत इत्यादि का निर्माण राजनीतिक दलों की प्रेरणा के ही परिणाम होते हैं। इस प्रकार राजनीतिक दल लोकतांत्रिक शासन की सफलता के लिए अनिवार्य है।

(10) राजनीतिक शिक्षा का प्रचार एवं प्रसार करना 

राजनीतिक दलों का एक मुख्य कार्य हो भी है कि राजनीतिक दल राजनीतिक शिक्षा का प्रचार तथा प्रसार करते हैं। वे नागरिकों को मतदान प्रक्रिया के विषय में ज्ञान भी प्रदान करते हैं। राजनीतिक दल के कार्यकर्ता मतदान केदो तक मतदाताओं को ले जाते हैं तथा उन्हें सही ढंग से मत डालने की जानकारी भी प्रदान करते हैं। और इसी संबंध में लावेल का विचार है कि “राजनीतिक दल राजनीतिक विचारों के दलाल के रूप में कार्य करते हैं।” 

निष्कर्ष 

लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में राजनीतिक दलों के कार्य इतने महत्वपूर्ण होते हैं कि राजनीतिक दल लोकतांत्रिक शासन प्रणाली की धूरी अथवा नींव माने जाते हैं। प्रोफेसर फाइनल के अनुसार, “राजनीतिक दल समस्त राष्ट्र को बंधुत्व के सूत्र में संगठित करते हैं तथा प्रत्येक नागरिक के सम्मुख राष्ट्र का चित्र प्रस्तुत करते हैं।”

राजनीतिक दलों का सभी प्रकार की शान प्रणालियों में महत्व होता है, परंतु दलीय प्रणाली का लोकतंत्र में विशेष महत्व होता है। राजनीतिक दल लोकतंत्र का आधार एवं प्रेरणा स्रोत है। तथ्यों से यह स्पष्ट हो जाता है कि दल विहीन लोकतंत्र का विचार केवल कल्पना तक ही सीमित है। दलविहीन प्रजातंत्र का प्रयोग सर्वप्रथम अमेरिका के संविधान निर्माता ने किया था, परंतु वे भी अपने देश में दलीय व्यवस्था की उत्पत्ति को रोक नहीं सके। वर्तमान समय में अमेरिका में ‘डेमोक्रेटिक’ तथा ‘रिपब्लिकन’ नामक दो राजनीतिक दल है। राष्ट्रपति तथा कांग्रेस के निर्वाचन में राजनीतिक दल सक्रिय भूमिका का निर्वाह करते हैं। इसके पश्चात नेपाल में भी यह प्रयास किया गया परंतु वर्तमान समय में नेपाल में भी बहुदलीय पद्धति पर आधारित लोकतंत्रात्मक व्यवस्था है।


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