वैज्ञानिक क्रांति का अर्थ तथा कारण - scientific revolution

 वैज्ञानिक क्रांति (scientific revolution)

वैज्ञानिक क्रांति का अर्थ ;वैज्ञानिक क्रांति से हमारा अभिप्राय परंपरागत क्षेत्र या विचारों में पर्यवेक्षण सर्वेक्षण सूट के साथ-साथ उन्हें तर्क की कसौटी पर खड़ा उतरना वैज्ञानिक क्रांति कहलाता है। इसके द्वारा अधिक विश्वसनीय परिणाम प्राप्त करने का प्रयास किया गया। इस विषय में देकार्ते का मत है कि वैज्ञानिक क्रांति इस बात की पुष्टि करता था कि कोई बात इसीलिए सत्य नहीं वह ईश्वर या चर्च द्वारा प्रस्तुत की गई है, बल्कि इसीलिए सत्य है कि बहुत तरक्की कसौटी पर खड़ी भी उतरती है। इसी तरह बेकन ने पर्यवेक्षण और प्रयोग पर बोल दिया जो आधुनिक विज्ञान की आधारशिला है। संक्षेप में वैज्ञानिक क्रांति तथ्यों, पर्यवेक्षण, सर्वेक्षण, शोध और तर्क कसौटी पर बल देती है।

वैज्ञानिक क्रांति का अर्थ तथा कारण - scientific revolution

वैज्ञानिक क्रांति के कारण
यूरोप में वैज्ञानिक क्रांति के कारण

वैज्ञानिक क्रांति के मुख्य कारक— वैज्ञानिक क्रांति का सूत्रपात पुनर्जागरण काल के दौरान हुआ था। इस क्रांति के मुख्य कारण इस प्रकार थे —

(1) वैज्ञानिक आविष्कारों का बल 

पुनर्जागरण काल के दौरान औद्योगिक क्षेत्र, कृषि क्षेत्र और निर्माण के क्षेत्र में वैज्ञानिकों द्वारा नए-नए आविष्कार किए जाने लगे थे। इनमें हरग्रीव का स्पिनिंग जैनी, आर्कराइट का वाटर फ्रेम, जॉन के का फ्लाइंग शटल, सैमुअल क्राँम्टन का म्यूल, विटरनी का कॉटन जिन कार्टर राइट पावर लूम, सिलेंडर प्रिंटिंग, स्टीम इंजन, लोको मोटिव इंजन, ड्रिल मशीन आदि को शामिल कर सकते हैं। इन वैज्ञानिक अविष्कारों ने न केवल औद्योगिक क्रांति को प्रोत्साहित किया बल्कि कृषि के क्षेत्र में भी भारी बदलाव आए थे।

(2) विज्ञान के क्षेत्र में शोध 

वैज्ञानिक क्रांति के परिणाम स्वरुप विज्ञान के क्षेत्र में नित्य नए सुधार व शोध आरंभ हुए थे। इस क्रांति के कारण रसायन शास्त्र, चिकित्सा, ज्योतिष, गणित, भौतिक शास्त्र आदि के क्षेत्र में काफी शोध कार्य हुए थे। रसायन शास्त्र के क्षेत्र में कोडर्स किस सल्फर और अल्कोहल से इथर का निर्माण किया, वही हेलमौट ने कार्बन-डाइ-ऑक्साइड का आविष्कार किया। अपने शोध द्वारा हेलमौट ने यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि वायु और गैसे से एक दूसरे से भिन्न है। इसी तरह वैसेलियस अपने शरीर विज्ञान का विश्लेषण करके मस्तिष्क, फेफड़ों, स्नायू, हड्डी आदि अवयवों में संबंध बताएं। इसी तरह विलियम हार्वे ने रक्त संचालन के बारे में बताइए और यह किस तरह कार्य करता है, का वर्णन किया था। इसी तरह पैरेसेलूस नीचे किसका शास्त्र और रसायन शास्त्र को एक दूसरे से अंतर्सबंधित माना था। इन शोधों ने विज्ञान के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए थे।

(3) विज्ञान की अकादमियों की स्थापना

वैज्ञानिक क्रांति को प्रारंभ करने में विज्ञान की अकादमियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। प्राकृतिक विज्ञान को प्रेरित करने के उद्देश्य से अनेक अकादमियां इस दौर से अस्तित्व में आयी थी। 1603 ई० में रोमन वैज्ञानिकों के एक समूह ने लेवसेज नमक अकादमी की स्थापना की थी। इस अकादमी के पश्चात ब्रिटिश शासक चार्ल्स द्वितीय ने रॉयल सोसाइटी की स्थापना 1662 में की थी। 1662 ईस्वी में फ्रांस में, 1683 ईस्वी में मेसाचुसेट्स में, 1684 में तथा 70 सी सदी के अंत तक इटली व जर्मनी में अनेक अकादमियों का गठन हो चुका था। इन अकादमी यो की स्थापना से विज्ञान को रुचिकर बनाने पर बोल दिया और अधिक से अधिक विद्यार्थियों को इस और आकर्षित करने के लिए प्रेरित किया था तथा इस काल में अनेक देशों में वैज्ञानिक पत्र पत्रिकाएं प्रकाशित होने लगी थी।

(4) प्रयोगशालाओं का प्रचलन

वैज्ञानिक क्रांति के प्रारंभ होने में वैज्ञानिकों द्वारा प्रयोगशालाओं के प्रचलन को प्रोत्साहन देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। उसे कल के अनेक वैज्ञानिकों ने बड़ी-बड़ी प्रयोगशालाओं और लैबोरेट्री आदि की स्थापना की थी। 1667 ईस्वी में पेरिस, 1675 ई० में ग्रीन बीच में प्रयोगशालाएं स्थापित की गई। इन प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिकों, चिकित्साशास्त्रियों आदि ने नित्य नए प्रयोग आरंभ करके नए-नए परिणाम प्रस्तुत किए। 1663 ईस्वी में रॉबर्ट बॉयल नामक वैज्ञानिक ने जैविक पदार्थों को मघसार में सुरक्षित रखने का सफल प्रयोग किया। नए-नए होने वाले प्रयोग व उनके परिणामों को संग्रहित करने के लिए अनेक संग्रहालय की स्थापना भी की गई थी।

(5) प्राकृतिक विज्ञान के क्षेत्र में विकास 

वैज्ञानिक क्रांति का एक मुख्य कारक या कारण प्राकृतिक विज्ञान के क्षेत्र में आया विकास भी है। प्राकृतिक विज्ञान का जन्म प्राचीन यूनान में हुआ था। इसके विकास में कॉपरनिकस, गैलीलियो एवं हार्ने जैसे वैज्ञानिकों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। इन विद्वानों के द्वारा विज्ञान को अंधविश्वास वह जादू-टोने से अलग कर दिया गया था। तत्कालीन शासको के संरक्षण में यह बहुत अधिक फला और फुला था। उनके संरक्षण में ही बुद्धिजीवी प्राकृतिक विज्ञान की ओर आकर्षित हुए थे और उन्होंने इसे लोकप्रिय बनाकर जनसाधारण को जागरूक किया था।

(6) खनिज विज्ञान के क्षेत्र में हुआ विकास 

वैज्ञानिक क्रांति की शुरुआत का एक मुख्य कारण खनिज विज्ञान के क्षेत्र में आया विकास भी है। इसका आरंभ 16वीं शताब्दी के मध्य हुआ था। इस क्षेत्र में जेम्स हटन ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह स्कॉटलैंड का रहने वाला एक भूगर्भ शास्त्री था जिसने अपने पर्यवेक्षणों तथा सिद्धांतों को एडिनबरा की रॉयल सोसाइटी को अपने एक निबंध में प्रस्तुत किया उसका विचार था कि पृथ्वी लाखों वर्ष पुरानी है और इसका वर्तमान स्वरूप इसके क्रमिक विकास का प्रतिफल माना जाता है।

(7) भौतिक शास्त्र के क्षेत्र में हुई प्रगति 

वैज्ञानिक क्रांति का एक प्रमुख कारण भौतिक शास्त्र के क्षेत्र में हुए अनेक शोध भी है। भौतिक शास्त्र के क्षेत्र में सर्वप्रथम अनुसंधान गिलबर्टी के द्वारा प्रस्तुत चुंबक की खोज से जिसे आगे चलकर विद्युत के क्षेत्र में अपना योगदान दिया था। गैलीलियो ने अरस्तु द्वारा प्रतिपादित गति के सिद्धांत का न केवल खंडन किया बल्कि गति व शब्द संबंधी नए नियमों को भी प्रस्तुत किया था। गैलीलियो ने वायु मापक यंत्र, हाइड्रोस्टेटिक संतुलन एवं नक्षत्र घड़ियों आदि के विषय में नवीनतम जानकारी उपलब्ध करवाई थी। 

(8) वैज्ञानिक ज्ञान का प्रसार होना 

वैज्ञानिक क्रांति के सूत्रधार में वैज्ञानिक ज्ञान के प्रसार की भूमिका भी उल्लेखनी रही थी। विभिन्न क्षेत्रों में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न तरह के लघु एवं विशाल यंत्रों का प्रारंभ विज्ञान की सहायता से ही प्रारंभ हुआ। तकनीकी विकास खनिज पदार्थों से ही संभव हो सका। रसायन विज्ञान के ज्ञान के कारण वस्त्रों की रंगाई का उद्योग फलने और फूलने लगा। इसके साथ ही लोगे वह इस्पात का उत्पादन संभव हुआ जिससे निर्मित मशीनों ने औद्योगिक क्रांति में योगदान दिया।

(9) कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक क्रांति 

कृषि के क्षेत्र में अनेक जमीदारों व किसानों ने ऐसे आधुनिक यंत्रों का विकास किया जिसे वैज्ञानिक क्रांति को बल मिला। जेथ्रोटुल द्वारा कृषि क्षेत्र में काफी बदलाव लाए गए। कृषि के लिए ड्रिल नामक यंत्र की खोज हुई जिसने खेतों में प्रयुक्त होने वाली खाद को डालने के नवीन तरीके खोज निकाले थे। थॉमस कुक ने रेतीले जमीन को कृषि योग्य बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कृषि क्रांति में विज्ञान के प्रयोग पर आर्थर यंग नामक विद्वान ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था, जिसके कारण उसे नवीन ‘कृषि पद्धति का दूत’ कहा जाने लगा। उसने वैज्ञानिक ढंग से कृषि करने के लिए भूमि के छोटे-छोटे भागों को मिलाकर चकबंदी पर बल दिया। हेलो में लकड़ी के स्थान पर लोगे के ‘फार’ लगाने से कृषि को बल मिला था। 

(10) शासकों का योगदान 

वैज्ञानिक क्रांति के प्रारंभ में शासको तथा अनेक राजनेताओं ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। नए-नए होने वाले आविष्कारों को शासको का संरक्षण प्राप्त हुआ था। फ्रांसीसी लुई XIV का भाई एक वैज्ञानिक था, और उसने अपने यहां एक प्रयोगशाला बनाई हुई थी, जिसमें वह रोज नए-नए प्रयोग करता रहता था। ब्रिटिश शासन चार्ल्स द्वितीय के यहां भी एक प्रयोगशाला थी जिसमें रसायन शास्त्र के प्रयोग किए जाते थे। लंदन के सैम्लयू पेप्सी ने भी विज्ञान के क्षेत्र में काफी कार्य किए थे। विलियम हर्षेल ने सूर्य के धब्बे, चांद, ज्वालामुखी मंगल ग्रह आदि की जानकारियां उपलब्ध करवाई थी। हॉलैंड के जॉन डिवीट ने विज्ञान को काफी अपना योगदान दिया था और उसने जरीब की खोज की थी। इस तरह शासको का संरक्षण प्राप्त करके वैज्ञानिकों ने विभिन्न तरहों की शोध कार्य आरंभ किया और नए-नए अविष्कार जनता के सामने प्रस्तुत किए थे। जिसके कारण वैज्ञानिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त हुआ था। 

महत्वपूर्ण अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर 

वैज्ञानिक क्रांति की शुरुआत कब हुई थी?

वैज्ञानिक क्रांति की शुरुआत 1543 ई० में हुई थी।

वैज्ञानिक क्रांति की शुरुआत कहां से हुई थी?

वैज्ञानिक क्रांति की शुरुआत यूरोप से हुई थी।

वैज्ञानिक क्रांति का अर्थ क्या है?

वैज्ञानिक क्रांति का अर्थ- वैज्ञानिक क्रांति से हमारा अभिप्राय परंपरागत क्षेत्र या विचारों में पर्यवेक्षण सर्वेक्षण सूट के साथ-साथ उन्हें तर्क की कसौटी पर खड़ा उतरना वैज्ञानिक क्रांति कहलाता है। इसके द्वारा अधिक विश्वसनीय परिणाम प्राप्त करने का प्रयास किया गया।

यूरोप में वैज्ञानिक क्रांति के कारण क्या थे?

यूरोप में वैज्ञानिक क्रांति के कारण - (1) वैज्ञानिक आविष्कारों का बल (2) विज्ञान के क्षेत्र में शोध (3) विज्ञान की अकादमियों की स्थापना (4) प्रयोगशालाओं का प्रचलन (5) प्राकृतिक विज्ञान के क्षेत्र में विकास (6) खनिज विज्ञान के क्षेत्र में हुआ विकास (7) भौतिक शास्त्र के क्षेत्र में हुई प्रगति (8) वैज्ञानिक ज्ञान का प्रसार होना (9) कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक क्रांति।

वैज्ञानिक क्रांति का जन्मदाता कौन है?

वैज्ञानिक क्रांति का जन्मदाता निकोलस कोपरनिकस को कहा जाता है।

वैज्ञानिक क्रांति कब समाप्त हुई थी?

वैज्ञानिक क्रांति 1687 को समाप्त हुई थी।

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