चीनी गणराज्य में कार्यपालिका के संगठन और शक्तियों का वर्णन कीजिए।

चीनी गणराज्य में कार्यपालिका या राज्य परिषद् से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को स्पष्ट करेंगे जैसे-

(1) चीनी कार्यपालिका के संगठन और शक्तियों का वर्णन कीजिए। 

(2) चीन की कार्यपालिका पर एक निबंध लिखिए

(3) चीनी गणराज्य में कार्यपालिका के संगठन और कार्य 

चीनी गणराज्य में कार्यपालिका या राज्य परिषद्

 नवीन संविधान के अनुच्छेद 85 के अनुसार चीनी गणराज्य में केंद्रीय कार्यपालिका को राज्य परिषद की संख्या प्रदान की गई है। राज्य परिषद् की संवैधानिक स्थिति को देखते हुए कुछ लोगों ने राज्य परिषद् को प्रशासकीय तंत्र का प्रमुख संचालक माना है। राज्य परिषद् की संरचना तथा उसके अधिकार और कर्तव्यों के संबंध में कुछ बातें उल्लेखनीय है जो कुछ इस प्रकार है— 

(1) राज्य परिषद का संगठन 

राज्य परिषद् में प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री, अन्य मंत्री अयोगों के अध्यक्ष तथा सेक्रेटरी जनरल आदि को सम्मिलित किया जाता है। इस परिषद् के अध्यक्ष प्रधानमंत्री को गणराज्य की अध्यक्ष की सिफारिशों पर राष्ट्रीय जनवरी कांग्रेस द्वारा चुना जाता है और शेष सदस्यों को प्रधानमंत्री की सिफारिशों पर राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस द्वारा ही चुना जाता है। इस प्रकार राज्य परिषद की सभी सदस्यों का निर्वाचन गणराज्य की व्यवस्थापिका राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस द्वारा किया जाता है। राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस ही राज्य परिषद की प्रधानमंत्री अथवा किसी भी सदस्य को पदच्युत कर सकती है। 

(2) राज्य परिषद की सदस्य संख्या तथा उसकी कार्य प्रणाली 

संविधान के अनुच्छेद 86 के अनुसार राज्य परिषद की सदस्य संख्या के संबंध में कोई बात निश्चात्मक रूप से नहीं कहीं जा सकती है। यह परिषद एक बहुत बड़ा निकाय है जिसमें प्रधानमंत्री की अतिरिक्त लगभग 30 मंत्री और उनके अतिरिक्त राज्य योजना आयोग तथा अन्य आयोगों के सदस्य भी सम्मिलित रहते हैं। इसकी कार्य प्रणाली आदि के संबंध में कुछ उल्लेखनीय तथ्य इस प्रकार हैं— 

(1) चीनी राज्य परिषद अथवा मंत्रिमंडल का निर्माण प्रधानमंत्री, उपप्रधानमंत्री, अन्य मंत्रियों, समितियां के अध्यक्ष तथा सचिवालय के प्रधान से मिलकर होता है।

(2) राज्य परिषद के मंत्रियों की सहायता के लिए उप मंत्रियों की नियुक्ति की जाती हैं। 

(3) प्रधानमंत्री के परामर्श पर राष्ट्रीय जन कांग्रेस या उसकी स्थाई समिति राज्य परिषद के मंत्रियों की संख्या में कमी या वृद्धि कर सकती है। 

(3) राज्य परिषद का उत्तरदायित्व 

चीनी मंत्रिमंडल राष्ट्रीय जन कांग्रेस के प्रति उत्तरदाई होता है। यदि राष्ट्रीय जन कांग्रेस की बैठक न हो रही हो तो राज्य परिषद राष्ट्रीय जन कांग्रेस की स्थाई समिति के प्रति उत्तरदाई होती है। 

(4) कार्यकाल 

राज्य परिषद का कार्यकाल 5 वर्ष है। परंतु राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस इसके लिए किसी भी सदस्य को अवधि से पूर्व भी पदच्युत कर सकती है। 

(5) राज्य परिषद में कार्यो का विभाजन 

राज्य परिषद् की सदस्य संख्या अधिक होने के कारण संपूर्ण राज्य परिषद की बैठक बहुत ही कम अवसरों पर हो पाती है। इसलिए प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री सामान्य विभागों के अध्यक्ष आदि को प्रशासन में समन्वय स्थापित करने का कार्य सौंप दिया जाता है। यह सब मिलकर एक प्रकार की आंतरिक राज्य परिषद् का निर्माण करते हैं। राज्य परिषद के विभिन्न कार्यों का संपादन करने के लिए विभिन्न प्रकार के विषयों की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक विभाग का अध्यक्ष कोई ना कोई मंत्री होता है। इस प्रकार अन्य लोकतांत्रिक देश की भांति चीन के मंत्रिमंडल में भी विभिन्न मंत्रालयों की व्यवस्था की गई है। इन मंत्रालयों में गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय, न्यायिक मंत्रालय, सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय, रेल मंत्रालय, डाक व तार मंत्रालय शिक्षा, मंत्रालय सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय आदि के नाम से प्रचलित है। 

(6) चीन का प्रधानमंत्री 

चीन का राज्य परिषद् में प्रधानमंत्री का निर्वाचन गणराज्य की राष्ट्रपति की सिफारिश पर राष्ट्रीय जन कांग्रेस द्वारा किया जाता है। चीन में प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल की बैठकों का सभापतित्व भी करता है। प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय जन कांग्रेस पदच्युत कर सकता है। चीनी मंत्री परिषद का प्रधानमंत्री अपनी परिषद के मंत्रियों पर नियंत्रण नहीं रख सकता है क्योंकि राष्ट्रीय जन कांग्रेस किसी भी मंत्री को किसी भी समय प्रधानमंत्री की अनुमति के बिना भी मंत्रिमंडल से हटा सकती है। 

(7) राज्य परिषद् की शक्तियां तथा कार्य 

संविधान के अनुच्छेद 89 के अनुसार राज्य परिषद् की शक्ति और कार्यों को कुछ इस प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है— 

(1) राज्य परिषद संविधान और कानून के अनुसार प्रशासकीय निर्णय तथा आदेशों को प्रसारित करती है।

(2) यह राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस या उसकी स्थाई समिति के सम्मुख विधेयक प्रस्तुत करती है। वह मंत्रालयों अयोगी तथा प्रशासकी अंगों के बीच समन्वय स्थापित करती है।

(3) राज्य परिषद् मंत्रालयों तथा आयोगों के अध्यक्षों द्वारा किए गए आदेशों तथा निर्देशों में संशोधन कर सकती है।

(4) राज्य परिषद् को राष्ट्रीय आर्थिक योजनाओं को बनाने और उन्हें लागू करने का अधिकार होता है।

(5) चीन की राज्य परिषद् चीन की आंतरिक एवं बाह्य व्यापार पर नियंत्रण रखती है।

(6) परिषद् का कार्य संस्कृति, शिक्षा, जन-स्वास्थ्य आदि का प्रचार करना है। 

(7) चीन की राज्य परिषद विदेश में चीन के हितों की सुरक्षा करती है।

(8) राज्य परिषद् का मुख्य कार्य विदेश से संबंधित नीति की देख-रेख करना है। वह राज्य की सीमाओं पर सुरक्षा की व्यवस्था करती है।

(9) विभिन्न क्षेत्रों में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति कानून के अनुसार राज्य परिषद् द्वारा ही की जाती है।

(10) राज्य परिषद् उन सभी कार्यों का संपादन करती है जो चीन की राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस अर्थात व्यवस्थापिका उसको सौंपती है।

(11) स्वशासित जिलों, तहसीलों तथा नगर पालिकाओं के पद तथा सीमाओं को स्वीकार करती है।

(12) राज्य परिषद् सशस्त्र सेनाओं की व्यवस्था करती है।

(13) यह संस्कृतिक, शिक्षा संबंधित तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य के कार्यों का भी संचालन करती है। 

(8) राज्य परिषद की आलोचना तथा उसकी समीक्षा

चीनी गणराज्य कि राज्य परिषद् की आलोचना करते हुए आलोचकों ने अपने कुछ तथ्य प्रस्तुत किए हैं।

(1) राज्य परिषद सभी मामलों में राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस के प्रति उत्तरदाई है। 

(2) प्रधानमंत्री मंत्रियों के निर्णय में संशोधन कर सकता है।

(3) राज्य परिषद् के अध्यक्ष प्रधानमंत्री तथा मंत्रियों को राष्ट्रीय जनवादी कांग्रेस के इच्छा अनुसार कभी भी पदच्युत कर सकती है। 

(4) चीन के मंत्रिमंडल का सामूहिक उत्तरदायित्व नहीं है परंतु फिर भी चीन में कार्यपालिका की प्रकृति संसदीय है। 

निष्कर्ष 

यद्यपि राज्य परिषद जनवादी चीन की कार्यपालिका तथा राज्य का सर्वोच्च प्रशासनिक अंग है, परंतु इससे ब्रिटेन अथवा भारत के मंत्रीमंडलों के समान गौरवपूर्ण स्थिति पर प्राप्त नहीं है।‌ ब्रिटिश मंत्रिमंडल की तुलना में चीन की राज्य परिषद को अत्यंत सीमित शक्तियां ही प्राप्त हैं।


महत्वपूर्ण अति लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर 

चीन की व्यवस्थापिका में कितने सदन है?

चीन की व्यवस्थापिका में केवल एक ही सदन है। जिसे नारोक्रेसी कहा जाता है।

चीन में राज्य परिषद है?

चीन में राज्य परिषद उपलब्ध है जिसमें प्रधानमंत्री उसका नेतृत्व होता है।

चीन में गणतंत्र की स्थापना किसने की?

चीन में गणतंत्र की स्थापना 1 अक्टूबर 1949 को माओत्‍से तुंग के नेतृत्व में हुई।

चीन में गणतंत्र की स्थापना कब हुई?

चीन में गणतंत्र की स्थापना 1 अक्टूबर 1949 को हुई।

चीन में राज्य परिषद के कार्य?

संविधान के अनुच्छेद 89 के अनुसार राज्य परिषद् की शक्ति और कार्य - यह संस्कृतिक, शिक्षा संबंधित तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य के कार्यों का भी संचालन करती है।

चीन में साम्यवादी पार्टी की स्थापना किस वर्ष हुई थी?

चीन में साम्यवादी पार्टी की स्थापना वर्ष 1921 में हुई थी।

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