पुनर्जागरण के कारण एवं परिणाम - renaissance

पुनर्जागरण के कारण एवं परिणाम

पुनर्जागरण के कारण

पुनर्जागरण का प्रारंभ किसी एक कारण से न होकर अनेक कारणों से हुआ, जो निम्नलिखित है— 

पुनर्जागरण के कारण एवं परिणाम - renaissance
पुनर्जागरण के कारण 

(1) धर्म युद्ध

अपने अस्तित्व की रक्षा हेतु ईसाइयों को तुर्की के मुसलमान के साथ कई धर्म युद्ध करने पड़े। धर्म युद्धों में यद्यपि ईसाई लोग तुर्की पर विजय नहीं प्राप्त कर सके पर इन युद्धों का यूरोप पर काफी प्रभाव पड़ा। इन युद्धों की पराजय से ईसाइयों को अपनी अवस्था का ज्ञान हो गया और वे संगठित होकर विदेशों में जाने लगे। इन युद्ध में भाग लेने के कारण वे पूर्वी देशों के संपर्क में आए जिससे इनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण का संचार हुआ।

(2) छापेखाने का आविष्कार

पुनर्जागरण आंदोलन की सफलता का श्रेय छापेखाने को भी जाता है। छापेखाने के अविष्कार ने पुस्तकों की छपाई व प्रकाशन को न सिर्फ सस्ता किया बल्कि इसमें पुस्तक अधिक संख्या में छपने लगी। लोगों के पढ़ने की आदत बढ़ने लगी। बाइबिल की पुस्तक अब घर-घर में प्राप्त होने लगी। इस प्रकार छापेखाने के आविष्कार ने भी पुनर्जागरण को प्रोत्साहन दिया।

(3) कुस्तुन्तुनिया पर तुर्कों का अधिकार

सन् 1453 ईस्वी में तुर्कों ने कुस्तुन्तुनिया पर अधिकार कर लिया। कुस्तुन्तुनिया इसाई संस्कृति का प्रमुख केंद्र था। यहां पर तुर्कों के अत्याचार से पीड़ित यूनानी विद्वान शरण लेने हेतु पश्चिमी रोमन साम्राज्य की राजधानी रोम आ गए। उन एन के विद्वान अपने साथ कई अमूल्य ग्रंथ लाए थे। यूरोप वासियों ने अपनी प्रवृत्तियों में यूनान विचारकों को स्थान दिया जिससे जीवन के क्षेत्र में नए विचार पर पनपनें लगे।

(4) मानववाद

यह शब्द लैटिन भाषा के शब्द ह्यूमाइनेस से निकला है। जिसका अर्थ उन्नत ज्ञान है। मानववादी मनुष्य की धर्मशास्त्र के प्रति कोई रुचि न थी। वे जनसाधारण सुसंस्कृत बनाने के लिए प्राचीन साहित्य पर जोर देते थे। इस युग में पेट्रार्क, बोकासियो तथा बैकेन नामक प्रसिद्ध विचारक हुए। उन्होंने तर्क और प्रयोग पर जोर दिया। इस धारा ने पुनर्जागरण में सहयोग दिया।

(5) नगरों का विकास

मध्य युग की समाप्ति तक यूरोप के विभिन्न देशों में बड़े-बड़े नगर आबाद हो गए। व्यापार के विकसित होने के कारण धनी व्यापारी वर्ग नगरों में निवास करने लगा। धन की प्रचुरता से उनकी इच्छाओं में दिनों दिन वृद्धि होने लगी और उनका जीवन विलासिता की ओर उन्मुख होने लगा। उन्होंने धार्मिक कठोर नियमों की अवज्ञा का स्वतंत्र चिंतन करना प्रारंभ किया।

(6) वैज्ञानिक चेतना

15 से 17 वीं शताब्दी तक वैज्ञानिकों ने अपने अन्वेषणों द्वारा मनुष्य के अंधविश्वासों का अंत किया। 50 वैज्ञानिकों में रोजर व्येकन, गैलीलियो, कॉपरनिकस आदि ने प्रयोगों और विचारों के आधार पर सत्य को खोजने का प्रयास किया। इसका परिणाम यह हुआ कि मानव तार्किक में विश्वास करने लगा और किसी भी बात को बिना प्रमाण के करने को तैयार न था।

(7) भौगोलिक खोजें

यूरोप के पुनरुत्थान और विकास में भौगोलिक अन्वेषणों का भी बड़ा हाथ था। इन भौगोलिक खोजो से व्यापारियों के समक्ष व्यापक का क्षेत्र विस्तीर्ण हो गया। तुर्कों ने जब कुस्तुन्तुनिया पर अधिकार कर लिया। तब पूर्वी यूरोप के व्यापार को धक्का लगा अतः व्यापार के लिए नए मार्ग खोजे गए। इन खोजने के परिणाम स्वरुप हुए विश्व के अन्य लोगों के संपर्क में आए। यूरोप वीडियो में नवीन विचारों का प्रादुर्भाव हुआ। उन्होंने दूर-दूर देशों में जाकर उपनिवेश स्थापित किए।

(8) पूंजीवाद का प्रादुर्भाव

व्यापार क्रांति के फल स्वरुप यूरोप के देशों में पूंजीवाद का सूत्रपात हुआ। अपने धन की सहायता से धनी वर्ग के शासको को शक्तिशाली बनाया। इंद्राणी लोगों ने ही मानववादी विचारधारा को अपनाकर परलोक की चिंता छोड़ दी तथा इस लोक में अपना जीवन सुखी बनाने का प्रयास किया। यह सब बातें इस बात का प्रमाण है देती हैं कि यूरोप अब नहीं कल वह सभ्यता की ओर उन्मुख हो रहा है।


पुनर्जागरण के परिणाम

पुनर्जागरण के कारण मध्यकालीन मान्यताओं एवं अंधविश्वासों का अंत हो गया तथा आधुनिक युग का आरंभ हुआ। इसके परिणाम महत्वपूर्ण एवं दूरगामी सिद्ध हुए। इसके कारण यूरोप के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन आया। इसके कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन निम्नलिखित है—

(1) विचार स्वतंत्रता व वैज्ञानिक दृष्टिकोण

पुनर्जागरण से पहले लोगों को धर्म शास्त्रों में जो कुछ लिखा हुआ था या धर्माधिकारी जो कुछ बता देते थे, उसे ही सत्य मानना पड़ता था। लेकिन अब लोगों में विचार स्वतंत्रता का विकास हुआ। लोगों में तर्क शक्ति का विकास हुआ। लोग सत्य को पहचानने में समर्थ हुए। वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास हुआ जिसमें निरीक्षण, अन्वेषण व परिक्षण पर जोर दिया जाने लगा।

(2) भौतिकवादी दृष्टिकोण का विकास

पुनर्जागरण के कारण प्रकृति में विद्यमान शक्ति का प्रयोग मानव जीवन को सुखी बनाने के लिए किया जाने लगा। वैज्ञानिक दृष्टिकोण के कारण मानव प्रकृति के रहस्य को समझने में सफल हुआ। देवताओं और धर्म से ध्यान हटाकर अब मानव संसार को अधिक सुंदर बनाने का प्रयत्न किया जाने लगा। आकर्षक नगरों सुविधाजनक घरों का निर्माण किया जाने लगा। सार्वजनिक मनोरंजन के स्थान बनने लगे। स्त्रियों का जीवन सुखी व आकर्षक बन गया। इस प्रकार से भौतिकवादी दृष्टिकोण के विकास ने आधुनिक युग की नींव रखी। 

(3) राष्ट्रीयता का विकास

पुनर्जागरण के परिणाम स्वरुप लोगों में राष्ट्रीयता की भावना का विकास हुआ। लोगों में अपने राष्ट्र की प्रगति व शक्ति के विकास में रुचि बढ़ने लगी। स्थानीय भाषाओं के विकास ने राष्ट्रीयता की भावनाओं की ओर आगे बढ़ाया। व्यापार वाणिज्य के विकास, उपनिवेशों की स्थापना तथा साम्राज्यवादी विस्तार ने राष्ट्रीयता की भावना को और अधिक मजबूत बनाया। प्रत्येक राष्ट्र के नागरिक अपने राष्ट्र को अधिक समृद्ध व शक्ति संपन्न बनाने के लिए प्रार्थना करने लगे।

(4) धर्म सुधार की पृष्ठभूमि का निर्माण

पुनर्जागरण का सबसे ज्यादा प्रभाव धार्मिक क्षेत्र पर पड़ा। धर्म युद्ध ने पाप की सत्ता को प्रभाव को पहले ही भीषण आघात पहुंचाया था। पुनर्जागरण की नई खोजो वह सिद्धांतों ने प्राचीन धर्म शास्त्रों के सिद्धांतों व विश्वास को हिला कर रख दिया, जिसे लोगों को धार्मिक बंधनों से मुक्त होने का अवसर मिला। लोगों ने धर्म के क्षेत्र में व्यापक कुरीतियों व स्वेच्छाचारी के विरुद्ध आवाज उठानी शुरू कर दी। कागज हुआ छापेखाने के कारण धर्म व गूढ़ ज्ञान अब सर्वसाधारण की पहुंच में आ गया। धर्म ग्रंथो का लोकभाषाओं में अनुवाद होने के कारण आडंबर हूं वह झूठ सिद्धांतों से लोगों का विश्वास उठ गया और वह सुधारो की मांग करने लगे।

(5) उन्नत पाठ्यक्रम

पुनर्जागरण के कारण यूनानी वह लैटिन भाषाओं के अध्ययन को प्रमुख स्थान दिया जाने लगा। स्कूलों तथा विश्वविद्यालय के अध्ययन को प्रमुख स्थान दिया जाने लगा। तब से लेकर वर्तमान तक सीजर, सिसरो, वर्जिल होमर, शेक्सपियर, प्लेटो, अरस्तु आदि का अध्ययन अध्यापन चल रहा है। विज्ञान व गणित के अध्ययन के सांसद सामाजिक विज्ञान के विषय पर भी पर्याप्त जोर दिया जाने लगा। 

निष्कर्ष

इस प्रकार से उपर्युक्त तथ्यों के आधार पर यह स्पष्ट होता है कि पुनर्जागरण एक उदार सांस्कृतिक आंदोलन था जिसने विज्ञान, व्यवसाय, धर्म व शासन में बड़े परिवर्तनों के लिए मार्ग तैयार किया, जिस पर चलकर मानव अपनी आधुनिक सभ्यता व संस्कृति का निर्माण करने में सफल हो सका। पुनर्जागरण मानव जीवन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मूल बिंदु स्थित हुआ।


impo-Short questions and answers 

पुनर्जागरण कब शुरू हुआ?

पुनर्जागरण 14वीं से 16वीं शताब्दी के मध्य शुरू हुआ।

पहले पुनर्जागरण आंदोलन का संबंध किससे है?

प्राचीन यूरोपीय संस्कृति के पुनरुत्थान से संबंधित है।

इटली में पुनर्जागरण का जनक किसे कहा जाता है?

इटली में पुनर्जागरण का जनक महान कवि दांते को कहा जाता है।

पुनर्जागरण का आरंभ सर्वप्रथम किस देश में हुआ?

पुनर्जागरण का आरंभ सर्वप्रथम इटली के फ्लोरेंस शहर से शुरू हुआ।

पुनर्जागरण के कारण?

पुनर्जागरण के कारण - (1) धर्म युद्ध (2) छापेखाने का आविष्कार (3) कुस्तुन्तुनिया पर तुर्कों का अधिकार (4) मानववाद (5) नगरों का विकास (6) वैज्ञानिक चेतना (7) भौगोलिक खोजें (8) पूंजीवाद का प्रादुर्भाव

पुनर्जागरण के परिणाम?

पुनर्जागरण के परिणाम - (1) विचार स्वतंत्रता व वैज्ञानिक दृष्टिकोण (2) भौतिकवादी दृष्टिकोण का विकास (3) राष्ट्रीयता का विकास (4) धर्म सुधार की पृष्ठभूमि का निर्माण (5) उन्नत पाठ्यक्रम

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