अमेरिका के संविधान की 10 मुख्य विशेषताएं | us constitution

संयुक्त राज्य अमेरिका का संविधान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नो को हल या चर्चा करेंगे जैसे — 

  1. संयुक्त राज्य अमेरिका का संविधान
  2. संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान की प्रमुख विशेषताएं
  3. संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के मुख्य लक्षण

संयुक्त राज्य अमेरिका का संविधान

संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान का निर्माण फिलाडेल्फिया सम्मेलन (Philadelphia Convention) द्वारा किया गया। सन् 1787 में फिलाडेल्फिया नामक स्थान पर एक सम्मेलन हुआ जिसमें 13 राज्यों के 74 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इस सम्मेलन के कुछ प्रमुख व्यक्ति यह थे — जॉर्ज वाशिंगटन, जेम्स मेडीसन, अलेक्जेंडर हैमिल्टन, बैंजामिन, जेम्स विल्सन आदि। इस सम्मेलन द्वारा एक लेख-पत्र तैयार किया गया जिस पर 39 प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर हुए। लेख-पत्र की धाराओं पर विचर्स विमर्श किए गए और अंत में 17 सितंबर, 1787 को इसे अमेरिकी संविधान का रुप दिया गया।

संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान की प्रमुख विशेषताएं

(1) लिखित तथा संक्षिप्त संविधान

संयुक्त राज्य अमेरिका का संविधान लिखित है। इसे फिलाडेल्फिया सम्मेलन द्वारा एक विशेष समय पर बनाया गया था। यह संविधान संक्षिप्त तथा सरल है। इसमें केवल 13 धाराएं हैं जो केवल केंद्र सरकार की रचना, कार्य एवं शक्तियों का वर्णन करती है।

(2) लोकप्रिय प्रभु सत्ता पर आधारित

अमेरिकी संविधान लोकप्रिय प्रभु सत्ता के सिद्धांत पर आधारित है। संयुक्त राज्य अमेरिका में सर्वोच्च शक्ति जनता में निहित मानी गई है।

(3) कठोर संविधान

अमेरिकी संविधान की एक अन्य विशेषता कठोर संविधान है। संविधान निर्माता ने समय और परिस्थितियों के अनुसार संविधान में परिवर्तन लाने के लिए संशोधन प्रक्रिया का वर्णन किया है। संविधान की धारा 5 के अनुसार कांग्रेस के दोनों सदनों के दो तिहाई सदस्य जब आवश्यक समझे तो वह संविधान में संशोधन का प्रस्ताव रख सकते हैं अथवा अनेक राज्यों में से दो तिहाई राज्यों के विधानमंडलों के आवेदन पर कांग्रेस, संशोधन को प्रस्तावित करने के लिए सम्मेलन बुला सकती हैं, किसी भी दशा में सभी निमित्तों एवं उद्देश्यों के लिए, इस संविधान के रूप में कांग्रेस के प्रस्ताव की अनुरूप तीन चौथाई राज्य विधान मंडल अथवा राज्य सम्मेलनों द्वारा उसे स्वीकृति प्राप्त होना आवश्यक है।

(4) संघात्मक शासन व्यवस्था

अमेरिकी संविधान की एक अन्य महत्वपूर्ण विशेषता संघात्मक शासन है। अमेरिका 50 राज्यों का एक संघ है। अमेरिका के संघ राज्य में सम्मिलित होने वाली इकाइयां संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न इकाइयां थी जिनका अपना स्वतंत्र अस्तित्व था। इन इकाइयों ने संघ में सम्मिलित होकर केंद्र सरकार को सार्वभौम बनाया तथा महत्वपूर्ण शक्तियां केंद्र सरकार में निहित कर दी। अमेरिका में केंद्र और राज्यों मैं शासन शक्तियों का बंटवारा किया गया है। केंद्र सरकार की शक्तियों को गिनाकर शेष शक्तियां राज्य सरकारों को सौंप दी गई है। अमेरिका में न्यायपालिका स्वतंत्र तथा सर्वोच्च मानी गई है।

(5)अध्यक्षात्मक शासन व्यवस्था

अमेरिका में अध्यक्षात्मक शासन प्रणाली को अपनाया गया है।अध्यक्षात्मक शासन व्यवस्था शक्ति पृथक्करण सिद्धांत पर आधारित है। इस शासन व्यवस्था में सरकार की तीनों अंग—विधान पालिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका पृथक एवं स्वतंत्र होते हैं। देश का प्रधान वास्तविक कार्यपालिका प्रधान होता है। वह अपने कार्यों के लिए विधानमंडल के प्रति उत्तरदाई नहीं होता। विधान पालिका अपने गठन, कार्यकाल तथा कार्यवाहियों से पृथक तथा स्वतंत्र है। न्यायपालिका भी एक स्वतंत्र तथा सर्वोच्च अंग होता है।

(6) शक्ति पृथक्करण सिद्धांत पर आधारित 

 शक्ति पृथक्करण सिद्धांत अमेरिकी सिद्धांत का मूलभूत संवैधानिक सिद्धांत है। अमेरिकी संविधान निर्माता मॉण्टेस्क्यू की शक्ति पृथक्करण से अभिप्राय यह है कि शासन शक्ति एक स्थान पर केंद्रित नहीं होनी चाहिए। सरकार के तीनों अंग पृथक तथा स्वतंत्र रहे। कोई अंग किसी दूसरे के क्षेत्र में हस्तक्षेप ना करें। माण्टेस्क्यू का मत था कि यदि सरकार की तीनों शक्तियां— विधायी, कार्यकारी तथा न्यायिक एक व्यक्ति या व्यक्ति समूह को दे दी जाए तो नागरिक स्वतन्त्रता खतरे में पड़ जाएगी। अमेरिकी शासन व्यवस्था में सिद्धांत को पूर्ण रूप से अपनाया गया है।

(7) नागरिकों के मौलिक अधिकार 

अमेरिकी संविधान निर्माता ने संविधान निर्माण के समय नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा की व्यवस्था की थी। समय-समय पर पारित संवैधानिक संशोधन के द्वारा नागरिकों को मूलभूत अधिकार प्रदान किए गए हैं। लेकिन कहीं भी स्पष्ट रूप से अधिकारों से संबंधित अध्याय नहीं है। संविधान में स्पष्ट रूप से लिखा गया है— “कुछ अधिकारों की संविधान में गणना करने का यह अर्थ नहीं होगा कि जनता के अधिकारों का निषेध किया जाए या उपेक्षा की जाए।” यद्यपि अमेरिकी नागरिकों के मौलिक अधिकारों का स्पष्ट रूप से संविधान में वर्णन नहीं मिलता, फिर भी नागरिक को पर्याप्त मौलिक अधिकार प्राप्त हैं, जैसे -मतदान का अधिकार, विचार तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, शांतिपूर्ण तरीके से एकत्रित होने की स्वतंत्रता, हथियारों को रखने व धारण करने का अधिकार, कानून के समक्ष समानता तथा समान संवैधानिक सुरक्षा का अधिकार आदि।

(8) नियंत्रण तथा संतुलन की व्यवस्था 

शक्ति पृथक्करण सिद्धांत को व्यावहारिक बनाने के लिए नियंत्रण तथा संतुलन प्रणाली को भी अपनाया गया है। पूर्ण शक्ति पृथक्करण ना तो व्यावहारिक है और ना ही हितकर। इसलिए शासन की तीनों शक्तियों को इस प्रकार से व्यवस्था की गई है कि तीनों अंग अपने-अपने क्षेत्र में स्वतंत्र होते हुए भी एक दूसरे पर नियंत्रण रखे हुए हैं ताकि शक्ति संतुलन बना रहे।

(9) न्यायपालिका की सर्वोच्चता

अमेरिकी संविधान में न्यायपालिका की सर्वोच्चता को मान्यता दी गई। न्यायालय प्रशासन की समस्त शाखों को उनकी सीमाओं में रखते हैं, न्यायालय को संविधान की रक्षा एवं व्याख्या करने का अधिकार प्राप्त है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट को न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति दी गई है। न्यायपालिका की हो सकती कि वह किसी भी कानूनी कार्यपालिका के आदेश की संवैधानिकता का परीक्षण करने के लिए उसका निरीक्षण करें, न्यायिक पुनर्विलोकन की शक्ति कहलाती है। यदि न्यायपालिका की राय में कांग्रेस द्वारा पारित किया गया कानून संविधान के विरुद्ध हो, तो न्यायपालिका उस कानून को असंवैधानिक घोषित कर सकती है।

(10) संविधान की परंपराएं अथवा अभिसमय 

अमेरिकी संविधान का निरंतर विकास होता रहा है। संविधान के विकास में कई तत्वों का योगदान है, जैसे कांग्रेस द्वारा निर्मित कानून, कार्यपालिकाओं के आदेश, न्यायालयों के निर्णय, संवैधानिक संशोधन और अभिसमय। अभिसमयों या परंपराओं ने संविधान की प्रावधानों को किस तरह बदल दिया है, इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण राष्ट्रपति के चुनाव की विधि है। राजनीतिक दलों का उदय हो जाने के कारण राष्ट्रपति का चुनाव परोक्ष न रहकर एक तरह से प्रत्यक्ष बन गया। आम मतदाता निर्वाचक मंडल के सदस्यों का चुनाव करते हैं। क्योंकि राजनीतिक दलों ने निर्वाचन मंडल के लिए भी अपने-अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारने शुरू कर दिए, इसीलिए मतदाताओं के सामने मुख्य मुद्दा यह नहीं राहत कि निर्वाचक मंडल के लिए किस उम्मीदवार को जीताए या किस हराए। उनका लक्ष्य तो यह रहता है कि रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनाएं या डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार को। फलस्वरुप, अब राष्ट्रपति जनता की सीधी सांसद का परिणाम होता है, जब संविधान निर्माता निर्वाचन प्रक्रिया को अप्रत्यक्ष रखना चाहते थे।

निष्कर्ष 

संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान की विशेषताओं को देखते हुए अंत में यह कहा जा सकता है कि यह संविधान विश्व का एक अनूठा संविधान है। यह विश्व का सबसे —प्राचीन लिखित संविधान— है।

impo-Short questions and answers 

अमेरिका का संविधान कब लागू हुआ?

लेख-पत्र की धाराओं पर विचर्स विमर्श किए गए और अंत में 17 सितंबर, 1787 को इसे अमेरिकी संविधान का रुप दिया गया।

अमेरिका का संविधान किसने लिखा?

अमेरिका का संविधान कुछ विद्वानों ने मिलकर तैयार किया- जॉर्ज वाशिंगटन, जेम्स मेडीसन, अलेक्जेंडर हैमिल्टन, बैंजामिन, जेम्स विल्सन थे। लेकिन हस्ताक्षर जेम्स मेडीसन है।

अमेरिका का संविधान की विशेषता?

अमेरिका का संविधान की विशेषता - (1) लिखित तथा संक्षिप्त संविधान (2) लोकप्रिय प्रभु सत्ता पर आधारित (3) कठोर संविधान (4) संघात्मक शासन व्यवस्था (5)अध्यक्षात्मक शासन व्यवस्था (6) शक्ति पृथक्करण सिद्धांत पर आधारित (7) नागरिकों के मौलिक अधिकार (8) नियंत्रण तथा संतुलन की व्यवस्थआ (9) न्यायपालिका की सर्वोच्चतआ (10) संविधान की परंपराएं अथवा अभिसमय

अमेरिका का संविधान कितने पेज का है?

अमेरिका का संविधान 4000 शब्द और10 से 12 पेज का है।

अमेरिका का संविधान की खासियत क्या है?

संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान की विशेषताओं को देखते हुए अंत में यह कहा जा सकता है कि यह संविधान विश्व का एक अनूठा संविधान है। यह विश्व का सबसे —प्राचीन लिखित संविधान— है।

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