संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
संघ लोक सेवा आयोग (union public service commission) का गठन भारतीय संविधान की धारा 315 के अंतर्गत किया गया था। यह संविधान के निर्माता द्वारा भारतीय संविधान की प्रारंभिक प्राधिकृत सेवाओं की भर्ती के लिए एक स्वतंत्र और निष्पक्ष संगठन की आवश्यकता को मानते हुए किया गया था। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का गठन 26 जनवरी 1950 को हुआ था, जिस दिन भारतीय संविधान प्रभावी हुआ था। यह आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से भारतीय संघ लोक सेवाओं की भर्ती और प्रबंधन की प्रक्रिया का पालन करता है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
संघ लोक सेवा आयोग के गठन तथा कार्यो का उल्लेख
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का मुख्य कार्य विभिन्न संघ लोक सेवाओं (Civil Services) और पदों की भर्ती प्रक्रिया का आयोजन करना है। जिसमें प्राधिकृत सेवाओं के लिए प्रारंभिक और मुख्य परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। इसके अलावा संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के द्वारा सीधी भर्ती पदों की भी प्रक्रिया की जाती है।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) का गठन भारतीय संविधान के माध्यम से एक निष्पक्ष, पारदर्शी और व्यावसायिक संगठन के रूप में किया गया है जो सरकारी सेवाओं में उच्चतम योग्यता और प्रतिबद्धता वाले उम्मीदवारों का चयन करता है। यह सरकारी सेवाओं में पेशेवर और योग्य व्यक्तियों की बढ़ती मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
संघ लोक सेवा आयोग के कार्य
संघ लोक सेवा आयोग के कार्य ; संघ लोक सेवा आयोग के कार्यों की बात करें तो, (UPSC) भारत सरकार के अधीनस्थ संगठन है जो विभिन्न संघ लोक सेवाओं और पदों के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है और योग्य उम्मीदवारों का चयन करता है। यह भारतीय संविधान की धारा 315 के तहत स्थापित किया गया है और इसका मुख्य कार्य भारतीय संघ लोक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विद्युत निगम सेवा, और अन्य संघ लोक सेवाओं के लिए परीक्षाओं का आयोजन करना है।
(1) परीक्षा आयोजन
UPSC का प्रमुख कार्य परीक्षाएं आयोजित करना है। जिनके माध्यम से विभिन्न संघ लोक सेवाओं और पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाता है। यह परीक्षाएं भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विद्युत निगम सेवा (IES), भारतीय विदेश सेवा (IFS), तथा और अन्य संघ लोक सेवाओं के लिए होती हैं। UPSC प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन करता है जो उम्मीदवारों की ज्ञान और योग्यता की जांच करने के लिए होती है। यह परीक्षा विभिन्न प्रशासनिक सेवाओं की भर्ती के लिए होती है जैसे कि IAS, IPS, IFS आदि।
(2) चयन प्रक्रिया
UPSC परीक्षाओं के आधार पर योग्य उम्मीदवारों का चयन करता है। यह उम्मीदवारों की योग्यता, ज्ञान और कौशल की मान्यता की प्रक्रिया का हिस्सा होता है। UPSC भारतीय सरकारी सेवाओं में योग्य और प्रतिबद्ध उम्मीदवारों का चयन करने के लिए विभिन्न चरणों का पालन करता है।
- प्रारंभिक परीक्षा के लिए slaybas तैयार करना।
- प्रारंभिक परीक्षा के आयोजन कराना।
- प्रारंभिक परीक्षा की घोषणा करना।
- मुख्य परीक्षा आयोजित करना।
- साक्षात्कार (Interview)
- अंतिम सूची तैयार करना।
- पदों की नियुक्ति कराना।
(3) साक्षात्कार (Interview)
मुख्य परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। यह साक्षात्कार उम्मीदवारों की व्यक्तिगत सामाजिक नैतिक और योगिता की मान्यता करने में मदद करता है। यह प्रक्रिया प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, और साक्षात्कार (Interview) के माध्यम से उम्मीदवारों की योग्यता और प्रतिबद्धता की जांच करती है। UPSC के साक्षात्कार कार्यों का उद्देश्य —
- व्यक्तिगत प्रतिभा का मूल्यांकन करना।
- ज्ञान और कौशलता को मान्यता प्राप्त कराना।
- सामाजिक संवाद क्षमता का मूल्यांकन करना।
- विचार और व्यवहार - साक्षात्कार के माध्यम से आयोग उम्मीदवारों के विचारों की गहराई और व्यक्तिगतता को समझता है।
- कौशल और नैतिकता का मूल्यांकन करना।
(4) चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति
उम्मीदवारों की प्रारंभिक मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के परिणाम के आधार पर UPSC विभिन्न संघ लोक सेवाओं और पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति करता है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति का कार्य उन्हें विभिन्न संघ लोक सेवाओं और पदों में नौकरियाँ प्रदान करना होता है। यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है जिसमें चयनित उम्मीदवारों को उनकी योग्यता, कौशल तथा प्रतिबद्धता के आधार पर सरकारी सेवाओं में नौकरियाँ प्रदान की जाती हैं।
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