संयुक्त राष्ट्र के अंग
(organs of the united nations)
संयुक्त राष्ट्र संघ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसका उद्देश्य विश्व शांति और सुरक्षा को सुनिश्चित करना, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना, विकास को प्रोत्साहित करना, मानव अधिकार की रक्षा करना और विश्व भर में सहमति और सहयोग को बढ़ावा देना है। संयुक्त राष्ट्र संघ की केंद्र कई प्रमुख संगठनों और अवधारणा से मिलकर बने हुए होते हैं। संयुक्त राष्ट्र का मुख्यालय न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित है। संयुक्त राष्ट्र संघ के अंग —
संयुक्त राष्ट्र के अंग
organs of the united nations ; संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 अंग हैं।
1. महासभा (General Assembly)
संयुक्त राष्ट्र की एक महासभा है। इस सभा में सभी इच्छुक रसों को बिना भेदभाव के सदस्यता दी जाती है। प्रत्येक सदस्य राष्ट्र को इसमें अपने पांच प्रतिनिधि भेजने का अधिकार है, किंतु किसी भी निर्णायक मतदान के अवसर पर उन पांचो का केवल एक ही मत माना जाता है। इस सभा का अधिवेशन वर्ष में एक बार सितंबर महीने में होता है। आवश्यकता पड़ने पर एक से अधिक बार भी अधिवेशन हो सकता है। साधारण सभा प्रत्येक अंतर्राष्ट्रीय विषय पर विचार कर सकती है। साधारण विषयों में बहुमत से निर्णय लिया जाता है, किंतु विशेष विषयों के निर्णय के लिए दो- तिहाई बहुमत की आवश्यकता पड़ती है। महासभा के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का चुनाव प्रतिवर्ष होता है। इनकी नियुक्ति स्वयं साधारण सभा ही करती है।
2. सुरक्षा परिषद (security Council)
सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य होते हैं; जिनमें पांच स्थाई और 10 अस्थाई होते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस फ्रांस तथा साम्यवादी चीन संघ के पांच सदस्य स्थाई सदस्य हैं। 10 अस्थाई सदस्यों का चुनाव महासभा के द्वारा 2 वर्षों के लिए होता है। इस परिषद का मुख्य कार्य विश्व शांति को हर प्रकार से सुरक्षित रखना है। किसी भी वाद विवाद का अंतिम निर्णय पांच स्थाई सदस्यों की सहमति एवं चार अस्थाई सदस्यों की सहमति के आधार पर किया जाता है। यदि स्थाई सदस्यों में से किसी एक सदस्य की किसी विषय पर और स्वीकृत हो जाती है, तो वह निर्णय रद्द हो जाता है। स्थाई सदस्यों के इस अधिकार को निषेध अधिकार कहते हैं।
इस परिषद को विश्व मैं शांति स्थापना करने के लिए असीम अधिकार प्राप्त हैं। इस परिषद ने अपने इन अधिकारों का अनेक अवसरों पर सदुपयोग भी किया है। किसी आवश्यकता अनुसार अपनी सहेली शक्ति के प्रयोग करने का भी अधिकार प्राप्त है।
3. आर्थिक तथा सामाजिक परिषद
आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (1) से इस अंग की स्थापना का उद्देश्य आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़े हुए राष्ट्रों को आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति के लिए सहायता देना है। इसकी 54 सदस्यों का कार्य, अंतर्राष्ट्रीय अर्थ, समाज, स्वास्थ्य तथा शिक्षा एवं संस्कृति आदि से संबंधित समस्याओं का अध्ययन कर उनके समाधान हेतु योजना बनाना होता है। इस परिषद में एक वर्ष में तीन अधिवेशन अनिवार्य रूप से होने होते हैं। आवश्यकता होने पर विशेष अधिवेशन भी आमंत्रित किया जा सकते हैं।
4., संरक्षण परिषद (conservation council)
इस परिषद का मुख्य लक्ष्य विश्व में पराधीन एवं पिछड़े हुए देश की सुरक्षा व देखभाल करना है। संरक्षण परिषद संयुक्त राष्ट्र संघ का एक प्रमुख निष्पक्ष संगठन है। जिसका मुख्य कार्य अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। इस परिषद का उद्देश्य विवादों और अंतरराष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के लिए कदम उठाना है ताकि संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य और देश और उनके नागरिकों की सुरक्षा और शांति की रक्षा की जा सके। संरक्षण परिषद का सदस्यता 15 देशों की होती है, जिसमें पांच स्थाई सदस्य और 10 गैर स्थाई सदस्य होते हैं।
5. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (international court)
यह संयुक्त राष्ट्र का न्यायालय है। इसमें 15 न्यायाधीश होते हैं, जिनका चुनाव सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासभा द्वारा होता है। इस न्यायालय का कार्य अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार सदस्य राष्ट्रों के कानूनी विवादों को निपटाना है। युवा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय हेग (नीदरलैंड) स्थित है।
6. सचिवालय (Secretariat)
यह संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख कार्यालय है। इसका प्रधान सेक्रेटरी जनरल होता है। इसे महासचिव भी कहते हैं। इसके अधीन लगभग 10000 छोटे बड़े अधिकारियों को कर्मचारियों का एक वर्ग है। इसकी नियुक्ति सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासभा करती है। महासचिव का कार्य संयुक्त राष्ट्र के कार्यों की रिपोर्ट तैयार कर प्रतिवर्ष महासभा के सम्मुख प्रस्तुत करना होता है। इसके अतिरिक्त शांति एवं सुरक्षा के भंग होने की आशंका से संबंधित आशय की सूचना महासचिव सुरक्षा परिषद को देता है।
अंतर्राष्ट्रीय आणविक ऊर्जा एजेंसी
अंतर्राष्ट्रीय आणविक ऊर्जा एजेंसी (इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी - IAEA) — इस संगठन की स्थापना 1957 में हुई थी। यह संगठन परमाण्विक ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने और सैन्य उद्देश्यों में इसके इस्तेमाल को रोकने की कोशिश करता है। इस संगठन की अधिकारी नियमित रूप से विश्व की परमाण्विक सुविधाओं की जांच करते हैं ताकि नागरिक परमाणु संयंत्रों का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए ना हो।
ह्यूमन राइट्स वॉच
यह भी मानव अधिकारों की वकालत और उनसे संबंधित अनुसंधान करने वाला एक अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संगठन है। जो अमेरिका का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन है। यह दुनिया भर की मीडिया का ध्यान मानवाधिकारों के उल्लंघन की ओर खींचता है। इसने बारूदी सुरंगों पर रोक लगाने के लिए, बाल सैनिकों का प्रयोग रोकने के लिए और अंतरराष्ट्रीय दंड न्यायालय स्थापित करने के लिए अभियान चलाने में मदद की है।
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