लोकतांत्रिक समाजवाद: अर्थ, परिभाषा एवं सिद्धांत | democratic socialism

लोकतांत्रिक समाजवाद (democratic socialism)

लोकतांत्रिक समाजवाद का अर्थ : यह एक समाजवादी विचारधारा है जो उसका अभिन्न अंग है। लेकिन इसको विभिन्न या अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। जैसे किसको कहीं विकासवादी समाजवाद, सामूहिक समाजवाद एवं समष्टिवादी राज्य समाजवाद आदि यह सार्वजनिक कल्याण का समर्थन करते हुए मनुष्य के बीच असमानता को नष्ट करते हैं। आति हो शोषण का विरोध तथा सामाजिक व आर्थिक व्यवस्था का निर्माण करते हुए सामाजिक मूल्यों को प्रोत्साहन देना है।

लोकतांत्रिक समाजवाद की परिभाषा

लोकतांत्रिक समाजवाद एक राजनीतिक-आर्थिक विचारधारा है जो सामाजिक न्याय, सामाजिक समानता और लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को आधार बनाते हुए समाज में न्यायपूर्ण और सामाजिक उत्थान की स्थापना का प्रयास करता है। इस विचारधारा का मुख्य उद्देश्य समृद्धि और समाज में समानता के साथ लोगों के विकास को प्रोत्साहित करना होता है।

लोकतांत्रिक समाजवाद: अर्थ, परिभाषा एवं सिद्धांत | democratic socialism

विद्वानों के अनुसार, “यह भूमि तथा उद्योग पर व्यक्तिगत स्वामित्व को नष्ट करके उन्हें राज्य के अधिकार में लाना चाहती है जिसे यह लोक कल्याण तथा प्रगति का प्रधान यंत्र बनाना चाहती है।”

एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के अनुसार, “यह वह नित्य सिद्धांत है जिसका उद्देश्य एक केंद्रीय प्रजातांत्रिक सत्ता द्वारा संपत्ति का वर्तमान समय की अपेक्षा अधिक अच्छा वितरण तथा उत्पादन करना है।”

   इस प्रकार हम कह सकते हैं कि लोकतांत्रिक समाजवाद, समाजवाद का ही एक अंग है। परंतु हो विचारधारा धन के समान वितरण तथा सार्वजनिक कल्याण पर बल देती है। इस प्रकार दोनों परिभाषाओं ने लोकतांत्रिक प्रणाली के समाजवादी पहलुओं को अपने विचारों से प्रस्तुत किया है।

लोकतांत्रिक समाजवाद के सिद्धांत

लोकतांत्रिक समाजवाद का सिद्धांत यह है कि समाज में सामाजिक और आर्थिक न्याय के माध्यम से सभी वर्गों के लोगों को समान अवसर प्राप्त होने चाहिए, और विभिन्न वर्गों के बीच समानता की दिशा में कदम उठाना चाहिए। इसके अंतर्गत, सामाजिक सुधारों के माध्यम से गरीबी, निम्न आय वर्ग और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों की स्थिति में सुधार करने का प्रयास किया जाता है।

(1) लोकतांत्रिक समाजवाद पूंजीवाद व साम्यवाद का विरोधी है 

लोकतांत्रिक समाजवाद पूंजीवाद को असामान्यता और सामान्य जनता के शोषण पर आधारित है। वहीं वह साम्यवाद का भी विरोध करता है और ‘नवीन साम्राज्यवाद का मंत्र कहकर उसकी निंदा करता है।’ 

(2) लोकतांत्रिक समाजवाद धर्म व नैतिकता पर आधारित है

लोकतांत्रिक समाजवाद धर्म व नैतिकता का समर्थन करता है। इस प्रकार समाजवाद ने धर्म से प्रणाली है जिसका मूल सिद्धांत नैतिकता है। लोकतांत्रिक समाजवाद के सिद्धांतों में धर्म और नैतिकता का महत्वपूर्ण आधार होता है। यह विचारधारा सामाजिक न्याय और समाज में समानता की स्थापना करने के लिए नैतिक और धार्मिक मूल्यों का सम्मान करती है। तथा लोकतांत्रिक समाजवाद धर्म और नैतिकता के मूल्यों का पालन करते हुए समाज में सामाजिक समानता, न्याय और समृद्धि की स्थापना करने का प्रयास करता है।

(3) लोकतांत्रिक समाजवाद प्रजातंत्र का उपासक है

लोकतांत्रिक समाजवाद प्रजातंत्र का उपासक है" का अर्थ है कि यह विचारधारा प्रजातंत्रिक राजनीति और समाजवाद के मूल सिद्धांतों के साथ मिलकर समृद्धि, समानता, और सामाजिक न्याय की प्राप्ति की दिशा में प्रयास करती है। यह मानवीय अधिकारों की प्रोत्साहना करती है और एक सामर्थ्यशाली, संरचित प्रजातंत्र की महत्वपूर्णता को स्वीकार करती है। लोकतांत्रिक समाजवाद, समाजवाद का कट्टर समर्थक है तथा प्रजातंत्र का उपासक है। क्योंकि उनका मानना है कि प्रजातंत्र में ही मानव के व्यक्तित्व का विकास होता है। नॉर्मन थॉमस के अनुसार, समाजवाद प्रजातंत्र की ही पूर्ण सिद्धि है।

(4) लोकतांत्रिक समाजवाद वर्ग सहयोग में विश्वास करते हैं

लोकतांत्रिक समाजवाद वर्ग सहयोग मैं विश्वास करते हैं क्योंकि समाजवादी वर्ग सहयोग को मजबूत करके एक उत्तम लोकतांत्रिक समाजवाद की स्थापना करना चाहते हैं। लोकतांत्रिक समाजवाद के सिद्धांत में वर्ग सहयोग का महत्वपूर्ण स्थान होता है। यह विचारधारा मानती है कि समाज में विभिन्न वर्गों के लोगों को साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता होती है ताकि सामाजिक समानता और न्याय की स्थापना हो सके।

 निष्कर्ष conclusion — इन सभी अध्ययनों से हम इस लक्ष्य पर पहुंचाते हैं कि प्रजातांत्रिक समाजवादी व्यवस्था उसे संपत्ति को समाप्त करना चाहते हैं जो शोषण को जन्म देती है। इसका सैद्धांतिक पक्ष अत्यधिक स्पष्ट है। यह एक ऐसी विचारधारा है जिससे समाजवादी आदर्श की प्राप्ति लोकतांत्रिक साधनों से की जा सकती है। इस प्रकार लोकतांत्रिक समाजवादियों ने मानव का मानव द्वारा शोषण रोकने का पूरा पूरा प्रयास किया है। भारत में इसका समर्थन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया तथा समाज के हर मूल्यों में समानता को लाने का पूरा पूरा प्रयास किया जिसके द्वारा इसकी जड़ें मजबूत हुई।


impo-Short questions and answers 

लोकतांत्रिक समाजवाद का अर्थ?

यह एक समाजवादी विचारधारा है जो उसका अभिन्न अंग है। लेकिन इसको विभिन्न या अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। जैसे किसको कहीं विकासवादी समाजवाद, सामूहिक समाजवाद एवं समष्टिवादी राज्य समाजवाद आदि।

लोकतांत्रिक समाजवाद के दो प्रमुख गुण बताइए?

लोकतांत्रिक समाजवाद के दो प्रमुख गुण - (1) सार्वजनिक कल्याण का समर्थन (2) सामाजिक मूल्यों को प्रोत्साहन।

लोकतांत्रिक समाजवाद को परिभाषित कीजिए?

यह वह नित्य सिद्धांत है जिसका उद्देश्य एक केंद्रीय प्रजातांत्रिक सत्ता द्वारा संपत्ति का वर्तमान समय की अपेक्षा अधिक अच्छा वितरण तथा उत्पादन करना है।

लोकतांत्रिक समाजवाद के सिद्धांत?

लोकतांत्रिक समाजवाद के सिद्धांत - (1) लोकतांत्रिक समाजवाद पूंजीवाद व साम्यवाद का विरोधी है (2) लोकतांत्रिक समाजवाद धर्म व नैतिकता पर आधारित है (3) लोकतांत्रिक समाजवाद प्रजातंत्र का उपासक है (4) लोकतांत्रिक समाजवाद वर्ग सहयोग में विश्वास करते हैं

लोकतांत्रिक समाजवाद के दो प्रमुख दोष बताइए?

लोकतांत्रिक समाजवाद के दो प्रमुख दोष - (1) लोकतांत्रिक समाजवाद प्रजातंत्र का उपासक है। (2) नवीन साम्राज्यवाद का मंत्र कहकर उसकी निंदा करता है।

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