एकात्मक तथा संघात्मक शासन प्रणाली में अंतर
(Akatmak tatha sanghatmak shasan mein antar)
(1) शक्तियों में अंतर
एकात्मक शासन प्रणाली में शक्तियां केंद्रीय सरकार में ही निहित होती है। लेकिन संघात्मक शासन प्रणाली में शक्तियां केंद्र तथा राज्य सरकारों में वितरण होता है।
(2) सर्वोच्चता में अंतर
एकात्मक शासन प्रणाली में व्यवस्थापिका संप्रभु होती है और अपनी इच्छा अनुसार कानून बना सकती है। और वही संघात्मक शासन प्रणाली में संविधान सर्वोच्च होता है अतः संप्रभु की इच्छा कानून नहीं हो सकती है।
(3) कानून प्रणाली में अंतर
एकात्मक शासन प्रणाली में केंद्रीय सरकार द्वारा निर्मित कानून सर्वोपरि होता है। लेकिन संघात्मक शासन प्रणाली में दोहरे कानून होते हैं।
(4) संविधान के प्रकार में अंतर
एकात्मक राज्यों में संविधान लिखित और अलिखित अथवा कठोर व लचीला किसी भी प्रकार का हो सकता है। लेकिन वही संघात्मक शासन प्रणाली में संविधान का कठोर एवं लिखित होना ही आवश्यक होता है।
(5) संविधान के संशोधन में अंतर
एकात्मक शासन प्रणाली में संविधान का संशोधन व्यवस्थापिका द्वारा साधारण कानून की भांति हो सकता है। लेकिन संघात्मक शासन में संविधान का संशोधन एक जटिल प्रक्रिया द्वारा विशेष परिस्थितियों में होता है।
(6) न्यायपालिका के कार्य में अंतर
एकात्मक शासन प्रणाली में न्यायपालिका का कार्य निर्णायक नहीं होता है वरन् वह यह देखती है कि व्यवस्थापिका द्वारा कानूनों का पालन तथा क्रियान्वयन ठीक से हो रहा है अथवा नहीं। वहीं दूसरी ओर संघात्मक शासन प्रणाली में यदि व्यवस्थापिका संविधान की धाराओं के विरुद्ध कानून बनाए तो न्यायपालिका उस कानून को अवैध घोषित करके प्रभावहीन कर सकती है।
(7) क्षेत्र में अंतर
एकात्मक शासन छोटे क्षेत्र वाले देशों के लिए उपयुक्त होती है, जहां पर भाषा एवं संस्कृति की एकता पाई जाती है। वही संघात्मक शासन प्रणाली विशाल देश के लिए उपयुक्त है, जहां पर भाषा व संस्कृति की भिन्नता पाई जाती है।
(8) निरंकुशता
एकात्मक शासन प्रणाली में शासक निरंकुश हो जाता है, चौकी उस पर संविधान द्वारा प्रबंधकों का अभाव होता है। और वही संघात्मक शासन प्रणाली में शासक के अधिकार संविधान द्वारा प्रतिबंधित होते हैं अतः वह निरंकुश नहीं हो सकता है। क्योंकि उस पर निगरानी होती रहती है।
(9) नीति निर्धारण में अंतर
एकात्मक शासन प्रणाली में प्रशासकीय की नीतियों का निर्धारण सरलता से हो सकता है। लेकिन संघात्मक शासन प्रणाली में इकाइयों के परामर्श के अनुसार नीतियों का निर्धारण होने की व्यवस्था के कारण कार्य में विलंब होता है।
(10) व्यय (लागत) में अंतर
एकात्मक शासन प्रणाली में प्रकाशित किए विभागों की संख्या कम होने के कारण काम यही होता है और शासन प्रणाली मितव्ययी होती है। और वही संघात्मक शासन प्रणाली में इकाइयों व संघ सरकार के लिए अलग-अलग प्रशासकीय विभाग होने के कारण शासन प्रणाली अधिक खर्चीली होती है।
(11) इकहरी वह दोहरी नागरिकता का अंतर
एकात्मक शासन में नागरिक एक सरकार के प्रति भक्ति रखते हैं अतएव इस प्रणाली में इकहरी नागरिकता होती है। लेकिन संघात्मक शासन में नागरिक संघ सरकार और अपने राज्य की सरकार दोनों के प्रति उत्तरदाई होता है अतएव इस में दोहरी नागरिकता होती है।
(12) स्थाई हितों की उपेक्षा
एकात्मक शासन प्रणाली में स्थानीय हितों की उपेक्षा की जाती है। लेकिन संघात्मक शासन प्रणाली में स्थानीय हितों की उपेक्षा नहीं की जा सकती है।
(13) नौकरशाही का आतंक
एकात्मक शासन प्रणाली में सरकारी कर्मचारियों का शासन होता है अर्थात नौकरशाही का आतंक होता है। लेकिन संघात्मक शासन प्रणाली में नौकरशाही का महत्व नहीं है, वहां पर जनता का शासन होता है।
(14) क्रांति की संभावना
एकात्मक शासन में केंद्र के विरुद्ध क्रांति की संभावना बनी रहती है। लेकिन संघात्मक शासन प्रणाली में क्रांति की संभावना कम रहती है।
(15) प्रशासकीय इकाईयों में अंतर
एकात्मक शासन प्रणाली में प्रशासकीय की इकाइयां केंद्र पर निर्भर रहती हैं। वह स्वतंत्र नहीं होती हैं। लेकिन संघात्मक शासन प्रणाली में प्रशासक की इकाइयां अंतरिक्ष क्षेत्र में पूर्ण रुप से स्वतंत्र होती हैं।
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(16) शक्ति प्राप्ति
एकात्मक शासन प्रणाली में सभी इकाइयां केंद्र से ही शक्ति प्राप्त करती। और वही दूसरी ओर संघात्मक शासन प्रणाली में इकाइयों संविधान से शक्ति प्राप्त करती हैं।
समीक्षा (संघात्मक शासन एकात्मक शासन से उत्तम है)
एकात्मक तथा संघात्मक शासन प्रणालियों के अंतर से यह स्पष्ट होता है कि इन दोनों में संघात्मक शासन प्रणाली उत्तम है। इस शासन प्रणाली में स्थानीय स्वशासन तथा राष्ट्रीय एकता संभव है। इस प्रणाली द्वारा जनता की रूचि स्थानीय मामलों में विशेष रूप से बढ़ जाती हैं। छोटे-छोटे राज्यों की सुरक्षा की दृष्टि से भी यह प्रणाली बहुत लाभदायक है। इस प्रणाली में संघ सरकार निरंकुश नहीं हो पाती है। तथा यह शासन प्रणाली बड़े देशों के लिए बहुत उपयुक्त है जिनमें भाषा धर्म जाति नस्ल और संस्कृतियों की विभिन्नता पाई जाती हैं। इसमें आर्थिक तथा सांस्कृतिक प्रगति की संभावनाएं अधिक होती हैं। वस्तुतः संघात्मक शासन प्रणाली विश्व राज्य के लिए एक आदर्श है। संघ सरकार का भविष्य उज्जल है। विश्व में अनेक राज्य संघात्मक शासन को स्थापित करने के लिए प्रयत्नशील है। यूरोप के लगभग 16 स्वतंत्र तथा संप्रभु राष्ट्रों के द्वारा यूरोपीय संघ का निर्माण किया गया है। इन राष्ट्रों की आपस में मिलकर आर्थिक स्थिति अमेरिका से भी कहीं अधिक सुदृढ़ हो गई है। यदि यह प्रयास सफल सिद्ध होता है तो भविष्य में इस शब्द अफ्रीका के राष्ट्रीय दिशा में विचार करने के लिए बाध्य हो सकते हैं। अतः संघात्मक शासन व्यवस्था एकात्मक की तुलना में प्रत्येक दृष्टि से अति उत्तम है।
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