प्रथम विश्व युद्ध (1914) के कारण, परिणाम तथा प्रभाव- letest education

प्रथम विश्वयुद्ध (1914-19)

   1914 ईस्वी में प्रारंभ हुआ प्रथम विश्व युद्ध न केवल यूरोप की वर्णन विश्व इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है इससे पूर्व हुए समस्त युग क्षेत्रीय स्तर पर लड़े गए थे। अथवा दो तीन देशों के मध्य हुए थे प्रथम विश्व युद्ध में विश्व के अधिकांश देश उलझे हुए थे तथा किसी- न- किसी पक्ष को समर्थन दे । रहे थे उस तू तो इस महा युद्ध की आशंका बहुत समय पूर्व सेज की जा रही थी 1828 भी में बिस्मार्क की भविष्यवाणी करते हुए स्पष्ट किया था मैं युद्ध नहीं देखूंगा परंतु तुम देखोगे और यह पश्चिमी एशिया में प्रारंभ होगा। 

प्रथम विश्व युद्ध के कारण एवं परिणाम

प्रथम विश्वयुद्ध के कारण

प्रथम विश्व युद्ध क्यों हुआ —

(1) आर्थिक साम्राज्यवाद

प्रथम विश्व युद्ध के कारण में औद्योगिक क्रांति ने यूरोप में साम्राज्यवाद को प्रोत्साहन दिया और यूरोपीय राष्ट्र अपने राज्यों की सीमाओं के विस्तार के लिए बड़े। उन्हें अपने उद्योग धंधे को संचालित करने के लिए कच्चे माल और तैयार माल की बिक्री के लिए बाजार की आवश्यकता अनुभव हुई अतः वे अपने उपनिवेश बनाने में संलग्न हो गए इस प्रतिद्वंद्विता के कारण अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में शांति है उत्तेजना व्याप्त हो गई और विभिन्न राष्ट्रों के मध्य पास पर एक कविता एवं ईष्या की भावना उत्पन्न होने लगी। उपनिवेशवाद की हद और यूरोप में युद्ध का वातावरण तैयार करने में बड़ी सहायक सिद्ध हुई।

(2) गोपनीय संन्धियां

 प्रथम विश्व युद्ध का मौलिक कारण गोपनीय संध्या थी। 1914 ईस्वी के पूर्व ही संपूर्ण यूरोप दो शक्तिशाली गुणों में व्यक्त हो चुका था। इन गुणों का निर्माण गोपनीय संदेशों के परिणाम स्वरूप हुआ था। जर्मनी के चांसलर बिस्मार्क ने सर्वप्रथम फ्रांस को यूरोपीय राज्यों से पृथक रखने के लिए गुड बंदी प्रथा को जन्म दिया था बिस्मार्क की मृत्यु के बाद जर्मनी के सम्राट सर विलियम दितीय ने गुड बंदी को विशेष प्रोत्साहन दिया उसने जर्मनी को विशाल साम्राज्य बनाने की योजना बनाई।

(3) उग्र राष्ट्रीयता

फ्रांस की राज्यक्रांति के बाद राष्ट्रीयता की भावना यूरोपी राज्यों को प्रभावित करने लगी थी। बीसवीं शताब्दी में यूरोपीय राष्ट्र राष्ट्रीयता के वशीभूत हो चुके थे इस भावना के परिणाम स्वरूप सभी यूरोपीय राष्ट्र अपने राष्ट्रीय हितों को डिलीट करने और अन्य राष्ट्रों के हितों की अवहेलना करने लगे। इस प्रकार इस भावना ने अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में तनाव उत्पन्न कर दिया था । ऐसी स्थिति में विश्व युद्ध का विस्फोट होना सर्वथा स्वाभाविक था।

(4) द्वितीय मोरक्को संकट

1911 ईस्वी में मोरक्को का संकट उत्पन्न हो गया। फ्रांस ने मोरक्को की क्रांति का दमन करने के लिए एक सेना भेज दी, जिसका विरोध करते हुए जर्मनी ने मोरक्को में अपने एक जहाजी बेड़े को भेज दिया। इससे फ्रांस और जर्मनी के मध्य युद्ध शुरू जाने की संभावना हो गई इंग्लैंड में फ्रांस का समर्थन किया जिससे जर्मनी कुछ समय के लिए शुभ हो गया लेकिन वह अपने युद्ध की तैयारियां करने व्यस्त ही रहा।

(5) बाल्कन संकट

भजन संध्या के बाद सेटकी पर जर्मनी का प्रभाव निरंतर बढ़ता जा रहा था टर्की के सुल्तान की योग्यता के कारण वहां के प्रशासन में कोई सुधार ना हो सका था और ना ही वहां की सारी जनता मुस्लिम अत्याचारों से मुक्ति पा सके थे तथा वह रुष्ट होकर विरोध करने लगे। टर्की की इस अव्यवस्था का लाभ उठाकर 1911 ई० में इटली ने त्रिपोली पर अधिकार कर लिया। इससे उत्साहित होकर बाल्कन राज्यों ने 1912 ईस्वी में टर्की पर आपने कर दिया और टर्की को बुरी तरह पराजित कर दिया। तत्पश्चात बाल्कन राज्यों में लूट के माल के विभाजन के विवाद पर परस्पर संघर्ष छिड़ गया। बाल्कन दूसरे युद्ध में बुल्गारिया को पराजय का मुंह देखना पड़ा।


प्रथम विश्व युद्ध - कारण, परिणाम, प्रभाव- letest education


प्रथम विश्वयुद्ध के प्रभाव (परिणाम) 

(1) युद्ध की व्यापकता

प्रथम विश्व युद्ध के परिणाम ;प्रथम महायुद्ध विश्वव्यापी था। इस युद्ध में इतने राज्यों ने भाग लिया जितनी पहले किसी भी युद्ध में शामिल न हुए थे। यह युद्ध यूरोप और एशिया महाद्वीप में लड़ा गया और इसमें विश्व की लगभग 36 देशों ने भाग लिया। 87% जनता ने इस युद्ध में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से भाग लिया। लगभग 6.5 करोड़ व्यक्तियों ने इस युद्ध में प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया। विश्व युद्ध में विशाल टाइम को विषैली गैसों हवाई जहाज और पनडुब्बियों आदि का बहुयातायात से प्रयोग किया गया।

(2) जन और धन की क्षति

 विश्व युद्ध में धन और जन की अपार क्षति हुई धान के अभूतपूर्व विनाश में यूरोपीय देशों के आर्थिक तंत्र को भंग कर दिया अर्थशास्त्रियों की गणना के अनुसार इस युद्ध में कुल 10 अरब रुपए खर्च हुए।

(3) राजनीतिक परिणाम

निरंकुश राज्यों का अंत ; प्रथम विश्व युद्ध के पूर्व जर्मनी की अनेक छोटी छोटी रियासतों जो निरंकुश राजाओं के अधिकार में थी का अंत हो गया और वे  स्वतंत्र हो गई। ऑस्ट्रेलिया हंगरी का प्राचीन राजतंत्र भी समाप्त हो गया बुल्गारिया का राजतंत्र भी भंग हो गया रूस में तानाशाही के स्थान पर साम्यवादी तानाशाही की स्थापना हो गई।

गणराज्यो की स्थापनाप्रथम विश्व युद्ध के परिणाम स्वरूप यूरोप में गणतंत्रातमत विचारधारा की लहर चारों ओर फैल गई फ्रांस पुर्तगाल इटली स्वीटजरलैंड और इंग्लैंड में तो पहले से ही वैधानिक राज्य सत्ता स्थापित हो चुकी थी परंतु प्रथम विश्व युद्ध के बाद तो संपूर्ण विश्व में गणतंत्र वादी विचारधारा विकसित होने लगी। रूस जर्मनी ऑस्ट्रिया फिनलैंड पोलैंड टर्की यूक्रेनिया युगोस्लाविया आदि राज्यो में गणतंत्र की स्थापना हुई।

(4) सामाजिक परिणाम

विश्व युद्ध के अनेक सामाजिक परिणाम भी निकले। युद्ध काल में अनिवार्य सैनिक कार्य सेवा लागू होने के कारण बहुत से व्यक्तियों को युद्ध में भाग लेना पड़ा था उनके स्थान पर स्त्रियां ग्रह कार्य छोड़कर कल कारखानों आदि में कार्य करने लगी। इससे स्त्रियों की स्वतंत्रता एवं अधिकार में वृद्धि होने लगी। प्रथम विश्व युद्ध मैं लाखों व्यक्तियों की मृत्यु हो गई और सभी देशों में स्त्रियों की संख्या बढ़ गई जिसके कई घातक परिणाम हुए युद्ध के कारण शिक्षा की प्रगति रुक गई किंतु विज्ञान के क्षेत्र में अनेक नवीन आविष्कार हुए।

(5) समाजवाद का विकास

 प्रथम विश्व युद्ध के परिणाम स्वरूप यूरोप में समाजवाद का द्रुत गति से विकास होने लगा। सभी देशों में सरकार उद्योग धंधों पर नियंत्रण लगाने लगी और श्रमिकों को सुविधाएं प्रदान करने लगी समाजवाद के विकास के कारण कुछ आंदोलन का भी प्रादुर्भाव हुआ। 

(6) निरंकुश राज्यों का अंत 

प्रथम विश्व युद्ध के पूर्व जर्मनी की छोटी-छोटी रियासतों, जो निरंकुश आ जाऊं के अधिकार में थे उनका अंत हो गया और वह स्वतंत्र हो गई। ऑस्ट्रिया हंगरी का प्राचीन राजतंत्र भी समाप्त हो गया। बुल्गारिया का राजतंत्र भी भंग हो गया। रूस में जरशाही की तानाशाही के स्थान पर साम्यवादी तानाशाही की स्थापना हो गई।

(6) ‘league of Nations’ की स्थापना 

अमेरिका के राष्ट्रपति वुडरो विल्सन के 14 सिद्धांतों के आधार पर भावी युद्धों को रोकने के लिए लीग ऑफ नेशंस नामक एक अंतरराष्ट्रीय संस्था की स्थापना की गई।

(8) धार्मिक व आर्थिक परिणाम 

प्रथम महायुद्ध में राष्ट्रीय धन के विनाश से अनेक राष्ट्र दिवालिया हो गए। इस युद्ध ने सभी राज्यों के कल कारखाने, उत्पादन के साधनों तथा अचल संपत्तियों को नष्ट कर दिया जिससे मुद्रा का अवमूल्यन और वस्तुओं के मूल्य में अपार वृद्धि हुई और यूरोप में विशेष कर इंग्लैंड में भीषण आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया। और इस युद्ध का धार्मिक परिणाम भी हुआ। यूरोप की इसी अपने धर्म में आस्थाहीन हो गए। रूस में नास्तिक वाद का विकास हुआ और वहां पर गिरजाघर को नष्ट किया जाने लगा।

निष्कर्ष (conclusion)

प्रथम विश्व युद्ध मानव इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना थी। इस युद्ध के परिणाम बड़े दुर्गा में और प्रभावकारी सिद्ध हुए। इस युद्ध के बाद हुए पेरिस शांति सम्मेलन में जो निर्णय लिए गए उन्होंने हारे हुए राष्ट्र जर्मनी में तो असंतोष को जन्म दिया ही, परंतु जीते हुए राष्ट्रों की आकांक्षाओं की पूर्ति न कर सके। परिणाम स्वरुप द्वितीय विश्व युद्ध की भूमिका भी हाथ के हाथ ही पड़ गई।

note click here — जाने द्वितीय विश्व युद्ध के कारण एवं परिणाम

impo-Short questions and answers 

प्रथम विश्व युद्ध कब हुआ?

प्रथम विश्वयुद्ध 1914 ई० में हुआ।

प्रथम विश्व युद्ध किसने जीता?

प्रथम विश्व युद्ध मैं मित्र राष्ट्रों की विजय हुई।

प्रथम विश्वयुद्ध कितने वर्ष चला?

प्रथम विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला था।

प्रथम विश्वयुद्ध के कारण?

प्रथम विश्व युद्ध के कारण - (1) आर्थिक साम्राज्यवाद (2) गोपनीय संन्धियां (3) उग्र राष्ट्रीयता (4) द्वितीय मोरक्को संकट (5) बाल्कन संकट (6) तात्कालिक कारण- सेरायेवो का हत्याकांड (7) बोस्निया और हर्जेगोविना की समस्याएं

प्रथम विश्व युद्ध के प्रभाव अथवा परिणाम?

प्रथम विश्व युद्ध के प्रभाव/परिणाम - (1) युद्ध की व्यापकता (2) जन और धन की क्षति (3) राजनीतिक परिणाम - गणराज्यो की स्थापना, निरंकुश राज्यों का अंत (4) सामाजिक परिणाम (6) निरंकुश राज्यों का अंत (6) ‘league of Nations’ की स्थापना (8) धार्मिक व आर्थिक परिणाम

यूरोप के किस घटना ने प्रथम विश्व युद्ध का रूप ले लिया?

28 जून 1914 ई० को ऑस्ट्रिया-हंगरी के युवराज फर्डिनेंड की हत्या की घटना ने विश्व युद्ध का रूप ले लिया।

प्रथम विश्व युद्ध को विश्व युद्ध क्यों कहा जाता है?

प्रथम महायुद्ध को विश्व युद्ध किसने कहा जाता है क्योंकि इस युद्ध में 36 देश तथा संसार की 87% जनसंख्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भाग।

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