जैविक खेती (Organic farming)
प्रस्तावना-
जैविक खेती (Organic farming) का आशय ऐसी खेती से है जिसमें रसायनों (chemicals) का प्रयोग नहीं होता तथा ज्यादा मशीनों का उपयोग नहीं होता और भूमि की उर्वरा शक्ति देखकर उसमें फसलें तैयार की जाती है। जैविक खेती एवं पशुपालन भारतीय संस्कृति का सदियों से एक आधार रहा है। कृषि एवं पशुपालन दोनों ही एक दसरे के पूरक हैं जिनको कभी भी एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता है, क्योंकि पशुपालन से ही जैविक खेती पूर्ण की जाती है। लेकिन बीसवीं सदी के अंतिम दशकों में जब से खेती में मशीनीकरण एवं रसायनों (chemicals) के क्षेत्र में वृद्धि हुई है, तब से पशुपालन व्यवस्था में निरंतर गिरावट देखने को मिली है जिसके फलस्वरूप भूमि की उर्वरा शक्ति एवं उत्पादकता का अंत होना प्रारंभ हो गया।
पिछले पांच छह दशकों से बिना सोचे समझे लोग रसायनिक खादों का अत्यधिक मात्रा में एवं लगातार उपयोग करने के कारण में मृदा (मिट्टी) में कार्बनिक पदार्थों में भारी गिरावट आई है, साथ ही लोग के आजकल कीटनाशकों के उपयोग से फसलों की कीट प्रतिरोधक क्षमता भी घट गई है। और साथ ही खरपतवार नियंत्रण भी मुश्किल हो गया है। रसायनों के बचे हुए अंश से भी खाद्य पदार्थों की निरंतर उत्पादन एवं संरक्षण पर भारी असर पड़ता है और पढ़ रहा है। रासायनिक उर्वरक व कीटनाशकों के निरंतर उपयोग से न केवल जल दूषित हुआ है बल्कि समस्त वातावरण दूषित होने से विभिन्न प्रकार की महामारी या बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। ऐसी परिस्थितियों में जैविक खेती ही एक ऐसा विकल्प है जिससे ना केवल वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है बल्कि किसान की माली हालत को भी सुधारा जा सकता है।
जैविक खेती फसलों से ही प्राप्त पदार्थों से की जाती है उसमें रसायनों का प्रयोग नहीं किया जाता उसने उन्हीं पदार्थों का उपयोग किया जाता है जो जैविक हो जिससे फसलों को नुकसान ना हो और उन पर आश्रित इंसानों पर भी कोई नुकसान नहीं हो, और जिस में कृत्रिम खाद रासायनिक मिश्रण जैसे रासायनिक खाद की एवं रोग नाशक, खरपतवार, नाशक विधि नियंत्रण रसायनों आदि का उपयोग करना वर्जित है।
जैविक खेती के मुख्य उद्देश्य -
जैविक खेती करते समय किसान या कृषक को करने वाली कुछ मुख्य बातें-
जैविक खेती करते समय किसान या कृषक को रखने वाले सावधानियां-
बीमारियों पर रोक-
अगली पीढ़ी की सुरक्षा-
जैविक खेती?
जैविक खेती (Organic farming) का आशय ऐसी खेती से है जिसमें रसायनों (chemicals) का प्रयोग नहीं होता तथा ज्यादा मशीनों का उपयोग नहीं होता और भूमि की उर्वरा शक्ति देखकर उसमें फसलें तैयार की जाती है। जैविक खेती एवं पशुपालन भारतीय संस्कृति का सदियों से एक आधार रहा है।
जैविक खेती के जनक कौन है?
जैविक खेती के जनक अल्बर्ट हावर्ड है।
जैविक खेती कैसे करें?
1. किसान अपने खेत में घास फूस , पत्तियां आदि ना जलाएं बल्कि उन्हें इकट्ठा करके कंपोस्ट खाद बनाएं। 2. अपने जैविक क्षेत्र में मुख्य फसल के चारों तरफ बॉर्डर फसल जरूर उगाई जैसे ज्वार, बाजरा, मक्का, अरहर, चना आदि। 3. जैविक खेतों की घेराबंदी अच्छी तरह से करें ताकि सभी खेतों से पानी बहकर ना आ पाए।
जैविक खेती करते समय क्या सावधानी रखें?
1. जैविक व अजैविक फसल के उत्पाद का साथ-साथ भंडारण न करें। 2. जैविक और अजैविक बीच जैसे - आलू, लहसुन, अदरक, हल्दी आदि का भंडारण साथ-साथ ना करें। 3. जैविक खेती में वर्जित रासायनिक (chemical )एवं और अरासायनिक( non chemical ) निवेश उपयोग ना करें।
जैविक खेती के क्या फायदे हैं?
(1) जैविक कृषि पद्धति विकसित करना। (2) भूमि की उर्वरा शक्ति है उत्पादकता में स्थिरता लाना। (3) बीमारियां कम करना। (4) रासायनिक खेती किस स्थान पर जैविक खेती को प्रसाद देना।
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