दबाव समूह का अर्थ, परिभाषा, कार्य, गुण एवं दोष-pressure group

 दबाव समूह से संबंधित कुछ बिंदुओं को स्पष्ट करेंगे जैसे- 

1) दबाव समूह का अर्थ एवं परिभाषा 

2) दबाव समूह के गुण एवं दोष

 दबाव समूह(pressure group)

dabaw samuh : आधुनिक प्रजातांत्रिक समाजों में कुछ विशेष हितों की रक्षा के लिए अनेक समूह का निर्माण किया जाता है। इन समूहों को हित समूह लांवीज(लब्बीज) या दबाव समूह के नाम से संबोधित किया जाता है। इनका उदय सर्वप्रथम अमेरिका में हुआ कुछ समय पहले तक इस प्रकार के समूह को घृणा की दृष्टि से देखा जाता था किंतु वर्तमान समय में यह राजनीतिक जीवन का महत्वपूर्ण अंग बन चुके हैं यह विधानमंडल के पीछे विधानमंडल बन गए हैं प्रो. फाइनल ने इन्हें अज्ञात साम्राज्य कहकर पुकारा है।

दबाव समूह का अर्थ, परिभाषा, कार्य, गुण एवं दोष-pressure group

दबाव समूह का अर्थ (Meaning of pressure group)

दबाव समूह का अर्थ -  दबाव समूह से हमारा अभिप्राय है कि ग्रुप से संगठित ऐसे समूह से होता है जो सरकार से बाहर रहकर सरकारी अधिकारियों की नियुक्ति सरकार की नीति तथा इसके प्रशासन एवं निर्णय को प्रभावित करने का प्रयत्न करता है। दबाव समूह को यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह समाज में जनहित ओं का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा उनके पक्ष में सरकारी नीतियों को मोड़ने का प्रयत्न करते हैं। इसके लिए भी सरकार पर दबाव डालते हैं इनका निर्माण वर्ग विशेष के हितों की रक्षा के लिए किया जाता है इनका किसी भी राजनीतिक दल से संबंध नहीं होता है लेकिन राजनीतिक दल इनका समर्थन प्राप्त करने का प्रयत्न करते हैं। 

मायरन वीनर के शब्दों में, ‘दबाव समूह से हमारा तात्पर्य शासन के ढांचे से बाहर स्वैच्छिक रूप से संगठित ऐसे समोसे होता है जो प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति तथा नामजद की विधि निर्माण और सार्वजनिक नीति के क्रियान्वयन को प्रभावित करने में प्रयत्नशील रहते हैं’’।

दबाव समूह अपनी सामान्य हितों की प्राप्ति के लिए सार्वजनिक नीति को प्रभावित करते रहते हैं और अपने पक्ष में कानून बनवा लेते हैं। 

दबाव समूह के कार्य 

1- शासन के लिए सूचनाएं एकत्रित करना

दबाव समूह के कार्य : शासन को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रत्येक देश की सरकार तथा शासन के पास आवश्यक सूचनाएं पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए शासन की सूचनाओं के गैर सरकारी स्रोत के रूप में दबाव समूह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं दबाव समूह आंकड़े एकत्रित करते रहते हैं तथा उन्हें सरकार को पहुंचाते हैं। 

2- सरकार की निरंकुशता को  सीमित करना

दबाव समूह अपने साधनों द्वारा केंद्रीकरण की प्रवृत्ति के कारण सरकार की बढ़ती हुई निरंकुशता को सीमित करते हैं। 

3- लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अभिव्यक्ति के साधन

दबाव समूह को लोकतंत्र की अभिव्यक्ति का साधन माना जाता है दबाव समूह विभिन्न तरीकों से अपनी मांगे मनवाने का प्रयास करते हैं ।जनता को शिक्षित करके आंकड़े एकत्रित करके नीति निर्माताओं के पास आवश्यक सूचना पहुंचा कर अपनी अभीष्ट की प्राप्ति करना आज लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अंग बन गया है। 

4- व्यक्ति और सरकार के मध्य संचार के साधन

दबाव समूह के कार्य लोकतान्त्रिक व्यवस्था में दबाव समूह व्यक्तिगत हितों का राष्ट्रीय हितों के साथ सामंजस्य स्थापित करते हैं यह जनता और सरकार के मध्य संचार साधन का कार्य करते हैं।  

5- विधानमंडल के पीछे विधानमंडल का कार्य

दबाव समूह विधि निर्माण में सांसदों विधायकों की सहायता करते हैं। अपनी विशेषज्ञता के कारण यह विधि निर्माण समिति के सदस्यों को आवश्यक परामर्श देते हैं। इनके इनके परामर्श वह सहायता के कारण ही इन्हें विधानमंडल के पीछे विधानमंडल कहा जाने लगा है।   

6- क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के पूरक

वर्तमान प्रजातांत्रिक व्यवस्था में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व की प्रणाली को अपनाया जाता है। क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व में व्यावसायिक प्रतिनिधित्व के तत्वों को सम्मिलित करने इसके द्वारा क्षेत्रीय ‘प्रतिनिधित्व के पूरक’ की भूमिका निभाई जाती है।

 निष्कर्ष

इस प्रकार दबाव समूह उसे आधार पर निर्माण करते हैं जिसके बल पर लोकतंत्र के आदर्शों और राष्ट्रीय एकता को प्राप्त किया जा सकता है।

                  दबाव समूह के गुण दोष 

दबाव समूह के गुण

1- हितों के प्रति लोकमत का निर्माण

 दबाव गुटों का प्रमुख लाभ यह है कि इन गुटों के माध्यम से जनता को यह पता चलता है कि उसके हित किन-किन बातों में निहित है यदि दबाव घुटना हो तो जनता को यह पता न चले कि कौन -सी बाद में उसका हित छुपा हुआ है दबाव गुड ही किसी विचारधारा के पक्ष में एक स्वस्थ  लोकमत का निर्माण करने में सफल हो सकते हैं। 

2- हितों के रक्षार्थ सरकार को सचेत करना

 दबाव गुट सदैव ही अपने हितों के लिए सरकार से मांग करते हैं ।यह दबाव गुड सरकार को हितों की पूर्ति के लिए सदैव जागृत सकते हैं यदि सरकार इनके हितों के प्रति उपेक्षा रखती है तो वह हड़ताल वह विरोध प्रदर्शन आदि का सहारा लेकर सरकार को हितों की पूर्ति करने के लिए विवश करते हैं इन दबाव गुटों की ऐसी कार्यवाही ओं के कारण सरकार सदैव जागरूक रहती है इसलिए दबाव गुटों को सरकार की जागृति का साधन माना गया है। 

3- सरकार के अत्याचारों का विरोध

दबाव गुट के गुण में सरकार के अत्याचारों से जनता की रक्षा करते हैं यदि कोई सरकार दबाव गुटों के हितों के विरुद्ध कार्य करती है तो दबाव गुड उस सरकार के विरुद्ध हड़ताल या विरोध प्रदर्शन करते हैं और इस प्रकार सरकार की निरंकुशता का अंत करते हैं। 

4- संगठन की भावना को दृढ़ करना

दबाव गुटों का अपना एक ग्रेड संगठन होता है इस संगठन से प्रभावित होकर समाज के अन्य समूह में संगठित होने लगते हैं। और इस प्रकार दबाव कोट समाज के विभिन्न समूह को संगठित होने के लिए प्रेरित करता है। 

5- विशेष वर्गों का हित साधन

दबाव गुट का संबंध किसी ना किसी विशिष्ट सामाजिक वर्ग से होता है। इन विशिष्ट सामाजिक वर्गों के हितों की सुरक्षा इन्हीं द्वार गुटों के कारण संभव है। 

6- प्रशासकीय नीति को प्रभावित करना

दबाव गुट प्रशंसकों को यह भी सुझाव देते हैं कि उनको कब और किस प्रकार के कानून बनाने हैं। दबाव गुटों के द्वारा अपने हितों के बारे में बार-बार सरकार के सामने अपनी मांगे पेश की जाती हैं। इन्हीं मांगू के आधार पर संसद में प्रशासकीय वर्ग को दबाव गुटों के हितों से संबंधित प्रस्तावों को प्रस्तुत करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त दबाव गुटों का सीधा संबंध राजनीतिक दलों से होता है इसलिए भी दबाव गुट प्रशंसकों को प्रभावित करते हैं।

7- सांसदात्मक शासन में संसद की तानाशाही पर रोक

सांसदात्मक शासन प्रणाली में जनता के प्रतिनिधि विधानसभाओं में पहुंचते हैं। प्रतिनिधि अपने-अपने दलों या क्षेत्र के हित में कानून का निर्माण करने का प्रयास करते हैं किंतु इसके साथ ही वह दबाव गुटों के हितों की रक्षा करने पर भी विवश हो जाते हैं। इस प्रकार दबाव समूह सांसदात्मक सरकार में संसद की तानाशाही पर एक अंकुश का कार्य करते हैं।

8- सरकार या प्रशासक वर्ग की निरंकुश्ता का अंत 

दबाव समूह के भाई से सरकार या प्रशासक वर्ग कोई भी निरंकुश कार्य कार्य नहीं कर सकता है इसलिए कहा जाता है कि दबाव समूह सरकार व प्रशासकों पर नियंत्रण करके जनता के हितों की रक्षा करता है।

दबाव गुट के दोष

1- भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन

दबाव गुट समाज में अपने स्वास्थ्य की पूर्ति करने के लिए भारतीय भारती के अनुचित साधनों का प्रयोग करके भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं इस प्रकार भ्रष्टाचार की वृद्धि के कारण समाज में अनेक प्रकार के दोष उत्पन्न हो जाते हैं और इसलिए अंत में सामाजिक विघटन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। 

2- सामाजिक अशांति का जन्म

विभिन्न दबाव गुटों के कारण समाज में विभिन्नता रखने वाले विभिन्न समूह में विभाजित हो जाता है विभिन्न समूह अपने अपने स्वार्थों के पूरा करने के लिए परस्पर लड़ते रहते हैं इसलिए समाज में अशांति की स्थिति उत्पन्न हो जाती है इस दृष्टि से यह कहना भी अनुचित न होगा कि दबाव गुटों के कारण सामाजिक अशांति का जन्म होता है।  

3- सरकार के कार्य में बाधा

दबाव गुट अपने हितों की रक्षा करते हैं और अपने स्वार्थों को पूरा करने के लिए सरकार के कार्य में बाधा उपस्थित करते हैं इसलिए दबाव गुटों को सरकारी कार्यों का रोड़ा कहा जाता है। 

4- राष्ट्रीय प्रगति में बाधा

 दबाव गुट राष्ट्र की प्रगति में भी बाधक सिद्ध होते हैं क्योंकि यह संसद के विधि -निर्माण संबंधी कार्यों में बाधा डालते हैं और प्रकाश को पर अनुचित प्रभाव डालकर प्रकाशीय कुशलता को कम करते हैं।  

5- अन्तर्राष्ट्रीय में बाधक

 अनेक बार दबाव समूह अंतरराष्ट्रीय हितों को हानि पहुंचाने का भी आधार बन जाते हैं इस प्रकार या अंतरराष्ट्रीय हितों में बाधक होते हैं। 

6- सार्वजनिक कल्याण का अभाव

दबाव समूह अपने-अपने हितों की सुरक्षा में इतने लीन रहते हैं कि उनका सार्वजनिक कल्याण के कार्यों के लिए कोई भी समय नहीं मिलता है। इसलिए कुछ आलोचकों ने यहां तक कह दिया कि दबाव गुट सार्वजनिक कल्याण की भावना की अपेक्षा करते हैं। इन दबाव समूह के स्वार्थ इस सीमा तक टकराते हैं कि इन्हें सार्वजनिक हितों की अपेक्षा अवश्य ही करनी पड़ती है।

7- राष्ट्र के हितों की अवहेलना

दबाव समूह के दोष अपने ही स्वार्थ में इतने अंधे हो जाते हैं कि उनका ध्यान राष्ट्र के हितों की ओर नहीं जाता है। भारत में ही दबाव समूह के कारण राष्ट्रीय हितों की अपेक्षा कई बार की गई है। बैंकों का राष्ट्रीयकरण राष्ट्रीय के हित में था किंतु व्यापारियों के संघ ने एक दबाव समूह के रूप में इस राष्ट्रीयकरण के मार्ग में बहुत दिनों तक बढ़ाया उपस्थिति की। ये दबाव गुट अंतर्राष्ट्रीय हितों को भी हानि पहुंचाते हैं। कभी-कभी यह दबाव समूह अपनी मांगों को पूरा करने के उद्देश्य से आतंकवादी समूह से भी अपना संबंध स्थापित कर लेते हैं।


impo-Short questions and answers 

दबाव समूह का अर्थ क्या है?

दबाव समूह से हमारा अभिप्राय है कि ग्रुप से संगठित ऐसे समूह से होता है जो सरकार से बाहर रहकर सरकारी अधिकारियों की नियुक्ति सरकार की नीति तथा इसके प्रशासन एवं निर्णय को प्रभावित करने का प्रयत्न करता है।

दबाव समूह के कार्य कौन-कौन से होते हैं?

1- शासन के लिए सूचनाएं एकत्रित करना। 2- सरकार की निरंकुशता को सीमित करना। 3- लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अभिव्यक्ति के साधन।

दबाव समूह की विशेषता क्या है?

दबाव समूह की विशेषता -हितों के प्रति लोकमत का निर्माण, हितों के रक्षार्थ सरकार को सचेत करना, सरकार के अत्याचारों का विरोध, विशेष वर्गों का हित साधन

दबाव समूह के उदाहरण क्या-क्या है?

दबाव समूह निम्न प्रकार के होते हैं जैसे- छात्र संघ, व्यापारी संघ तथा अन्य संघ जो गैर सरकारी होते हैं।

दबाव समूह के दोष कोन- कौन से हैं?

दबाव समूह के दोषों की बात करें तो भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन, सामाजिक अशांति का जन्म, सरकार के कार्य में बाधा,राष्ट्रीय प्रगति में बाधा जैसे दबाव समूह के दोष है।

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